up में जीका वाइरस की दस्तक से सहमा पूरा प्रदेश :जांच दल कन्नौज रवाना

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(www.arya-tv.com)कानपुर के बाद अब कन्नौज में जीका वायरस की दस्तक से समूचे यूपी में इसका खौफ देखा जा रहा है। मरीजों का ग्राफ लगातार बढ़ता देख लखनऊ से एक्सपर्ट डॉक्टर्स का पैनल सोमवार को कन्नौज भेजा जा रहा है। पूरे प्रदेश में जीका को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने मलेरिया, डेंगू की पुष्टि नहीं होने पर बुखार के मरीजों में जीका वायरस का भी टेस्ट कराने के निर्देश दिए है। विशेषज्ञों की मानें तो यह जीका वायरस भी डेंगू वाले मच्छर के ही काटने से होता है। यही कारण है कि इसके प्रदेश के कई जनपदों में फैलने की आशंका है।

बुखार का जबरदस्त असर

दरअसल, कोरोना के बाद राज्य में मौसमी बुखार का जबरदस्त असर देखा जा रहा था। इस बीच डेंगू, मलेरिया और स्क्रब टाइफस ने भी पैर पसारने शुरु किए। इस बीच जीका वायरस की दस्तक ने नई मुसीबत बढ़ा दी है। अकेले कानपुर जिले में 100 से ज्यादा केस मिल चुके हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने पूरे उत्तर प्रदेश राज्य को अलर्ट कर दिया है। प्रदेश के संचारी रोग निदेशक डॉ जीएस बाजपेयी पहले ही कानपुर का दौरा कर चुके है। सोमवार को लखनऊ से एक्सपर्ट पैनल की 3 सदस्यीय टीम कन्नौज भेजी जा रही। अहम बात यह है कि कन्नौज में जीका पॉजिटिव मरीज की कानपुर की ट्रैवेल हिस्ट्री रही है, यही कारण है कि विभाग के जिम्मेदार यह मान रहे हैं कि फिलहाल जीका का एपिसेंटर कानपुर ही है और इसे आगे फैलने से रोकने पर जोर दिया जा रहा।

 जीका वायरस के टेस्ट की  सलाह

डॉ जीएस बाजपेयी ने बताया कि जीका वायरस को गंभीरता से लेते हुए कानपुर जिले में लखनऊ की टीम भी भेजी गई है। साथ ही सभी जिलों के सीएमओ को अलर्ट कर दिया गया है। इसमें लक्षण वाले मरीजों में जीका वायरस के टेस्ट की भी सलाह दी गई है। उन्होंने कहा कि सभी को अलर्ट जारी कर बता दिया गया है कि मरीजों में डेंगू और मलेरिया की पुष्टि नहीं होने पर, जीका वायरस की भी जांच कराई जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा- कोविड सेंटर से भी मरीजों का हाल लिया जा रहा है। डेंगू मादा एनाफिलीज मच्छर की वजह से होता है। यही मच्छर जीका वायरस का भी वाहक है। ऐसे में नगर मलेरिया टीम व जिला मलेरिया विभाग की टीम को तैनात किया गया है। ये टीम मरीजों के घर के आस-पास और घरों में इंडोर स्प्रे कर रही हैं। साथ ही मच्छरों के लार्वा को संग्रह कर सैम्पल लैब में भेज रही हैं। इसके अलावा एंटी लार्वा व फॉगिंग भी इलाके में कराई जा रही है।

राजस्थान व केरल में जीका के मामलें

जीका वायरस के रोगी मिलने के बाद से ही राज्य में अलर्ट जारी कर दिया गया है। गैर प्रांतों से आने वाले मरीजों को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। फिलहाल राजस्थान व केरल में जीका के मामलें पाएं गए है। यही कारण है कि इन दोनों ही प्रदेशों से आ रहे लोगों की सैंपल टेस्टिंग कराई जा रही है। अस्पतालों में भी पर्याप्त इंतजाम करने को कहां गया है। इसके अलावा विदेश यात्रा खासकर अफ्रीकी देशों से आने वालों पर भी पैनी नजर रखने की निर्देश जारी हुए है। संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे।

न्यूरो सिस्टम को प्रभावित करता है

जीका वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित होने का खतरा गर्भवती महिलाओं पर है। विशेषज्ञों के मुताबिक गर्भावस्था के दौरान मां के संक्रमित होने के बाद यह वायरस शिशु के शरीर में पहुंच जाता है और उसके न्यूरो सिस्टम को प्रभावित कर देता है। इस वायरस से संक्रमित महिला के बच्चे का सिर छोटा होने का खतरा रहता है। उसके स्पाइनल कार्ड में सूजन आ सकती है, इसीलिए प्रेग्नेंट लेडी को ज्यादा सतर्क रहने की जरुरत है।