अफगान शरणार्थी नहीं जाएंगे जेल:पाकिस्तान कागज नहीं दिखाने पर लगाएगा जुर्माना

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(www.arya-tv.com) अफगानिस्तान के बॉर्डर पर लगातार हो रही झड़प के बीच पाकिस्तान की सरकार ने फैसला किया है कि वो गैर कानूनी तरीके से वहां रह रहे अफगानियों को वापस नहीं भेजेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान उन पर जुर्माना लगाएगा और जेल भेजने की बजाए उन्हें ब्लैक लिस्ट कर देगा।

हालांकि, अक्टूबर में पाकिस्तान ने एक टीवी ऐड जारी किया था। जिसमें बताया गया था कि विदेशी नागरिक जो समय से ज्यादा पाकिस्तान में रुकेंगे उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें या तो जेल भेजा जाएगा या जबरदस्ती वापस अपने देश भेज दिया जाएगा।

पाकिस्तान में नहीं मिला काम करने का अधिकार
दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान के लौटने के बाद से हजारों अफगानियों ने पाकिस्तान में शरण ली थी। इनमें से कई लोगों के पास कोई कानूनी वीजा नहीं हैं। ये चमन क्रॉसिंग प्वाइंट से गैर कानूनी तरीके से पाकिस्तान में घुसते हैं। पाकिस्तान के वीजा के इंतजार में अफगानिस्तान की सेना के पूर्व फौजी और अधिकारी भी हैं। जिनके पास पूरे कागज नहीं हैं पाकिस्तान में उन अफगानियों को काम करने का अधिकार भी नहीं है।

दोनों देशों के बीच लगातार खराब हो रहे रिश्ते
तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं। काफी समय से बॉर्डर पर फायरिंग हो रही है जिसमें दोनों देशों के कई लोग मारे जा चुके हैं। हाल ही अफगानिस्तान में पाकिस्तान की एसेंबली पर हमला भी हुआ था।

  • पाकिस्तान और अफगानिस्तान को डूरंड लाइन अलग करती है। अफगानिस्तान इस बॉर्डर को नहीं मानता और पाकिस्तान के कई इलाकों को अपना बताता है। पाकिस्तान ने यहां कांटेदार तार से फेंसिंग की तो तालिबान ने इसे बुल्डोजर चलाकर उखाड़ दिया। इस बॉर्डर पर दो हफ्ते में 7 पाकिस्तानी फौजी मारे जा चुके हैं। दोनों देशों के बीच ट्रेड इसी बॉर्डर एरिया से होता है।
  • कंधार के एक तालिबानी अफसर ने कहा- हम यहां नया चेक पाइंट बनाना चाहते थे। पाकिस्तान ने इसे रोकने की कोशिश की। इसी वजह से तनाव बढ़ा। हमारा एक सैनिक शहीद हुआ और 10 नागरिक घायल हुए। इसके बाद जवाबी कार्रवाई की गई।
  • 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा किया था। इसके बाद पाकिस्तान में खुशियां मनाई गईं। तब के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने तो तालिबान की जीत को ‘गुलामी की जंजीरें तोड़ना’ करार दिया, लेकिन एक साल के पहले ही दोनों देशों में दुश्मनी चरम पर है।
  • नवंबर महीने में 8 दिन लगातार फायरिंग हुई थी
  • न्यूज एजेंसी के मुताबिक, नवंबर में इसी बॉर्डर एरिया में 8 दिन तक लगातार फायरिंग हुई थी। इसकी वजह से दोनों तरफ काफी नुकसान हुआ था। तब पाकिस्तान ने डिप्लोमैटिक तरीके से मामला सुलझाने की कोशिश की थी। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान पाकिस्तान की सीमा में आतंकी भेज रहे हैं और ये टेरेरिस्ट पाकिस्तान में हमले करते हैं।