कोरोना पीड़ितों के लिए वैक्सीन की एक ही डोज काफी

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(www.arya-tv.com) दो नए अध्ययनों से पता लगा है कि कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके लोगों को भी वैक्सीन लगाने की जरूरत है। दरअसल, रिसर्च के अनुसार संक्रमण के बाद स्वस्थ हुए लोगों के शरीर में एंटीबॉडी पैदा करने के लिए वैक्सीन की एक डोज पर्याप्त है। इन नए अध्ययनों के परिणाम पिछले कुछ सप्ताहों में प्रकाशित दो अन्य निष्कर्षों के समान हैं। टोरंटो यूनिवर्सिटी में इम्यूनोलॉजिस्ट जेनिफर गोमरमैन का कहना है, कोविड-19 से बीमार हो चुके लोगों का भी बचाव जरूरी है। लेकिन, ऐसे लोगों के लिए वैक्सीन की एक डोज काफी है।

नई स्टडी में कोविड-19 से संक्रमित व्यक्तियों के खून के नमूनों का विश्लेषण किया गया। इससे सामने आया कि उनके इम्यून सिस्टम को दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले सामने आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन-बी.1.351 से बचने में दिक्कत हो सकती है। लेकिन, फाइजर-बायोएनटेक या मॉडर्ना वैक्सीन की एक डोज ने तस्वीर बदल दी। स्टडी का नेतृत्व करने वाले फ्रेड हचिंसन कैंसर रिसर्च सेंटर, सिएटल में इम्यूनोलॉजिस्ट एंड्रयू मेगायर कहते हैं, वैक्सीन से उनके खून में एंटीबॉडी हजारों गुना बढ़ गई। वैक्सीन नए स्ट्रेन के अलावा कोरोना वायरस को भी बेअसर कर सकती हैं। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी में शोधकर्ताओं ने एक अन्य रिसर्च में देखा कि कोविड-19 से बीमार हो चुके लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज देने से अधिक फायदा नहीं हुआ। वायरस से आठ या नौ माह पहले पीड़ित लोगों में वैक्सीन की पहली डोज देने के बाद एंटीबॉडी का स्तर सैकड़ों से लेकर हजारों गुना तक बढ़ गया। दूसरी डोज के बाद एंटीबॉडी के स्तर में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई।