वातावरण की रक्षा के लिए वृक्षारोपण जरूरी : नगर आयुक्त

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  • वातावरण की रक्षा के लिए वृक्षारोपण जरूरी : नगर आयुक्त
  • वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत कान्हा उपवन में मियावाकी पद्धति से 400 वर्ग मीटर के पैच बनाकर पौधे रोपे गये
  • नाला निर्माण कार्य  23 जून तक की पूर्ण करा लिया जाय

(www.arya-tv.com)नगर आयुक्त डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी के नेतृत्व में वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत कान्हा उपवन में मियावाकी पद्धति से 400 वर्ग मीटर के पैच बनाकर पौधे रोपे गये। इस अवसर पर श्री त्रिपाठी ने कहा कि पेड़ और पौधे हमारे वातावरण और प्रकृति के अहम हिस्सा हैं इसलिए वातावरण को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए वृक्षारोपण बहुत ही आवश्यक है।

साथ ही उनके द्वारा अवगत कराया गया कि मियावाकी पद्धति के प्रणेता जापानी वनस्पति वैज्ञानिक श्री अकीरा मियावाकी है। इस पद्धति से बहुत कम समय में जंगलों को घने जंगलों में परिवर्तित किया जा सकता है। इस योजना ने घरों के आगे अथवा पीछे खाली पड़े स्थान को छोटे बागानों में बदलकर शहरी वनीकरण की अवधारणा में क्रांति ला दी है। इस पद्धति में देशी प्रजाति के पौधे एक दूसरे के समीप लगाए जाते है, जो कम स्थान घेरने के साथ ही अन्य पौधों की वृद्धि में भी सहायक होते है। सघनता की वजह से यह पौधे सूर्य की रौशनी को धरती पर आने से रोकते है, जिससे धरती पर खरपतवार उग नहीं पाता है। तीन वर्षो के पश्चात इन पौधों को देखभाल की आवश्यकता नहीं होती है। पौधे की वृद्धि 10 गुना तेजी से होती है जिसके परिणामस्वरूप वृक्षारोपण सामान्य स्थिति से 30 गुना अधिक सघन होता है। जंगलों को पारंपरिक विधि से उगने में लगभग 200 से 300 वर्षो का समय लगता है, जबकि मियावाकी पद्धति से उन्हें केवल 20 से 30 वर्षो में ही उगाया जा सकता है।

पौधारोपण के इस कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक (पशु कल्याण) डाॅ. ए.के. राव, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह, नगर अभियंता महेश वर्मा, उद्यान अधीक्षक गंगाराम गौतम, सहायक अभियंता आलोक श्रीवास्तव उपस्थित रहकर सहयोग प्रदान किया गया।
इस वृक्षारोपण कार्यक्रम में मियावाकी पद्धति से आज 400 वर्गमीटर क्षेत्रफल पैच तैयार कर देशी प्रजातियों के 450 विभिन्न पौधे जैसे आवला, इमली, अमरुद, नीम, केसिया, कनेर, तुलसी एवं लेमनग्रास इत्यादि पौधे रोपित किए गए।

इसके साथ ही नगर आयुक्त द्वारा जोन-8 के राजा बिजली पासी वार्ड के अंतर्गत सेक्टर-एल, आशियाना में यू.टी. कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट से जल वायु विहार कालोनी तकं निर्मित किए जा रहे नाला निर्माण कार्य का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान निर्देशित किया गया कि उक्त निर्माण कार्य को बारिश का मौसम प्रारम्भ होने के पूर्व 23 जून तक की पूर्ण करा लिया जाय। निरीक्षण के दौरान नगर अभियंता, जोनल अधिकारी, सहायक अभियंता व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।