(www.arya-tv.com) सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों द्वारा अपराध के आरोपी व्यक्तियों की संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए “बुलडोजर कार्रवाई” पर फैसला सुनाया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उसने संविधान के तहत गारंटीकृत अधिकारों पर विचार किया है जो व्यक्तियों को राज्य की मनमानी कार्रवाई से सुरक्षा प्रदान करते हैं.
अदालत ने कहा कि कानून का शासन यह सुनिश्चित करने के लिए एक ढांचा प्रदान करता है कि व्यक्तियों को पता हो कि संपत्ति को मनमाने ढंग से नहीं छीना जाएगा. अब सुप्रीम कोर्ट कोर्ट के फैसले पर योगी सरकार के मंत्री और सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने प्रतिक्रिया दी है.
निजी मकान नहीं गिराते- मंत्री
मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरा देश स्वागत करता है, सरकार भी करती है, विपक्ष भी करता है. सरकार का इरादा किसी का घर गिराने का नहीं है. अगर किसी अपराधी ने अवैध संपत्ति अर्जित की है और सरकारी जमीन पर घर बनाया है, तो उसे खाली कराया जाता है. सरकार कभी किसी की निजी जमीन पर बना मकान नहीं गिराती.”
जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य और उसके अधिकारी मनमाने कदम नहीं उठा सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कार्यपालिका किसी व्यक्ति को दोषी घोषित नहीं कर सकती और न ही वह न्यायाधीश बनकर किसी आरोपी व्यक्ति की संपत्ति को ध्वस्त करने का फैसला कर सकती है. मकान ढहाए जाने के मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि कार्यपालक अधिकारी न्यायाधीश नहीं बन सकते, आरोपी को दोषी घोषित नहीं कर सकते और उसका घर नहीं गिरा सकते.
कोर्ट ने कहा कि अगर लोगों के घर सिर्फ इसलिए गिरा दिए जाएं कि वे आरोपी या दोषी हैं तो यह पूरी तरह असंवैधानिक होगा. संविधान तथा आपराधिक कानूनों के अनुसार आरोपियों और दोषियों के भी कुछ अधिकार होते हैं. अदालत ने संपत्तियों को ढहाने के संबंध में अखिल भारतीय दिशानिर्देश निर्धारित किए.