आम निवेशकों ने 166 गुना ज्यादा लगाया पैसा:रिटेल निवेशकों का पसंदीदा रहा है न्यूरेका का IPO

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(www.arya-tv.com)नाम बड़े और दर्शन खोटे। IPO के इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ होगा। न्यूरेका के IPO में आम निवेशकों ने अपने हिस्से की तुलना में 166 गुना पैसा लगाया है। जबकि इस IPO को कुल सब्सक्रिप्शन महज 39.93 गुना ही मिला है। पिछले 5 साल में इस तरह के रिकॉर्ड देखें तो किसी IPO में आम निवेशकों का हिस्सा इसके करीब भी नहीं पहुंच पाया है।

100 करोड़ रुपए का साइज रहा है

न्यूरेका के IPO का साइज देखें तो इसने महज 100 करोड़ रुपए ही बाजार से जुटाया है। इसी साल 15 से 17 फरवरी के बीच यह IPO आया था। इसका मूल्य 396 से 400 रुपए था। लिस्टिंग पर इसने निवेशकों को जबरदस्त मुनाफा दिया। 634 रुपए पर लिस्ट हुआ। उस दिन 666 रुपए तक गया था। अभी भी यह IPO 610 से ज्यादा पर ही कारोबार कर रहा है। जितना छोटा IPO है, उससे ज्यादा मुनाफा इसने दिया है।

2016 में बनी थी कंपनी

2016 में ही यह कंपनी बनी थी। यह मुख्य रूप से हेल्थकेयर और वेलनेस प्रोडक्ट के डिस्ट्रीब्यूटर का काम करती है। इसके पोर्टफोलियो में क्रोनिक डिवाइस प्रोडक्ट, आर्थोपैडिक प्रोडक्ट महिलाओं और उनके बच्चों के प्रोडक्ट, न्यूट्रिशन सप्लीमेंट्स और लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट हैं। यह सभी प्रोडक्ट आम लोगों के काम में आने वाले हैं।

सालासर टेक के आईपीओ में रिटेल हिस्सा 58 गुना भरा

वैसे बड़े IPO की बात करें तो उसमें भी रिटेल के हिस्से को इतना सब्सक्रिप्शन नहीं मिला है। सालासर टेक का IPO 273 गुना भरा था। पर इसमें रिटेल का हिस्सा महज 58 गुना भरा था। अपोलो माइक्रो का IPO 248 गुना भरा था। पर इसका रिटेल का हिस्सा केवल 40 गुना भरा था। उज्जीवन स्माल फाइनेंस बैंक का IPO 165 गुना भरा था लेकिन रिटेल का हिस्सा 49 गुना ही भर पाया था।

मिसेज बेक्टर में आम निवेशकोंं को नहीं थी दिलचस्पी

मिसेज बेक्टर का IPO इस साल 3 साल बाद सबसे ज्यादा सब्सक्राइब हुआ पर इसमें रिटेल का हिस्सा 29 गुना ही भर पाया। यह IPO 198 गुना भरा था। CSB बैंक का IPO 86 गुना भरा था और इसमें रिटेल का हिस्सा 44 गुना भरा था। 2017 में सालासर टेक का IPO 273 गुना भरा था। रिटेल का हिस्सा 59 गुना ही इसमें भर पाया था। बड़े IPO में एस्ट्रॉन पेपर का 2017 दिसंबर में IPO आया था। यह 241 गुना भरा था लेकिन रिटेल का हिस्सा 73 गुना भरा था।

अपोलो माइक्रो का आईपीओ 248 गुना भरा था

2018 में अपोलो माइक्रो का IPO 248 गुना भरा था। इसमें रिटेल का हिस्सा 40 गुना ही भर पाया था। पिछले साल हैपिएस्ट माइंड के IPO ने धमाकेदार ओपनिंग की थी। 151 गुना भरा था। रिटेल ने इसमें 71 गुना पैसा लगाया था। केमकॉन स्पेशियालिटी का IPO भी 149 गुना भरा था और इसमें रिटेल वाला हिस्सा 41 गुना भरा था। मझगांव डाक की बात करें तो यह भी रिटेल हिस्सा में कमजोर रहा है। केवल 35 गुना भरा है। जबकि कुल IPO 157 गुना भरा था।

बर्गर किंग में रिटेल का हिस्सा 68 गुना भरा

पिछले साल बर्गर किंग ने धमाल मचाया था। इसका IPO 156 गुना भरा था। इसमें रिटेल वाला हिस्सा 68 गुना भरा था। इस साल MTAR 200 गुना भरने वाला पहला IPO था। इसमें तो रिटेल को और विश्वास नहीं हुआ। इसमें केवल 28 गुना ही रिटेल का हिस्सा भर पाया। ईजी माई ट्रिप का IPO 159 गुना भरा और इसमें आम निवेशकों ने 70 गुना अपना हिस्सा भरा। धमाल मचाने वाले IPO नजारा टेक में आम निवेशकों ने जमकर पैसा लगाया है। इसका रिटेल का हिस्सा 75 गुना भरा है। यह 175 गुना टोटल भरा था।

कंपनी देख कर आम निवेशक लगाते हैं पैसा

विश्लेषकों का कहना है कि रिटेल निवेशक बस कंपनी देख कर पैसे लगा रहा है। हालांकि इस साल ज्यादातर IPO जो आए हैं वे 52 हफ्ते के स्तर से नीचे कारोबार कर रहे हैं। कई IPO तो आईपीओ के मूल्य से भी नीचे हैं। रिटेल निवेशक बहुत ज्यादा सोच समझकर पैसे नहीं लगाते हैं। पर न्यूरेका जैसे IPO में उनका फैसला सही साबित हुआ है। हालांकि इस तरह के IPO में शेयर मिलना भी बहुत मुश्किल होता है।