विंडो, स्प्लिट या पोर्टेबल; साइज से कीमत तक, पहला एयर कंडीशन खरीदने में ध्यान रखें 7 बातें

Technology

(www.arya-tv.com)

देशभर में एक तरफ जहां कोरोना महामारी ने लोगों को डरा रखा है, तो दूसरी तरफ बढ़ती गर्मी ने भी लोगों की नींद उड़ा दी है। देश के कई हिस्सों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर चुका है। ऐसे में गर्मी से निजात पाने के लिए कूलर या एयर कंडीशनर (AC) जरूरी हो गया है। यदि आप भी अपने लिए AC खरीदने जा रहे हैं, तब उससे जुड़ी कई जरूरी बातें पता होना चाहिए।

बिना किसी जानकारी के AC खरीदना घाटे का सौदा हो सकता है। कई बार AC कमरा ठंडा नहीं कर पाता? या उसका बिल ज्यादा आता है? ऐसे में जरूरी है कि आपको AC बाइंग गाइड के बारे में पूरी जानकारी हो। AC से जुड़ी सभी जरूरी बातें एक्सपर्ट गोपाल मिश्रा बता रहे हैं।

1. बजट तय करें
AC खरीदने के लिए सबसे जरूरी है कि आपका बजट कितना है? मार्केट में AC की रेंज 20 हजार के लगभग शुरू हो जाती है। कीमत AC के फीचर्स और उसकी स्टार रेटिंग पर भी डिपेंड करती है। कुल मिलाकर आपको अच्छा एयर कंडीशनर लेने के लिए 20 से 25 हजार रुपए का बजट बनाना चाहिए। हालांकि, आपके कमरे के साइज के हिसाब से बजट कम या ज्यादा भी हो सकता है।

2. साइज का सिलेक्शन
AC खरीदते समय सबसे जरूरी है उसका साइज। किसी भी रूम और हॉल के हिसाब से AC का चयन बहुत जरूरी होता है। साइज का मतलब AC के बड़े या छोटे होने से नहीं है, बल्कि उसकी एरिया कलिंग कैपेसिटी से होता है। ये इसलिए जरूरी है कि आपने बड़े हॉल में कम कैपेसिटी वाला AC लगा दिया, तो वो कई घंटे तक चलने के बाद भी उस जगह को ठंडा नहीं कर पाएगा। ऐसे में बिजली की खपत की खपत के साथ AC की लाइफ पर भी असर होता है।

  • कैपेसिटी : किसी भी कमरे के लिए AC की कैपेसिटी काफी मायने रखती है। स्क्वायर फीट के हिसाब से अगर आपका कमरा 90 Sqft से छोटा है तो आपके लिए 0.8 टन का AC भी पर्याप्त है। वहीं, 90-120 Sqft वाली जगह के लिए 1.0 टन का AC, 120-180 Sqft जगह के लिए 1.5 टन का AC और 180 Sqft से बड़ी जगह के लिए 2.0 टन का AC होना जरूरी होता है। AC को अलग-अलग स्क्वायर फीट के हिसाब से बनाया जाता है, ताकि वो कमरे को ठंडा रखने में कामयाब रहे।
  • लोकेशन : आप AC जिस रूम या हॉल में लगा रहे हैं उसकी लोकेशन भी AC की कैपेसिटी पर असर डालती है। यानी अगर 90 Sqft के रूम पर दिनभर धूप आती है तब हो सकता उसे 0.8 टन का AC दिनभर भी ठंडा नहीं कर सके।

3. AC का टाइप

  • विंडो : एक समय मार्केट में सिर्फ विंडो AC आया करते थे, लेकिन अब स्प्लिट और पोर्टेबल AC के ऑप्शन भी मौजूद है। हालांकि, इन तीनों वेरिएंट में अलग-अलग खूबियां होता हैं। विंडो AC स्प्लिट और पोर्टेबल AC की तुलना में कम कीमत में आ जाता है, लेकिन ये सबसे ज्यादा आवाज करता है। हालांकि, छोटे कमरे और सिंगल रूम के लिए ये बेस्ट होता है।
  • स्प्लिट : दूसरी तरफ, स्प्लिट AC की सबसे खास बात ये है कि इसके कंपोनेंट को बाहर इंस्टॉल किया जा सकता है। एयर फ्लो ज्यादा होने के कारण ये बड़े हॉल में भी बेहतर काम करता है। वॉल पर टंगने के बाद ये खूबसूरत भी नजर आता है, लेकिन कीमत के मामले में ये विंडो से महंगा होता है।
  • पोर्टेबल : मार्केट में अब पोर्टेबल AC का चलन बढ़ रहा है। इसकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसे सुविधा अनुसार कमरे में कहीं भी शिफ्ट किया जा सकता है। सबसे अहम बात ये है कि इसे इन्स्टॉल करने का झंझट नहीं है। इनकी कीमत विंडो और स्प्लिट दोनों से ज्यादा होती है।

