ओवैसी का असम के सीएम पर पलटवार, बोले- यह सांप्रदायिक मानसिकता

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(www.arya-tv.com) ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने यूसीसी के मुद्दे को लेकर केंद्र पर फिर तीखा हमला बोला है। साथ ही उन्होंने असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के बयान पर भी पलटवार किया। ओवैसी ने शनिवार (15 जुलाई) को कहा कि गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई और चीनी घुसपैठ जैसे मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाने के लिए यूसीसी की बात की जा रही है।

हिमंत बिस्वा सरमा पर निशाना साधते हुए असदुद्दीन औवेसी ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री ने सब्जियों की ऊंची कीमतों के लिए बंगाली भाषी मुसलमानों को दोषी ठहराया, यह सांप्रदायिक मानसिकता है। देश में एक ऐसी मंडली है जिसके घर अगर भैंस दूध न दे या मुर्गी अंडा न दे तो उसका इल्जाम भी मियां जी पर ही लगा देंगे।

उन्होंने कहा कि शायद अपनी निजी नाकामियों का ठीकरा भी मियां भाई के सर ही फोड़ते होंगे। उन्हें (बीजेपी) जवाब देना चाहिए कि क्या वे पूरे पूर्वोत्तर में यूसीसी लाएंगे, जहां बहुत सारे आदिवासी हैं। दरअसल, जानकारी के मुताबिक हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जियों की दरें कम हैं। हालांकि, शहरों में आते-आते कीमतें बढ़ जाती हैं। सभी विक्रेता दरें बढ़ा रहे हैं और उनमें से ज्यादातर मियां लोग हैं।

हैदराबाद के सांसद ने कहा कि हमारी पार्टी यूसीसी का विरोध करेगी। अगर विपक्षी दल बीजेपी को हराना चाहते हैं तो आपको यह अंतर दिखाना होगा कि आप बीजेपी की ओर से निर्धारित एजेंडे का पालन नहीं करेंगे। विपक्षी दल बड़े ‘चौधरियों’ का एक क्लब हैं। आपने हमारे तेलंगाना सीएम को बैठक में आमंत्रित नहीं किया है। वह कोई सामान्य व्यक्ति नहीं बल्कि राजनीति के बड़े खिलाड़ी हैं।

एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि 14 जून 2023 को विधि आयोग ने यूसीसी पर लोगों और पार्टियों से अपने विचार देने के लिए कहा था, उसके संबंध में हमने अपनी पार्टी की तरफ से पत्र भेजा है। मैंने ये कहा है कि विधि आयोग को ये बताना चाहिए कि यूसीसी क्या है।

उन्होंने कहा कि ये बड़ी संयोग की बात है कि 2018 में भी मोदी जी ने यूसीसी की बात शुरू कर दी थी क्योंकि 2019 में चुनाव थे और अब 2024 में चुनाव है तो फिर से शुरू कर दिया। बड़े अफसोस की बात है कि बीजेपी विधि आयोग का इस्तेमाल कर रही है।