जैश के आतंकी शकरगढ़ से भारत में दाखिल हुए, यहां पाकिस्तानी रेंजर्स का हेडक्वॉर्टर

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(www.arya-tv.com)सेना, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गुरुवार सुबह ट्रक में छिपकर आ रहे जैश-ए-मोहम्मद के 4 आतंकवादियों को मार गिराया। सुरक्षा अधिकारियों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर भास्कर को बताया कि आतंकवादी शकरगढ़ से भारत में दाखिल हुए थे। यहां पाकिस्तानी रेंजर्स का हेडक्वॉर्टर है। घुसपैठ में उनकी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है।

ऑपरेशन को जम्मू-कश्मीर पुलिस के IG मुकेश सिंह ने लीड किया। उन्होंने आतंकवादियों से हथियार डालने के लिए कहा और चेतावनी दी कि ऐसा न करने पर अंजाम बुरा होगा। इसके बाद कुछ ही मिनटों में ट्रकों में छिपे चारों आतंकी ढेर कर दिए गए। उनके पास से 11 एके-47, 3 पिस्टल, 29 ग्रेनेड, 6 UBGL ग्रेनेड और मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं।

भास्कर ने विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव से सवाल किया कि क्या आतंकियों की घुसपैठ पाकिस्तान के सियालकोट से हुई है, क्या इस मसले को भारत पाकिस्तान के सामने उठाएगा? श्रीवास्तव ने जवाब दिया कि ऐसी गतिविधियां पाकिस्तानी सेना के समर्थन के बिना नहीं हो सकती हैं। हमने पाकिस्तान हाईकमिशन को समन भेजा था और सीमा पर पाकिस्तान के सीजफायर वॉयलेशन का कड़ा विरोध किया है। हमने कड़े शब्दों में पाकिस्तान को बताया है कि भारत के खिलाफ किसी भी सूरत में आतंकवाद की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सुरक्षा बलों के पास पहले से सूचना थी

IG मुकेश सिंह ने कहा कि हमारे पास सूचना थी कि लश्कर और जैश के आतंकवादी पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ करेंगे। हम अलर्ट थे। इससे पहले कभी भी घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के पास से इतनी बड़ी तादाद में असलहा और गोला-बारूद नहीं मिला है। ये आतंकवादी कश्मीर घाटी की ओर जा रहे थे। इनका मकसद कुछ बड़ा करने का था। ट्रक का ड्राइवर फरार है। ट्रक से बरामद सैटेलाइट और मोबाइल फोन की जांच की जा रही है।

आतंकियों के मोबाइल से मिले नंबरों की जांच

सिक्योरिटी से जुड़े सूत्रों ने भास्कर को बताया कि जैश के ये आतंकवादी रात में शकरगढ़ से दाखिल हुए थे। ये पहाड़ी नालों के रास्ते साम्बा और हीरानगर के बीच नेशनल हाईवे पर पहुंचे। ट्रक में तड़के करीब 3 बजे के आसपास बैठे। इन आतंकवादियों की पाकिस्तान के सियालकोट स्थित लॉन्च पैड से मदद की गई। यहां उनका हैंडलर मोहम्मद रऊफ था। रऊफ सियालकोट के जेश मॉड्यूल का सरगना है। पुलिस को आतंकियों से बरामद मोबाइल से कुछ नंबर मिले हैं। उनकी जांच की जा रही है।

बॉर्डर पर फायरिंग की आड़ में घुसे आतंकवादी

एक सूत्र ने बताया कि पहले भी शकरगढ़ से घुसपैठ का मामला सामने आया था। तब भी पाकिस्तानी रेंजर्स ने घुसपैठ में आतंकवादियों की मदद की थी। पहले की ही तरह इस बार भी फेक रजिस्ट्रेशन नंबर का इस्तेमाल किया गया। इंटरनेशनल बॉर्डर पर बुधवार रात 12 बजे गोलीबारी की गई थी। इससे ही घुसपैठ को लेकर सेना सतर्क हो गई थी। आतंकी इसी दौरान भारतीय सीमा में घुसे। सुरक्षा बल उस सुरंग को भी ढूंढ रहे हैं, जिसके जरिए घुसपैठ की गई।

जिला परिषद चुनाव से पहले बड़े हमले की साजिश थी

अब तक की जांच में सामने आया है कि जिला परिषद के चुनाव से एक दिन पहले आतंकवादी बड़ा हमला करना चाहते थे। उनका मकसद चुनावों को प्रभावित करना था। खुफिया एजेंसियों ने सुरक्षाबलों को घुसपैठ के बारे में अलर्ट भेजा था। एक्सपर्ट का मानना है कि अनुच्छेद-370 हटने के बाद यह एनकाउंटर बड़ी कामयाबी है। इससे आतंकवाद के खिलाफ अभियान और मजबूत होगा।

घाटी में घुसपैठ का केंद्र जम्मू होगा

15 कॉर्प्स के पूर्व जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि जब घाटी में घुसपैठ होगी तो निश्चित तौर पर जम्मू केंद्र में होगा। ये आदमी और बाकी सामान भेजने का रास्ता भी होगा। पीर पंजाल नेटवर्क अब भी अस्तित्व में है। हालांकि, एजेंसियों के अच्छे काम ने इसे काफी नुकसान पहुंचाया है। दूसरी बात, पुलिस और दूसरे सुरक्षाबल अपने ऑपरेशन्स से ये निश्चित कर रहे हैं कि जम्मू रीजन में आतंकवाद को फिर से पनपने नहीं देंगे। यह आगे भी जारी रहना चाहिए।