4. AC के फीचर्स

  • फिल्टर : किसी भी AC में अच्छा फिल्टर होना बहुत जरूरी है, क्योंकि फिल्टर अच्छा होने से सांस लेने में आसानी होती है। जिस कमरे में AC लगाया जाता है उसके वेंटिलेशन को बंद कर दिया जाता है। ऐसे में सांस लेने के लिए फिल्टर बहुत जरूरी हो जाता है।
  • एयर फ्लो : एयर फ्लो ये बताता है कि आपका AC कितनी देर में कमरा ठंडा कर सकता है। AC में कूलिंग स्पीड को फिक्स करने की सुविधा होना बहुत जरूरी है। ताकि कम समय में आप कमरे को ठंडा कर सकें। हालांकि, अब ज्यादातर कंपनियां इस फीचर्स को देने लगी हैं।
  • स्विंग : AC में स्विंग विंग्स या फीचर्स का होना भी बहुत जरूरी है। दरअसल, जिन AC में मल्टी फीचर्स स्विंग होगा वो कमरे के हर कोन में हवा दे सकेंगे। इस फीचर्स से कमरा भी जल्दी ठंडा होता है।
  • टाइमर और सेंसर : AC खरीदते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि उसमें टाइम और सेंसर हो। दरअसल, टाइमर फीचर्स की मदद से आप उसे फिक्स समय पर ऑटोमैटिक ऑन और ऑफ कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा बिजली की खपत को रोकना है। इसके साथ, AC एक अन्य शानदार फीचर है। सेंसर का काम कमरे के तापमान को फिक्स करना होता है। साथ ही, ये ह्यूमन को फोकस करके हवा देता है।
  • वोल्टेज स्टैबलाइजर : AC के साथ वोल्टेज स्टैबलाइजर का होना बहुत जरूरी है। इसके लिए यूजर्स जितने टन का AC खरीद रहा है उतने ही पावर वाला स्टैबलाइजर भी होना चाहिए। अगर आपका AC 0.5-0.8 टन का है तो इसके साथ 2KVA का स्टैबेलाइजर सही रहेगा। 1.0 टन से 1.2 टन के AC के लिए 3KVA का, 1.2-1.6 टन के AC के लिए 4KVA का, 2.0-2.5 टन AC के लिए 5KVA और 3 टन से अधिक क्षमता वाले AC के लिए 6KVA का स्टैबेलाइजर होना चाहिए।

5. स्टार रेटिंग

AC खरीदने के लिए दूसरी सबसे जरूरी बात ये है कि उससे बिजली की खपत कितनी होगी। AC लगाने से पहले इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि महीने के अंत में जो बिजली बिल आएगा वो आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है। ऐसे में AC खरीदते समय स्टार का ध्यान रखें। दरअसल, अब किसी भी इलेक्ट्रॉनिक सामान पर स्टार रेटिंग दी होती है। जो इस बात को दर्शाती है कि उससे कितनी बिजली की खपत होगी। यानी स्टार जितने ज्यादा बिजली की खपत उतनी कम। हालांकि, 4-5 स्टार वाले AC की कीमत थोड़ी ज्यादा होती है, लेकिन बिजली बिल को ध्यान में रखते हुए ये सबसे बेहतर होते हैं।

6. ब्रांड और कलर्स
जब भी आप किसी प्रोडक्ट को खरीदने जा रहे हैं तो उसकी ब्रांड काफी अहम हो जाती है। मार्केट में अब कई ब्रांड के AC आ रहे हैं। ऐसे में आप चार-पांच पॉपुलर ब्रांड के उन AC की कीमत में तुलना करें जो खरीदना चाहते हैं। साथ ही, उसकी वारंटी पर भी ध्यान दें। ऐसा करने पर आप अपने लिए बेस्ट AC चुन पाएंगे।

किसी भी इलेक्ट्रॉनिक आइटम को खूबसूरत बनाने का काम कलर करता है। ऐसे में AC अच्छे कलर का होना बहुत जरूरी है। विंडो AC में यूजर्स को कलर ऑप्शन कम मिलते हैं। दूसरी तरफ, पोर्टेबल AC में भी कलर सीमित है, लेकिन स्प्लिट AC कई कलर्स में आते हैं। स्प्लिट AC ऊंचाई पर फिट किया जाता है, जहां से उसकी सफाई करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसे में स्प्लिट AC डार्क कलर में खरीदना चाहिए। ये जल्दी गंजा नजर नहीं आता।

7. मेंटेनेंस और खर्च
किसी भी AC के मेंटेनेंस की सर्विस कैसी है और कितना खर्च होगा? इस बात का पता भी होना चाहिए। ये इसलिए जरूरी है कि कंपनी 2 साल का मेंटेनेंस दे रही है, लेकिन उसमें पहले कोई खराबी आ जाती है तब क्या आपको कोई चार्ज देना होगा। वहीं, यदि AC शहर से दूर लगा है तब क्या कंपनी आपकी एक शिकायत पर उसके मेंटेनेंस के लिए इंजीनियर भेजेगी।