लखनऊ में कलाकारों ने वरिष्ठ-जनों की परेशानियों पर किया सेमिनार

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(www.arya-tv.com) लखनऊ के संगीत नाट्य एकेडमी में सोमवार को वरिष्ठ जनों के प्रति आम नागरिकों में संवेदनशीलता को विकसित करने के विषय पर सेमिनार हुआ। इस मौके पर साहित्यकार, रंगकर्मी, सामाजिक चिंतकों और वरिष्ठ पत्रकारों ने विचार विमर्श किया। इस सेमिनार का आयोजन पीपल्स इनीशिएटिव संस्था ने कराया।

बच्चों के लिए कर रहे हैं बहुत गंभीर रूप से रंगकर्म

पीपुल्स इनीशिएटिव के महासचिव अरविन्द नारायण मिश्र ने वर्तमान समय में वरिष्ठ जनों के प्रति हो रहे असामाजिक व्यवहार और तिरस्कार पर प्रकाश डालते हुए सेमिनार की शुरुआत की।

मशहूर नाटक और फिल्म निर्देशक सलीम आरिफ ने विचार गोष्ठी का संचालन किया। अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा- “हम बच्चों के लिए तो बहुत गंभीर रूप से रंगकर्म कर रहे हैं। लेकिन वरिष्ठ जनों के प्रति हम उदासीन हैं। हमें रंगमंच के साथ कला के दूसरे माध्यमों के द्वारा बुजुर्ग लोगों के लिए साइकोलॉजिकल और सोशल अम्ब्रेला बनाना चाहिए”।

कला के सभी माध्यमों से जुड़े लोगों को आना होगा एक प्लेटफार्म पर

पीपल्स इनीशिएटिव संस्था के इस कार्यक्रम में वरिष्ठ रंगकर्मी सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ, गोपाल सिन्हा, संगम बहुगुणा, पुनीत अस्थाना, ललित सिंह पोखरिया, कथक नृत्यांगना कुमकुम धर, प्रो. राकेश चन्द्रा, वरिष्ठ पत्रकार रतन मणिलाल, संतोष वाल्मीकि, समाजसेवी राधेश्याम दीक्षित, डॉ. निशि पाण्डेय, समाज सेवी रचना मिश्रा अयोध्या में कई दशकों से महिला वृद्ध आश्रम संचालित कर रहे श्री श्रीवास्तव आदि ने अपने विचार रखे।

सभी ने वृद्धजनों की व्यक्तिगत, पारिवारिक और सामाजिक समस्याओं के कारणों का खुलासा किया। साथ ही इसका निष्कर्ष निकाला कि कला के सभी माध्यमों से जुड़े लोगों को एक प्लेटफार्म पर आना होगा। जिससे की पॉजिटिव रिजल्ट मिल सके। साथ ही सभी एकमत हुए कि इस विषय पर जल्द ही कार्यशालाओं के द्वारा रचनात्मक काम शुरू कर देना चाहिए। समय-समय पर काम की प्रगति का मूल्यांकन भी होना चाहिए।