मरीजों को रिकार्ड लेकर नहीं जाना होगा अस्पताल, ये नंबर बताते ही खुल जाएगी पूरी हिस्ट्री

Gorakhpur Zone

गोरखपुर (www.arya-tv.com) ई-हास्पिटल परियोजना के अंतर्गत पूरे देश के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों की व्यवस्था डिजिटल की जा रही है। इस क्रम में बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कालेज के नेहरू अस्पताल में काम शुरू हो गया है। अब पर्चा, जांच शुल्क जमा करने व मरीज को भर्ती करने समेत सभी कार्य ग्लोबल साफ्टवेयर पर किए जाएंगे।

मरीज का यूएचआइडी (यूनिक हेल्थ आइडेंटिफिकेशन) नंबर जेनरेट किया जाएगा, उस नंबर से पूरे देश में वह कहीं दिखा सकता है। एक क्लिक पर मरीज की पूरी हिस्ट्री डाक्टर के कंप्यूटर या मोबाइल पर होगी। मरीज का पर्चा भी उसके मोबाइल पर भेज दिया जाएगा, जिसपर यूएचआइडी नंबर दर्ज होगा। अब किसी भी अस्पताल में जाने पर मरीज को अपना पूरा रिकार्ड लेकर नहीं जाना होगा।

बीआरडी मेडिकल कालेज में शुरू हुई व्यवस्था, 174 कंप्यूटर लगे

बीआरडी मेडिकल कालेज में एक बार यदि मरीज ने इलाज करा लिया है, वह देश के किसी अस्पताल में इलाज कराने जाएगा तो उसे पूरा रिकार्ड लेकर जाने की जरूरत नहीं है। वह सिर्फ अपना यूएचआइडी नंबर बताएगा और डाक्टर उसकी पूरी हिस्ट्री अपने कंप्यूटर पर खोल लेंगे। इस व्यवस्था का सबसे ज्यादा फायदा गंभीर रोगों के मरीजों को मिलेगा, जिनकी दवा लंबी चलती है।

ओपीडी में पर्चा भी अब ई-हास्पिटल के पोर्टल पर कटने लगा है। यह वही साफ्टवेयर है जो पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल सांइजेस (पीजीआइ) या अन्य अस्पतालों में चल रहा है। यह भारत सरकार का साफ्टवेयर है जो देश के सभी अस्पतालों में लागू होगा। पूरी व्यवस्था अब पेपरलेस कार्य की ओर बढ़ रही है। नेहरू अस्पताल में 174 कंप्यूटर लगा दिए गए हैं। कुछ काम शुरू हो गए हैं लेकिन काम अधिक होने से ज्यादातर अभी मैनुअल ही किए जा रहे हैं।

ओपीडी काउंटर व वार्डों में कंप्यूटर लगे

सभी वार्डों व ओपीडी पर्चा काउंटरों पर कंप्यूटर लगा दिए गए हैं। साथ ही वार्डों में बारकोड स्कैनर भी दे दिया गया है। मरीज के पर्चे पर बारकोड होता है, उसे स्कैन कर डाक्टर उसकी पूरी हिस्ट्री देख लेते हैं। मरीज को पर्चा अब उसके मोबाइल पर भेजा जा रहा है। जिसके पास एंड्रायड या विंडो मोबाइल नहीं है, उन्हें प्रिंट करके दिया जा रहा है।

पोर्टल पर हो रहे ये काम

पर्चा कट रहा है।

मरीजों की भर्ती हो रही है।

दवा इसी पोर्टल से इश्यू हो रही है।

बेडशीट व कपड़े इश्यू किए जा रहे हैं।

यह चल रही तैयारी

पैथोलाजी व रेडियोलाजी को जोड़ने की तैयारी चल रही है।

जांच के यूजर चार्ज अब पोर्टल के माध्यम से जमा किए जाएंगे।

जांच रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड की जाएगी और मरीजों को मोबाइल पर भेज दी जाएगी।

मरीजों का डिस्चार्ज, रेफर, ट्रांसफर सब इसी से होगा।

पूरी व्यवस्था होगी कैमरे की नजर में

पूरी व्यवस्था सीसी कैमरे की नजर में होगी। हर जगह कैमरा होगा। प्राचार्य, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक व अन्य अधिकारी कहीं से भी अपने मोबाइल पर अस्पताल की पूरी व्यवस्था कभी भी देख सकेंगे।

डिजिटल इंडिया मिशन के तहत यह कार्य चल रहा है। यूएचआइडी नंबर को भविष्य में आधार से भी लिंक करने की योजना है। इसे मोबाइल नंबर से अभी जोड़ा जा रहा है। मरीज के पास यूएचआइडी नंबर न हो तो भी उसके मोबाइल नंबर से ही उसकी पूरी हिस्ट्री निकल जाएगी।

जब आधार से जुड़ जाएगा तो मरीज केवल आधार कार्ड लेकर डाक्टर के पास जाएगा। डाक्टर उसी के माध्यम से मरीज को अब तक काैन दवा कितने दिन चली है, उसकी जांच रिपोर्ट क्या है, सब देख लेंगे। – डा. राजेश कुमार राय, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक, नेहरू अस्पताल, बीआरडी मेडिकल कालेज।