गैर बराबरी की दशा और दिशा बदलनी चाहिये: मौलाना यासूब अब्बास

Lucknow
  • गैर बराबरी की दशा और दिशा बदलनी चाहिये: मौलाना यासूब अब्बास
  • शिया पीजी कालेज का दो दिवसीय वेबीनार 100 से अधिक शोध पत्रों के वाचन के साथ समाप्त
  • डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि दो दिवसीय वेबीनार में 200 से अधिक शोध पत्रों के वाचन के साथ शिक्षा, साहित्य, विज्ञान और प्रशासन की प्रसिद्ध हस्तियों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये

(www.arya-tv.com)लखनऊ। शिया पी. जी. कालेज में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबीनार के अंतिम दिन वरिष्ठ वैज्ञानिक, सामाजिक कार्यकर्ता एवं फिल्ममेकर गौहर रजा और गिरी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलेपमेंट स्टडीज के डॉ. प्रशांत कुमार त्रिवेदी के विशेष व्याख्यान प्रस्तुत किये गये। अवसरों की असमानता और लोकतांत्रिक चुनौतियां विषयक इस वेबीनार में दो तकनीकी सत्रों में देश भर से जुड़े 100 से अधिक शोधार्थियों ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किये। दो तकनीकी सत्रों के बाद समापन सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न शोधार्थियों द्वारा भेजे गये आब्स्ट्रैक्ट से सुसज्जित ई-स्मारिका का विमोचन किया गया।
सत्र के मुख्य अतिथि मौलाना यासूब अब्बास, सिक्रेटरी, मजलिसे उलेमा ने कहा कि ने कहा कि लॉकडाउन के माहौल में भी अवसरों की असमानता और लोकतांंित्रक चुनौतियां जैसी समसामयिक विषय पर गहन चर्चा किया जाना सराहनीय है। इस तरह का चर्चाओं का होना नितांत आवश्यक है, क्योंकि किसी भी लोक कल्याणकारी राज्य में हर नागरिक के लिए बराबरी का हक उसका मौलिक अधिकार होता है और इसमें कहीं से कमी होना अच्छा नहीं कहा जा सकता है। गैर बराबरी की दशा और दिशा बदलनी चाहिये।

प्रबंधक सैयद अब्बास मुर्तजा शम्सी ने कहा कि महाविद्यालय हमेशा से बराबरी का पक्षधर रहा है और सच्चाई भी यही है कि तरक्की का रास्ता बराबरी और सम्मान दिये जाने के रास्ते से होकर ही गुजरता है। अगर देश में गैर बराबरी को दूर कर दिया जाये तो देश फिर से सोने की चिडि़या में तब्दील होने में टाइम नहीं लगेगा।
सत्र की अध्यक्षता कर रहे प्रो. अजीज हैदर, अध्यक्ष, बोर्ड आफ ट्रस्टीज, शिया पी.जी. कालेज, ने कहा कि देश में संविधान लागू होने के 70 वर्ष बीत जाने के बाद भी देश के सामने अवसरों में असमानता की चुनौतियां बनी हुई हैं। समाज की तरक्की के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों में समानता का होना बहुत जरूरी है, परंतु दुर्भाग्य इन्हीं दो क्षेत्रों में सबसे अधिक असमानता देखी जाती है। इन्हें दूर किया जाना नितांत जरूरी है।

सत्र का चेयर डॉ. तलअत हुसैन नकवी, प्राचार्य, शिया पी.जी. कालेज, तथा कोचेयर की जिम्मेदारी डॉ. अली कौसर रिजवी ने संभाली। डॉ. एम.एम. अबु तैयब, निदेशक सेल्फ फाइनेंस, डॉ. शोएब अहमद, डॉ. सरवत तकी, डॉ. भुवन भाष्कर श्रीवास्तव, डॉ. समीना शफीक, डॉ. सिब्तेन रिजवी, डॉ. ऐमन रजा आदि ने भी अपने विचार रखे। सत्र का संचालन डॉ एम.एम. ऐज़ाज अहमद ने किया।डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि दो दिवसीय वेबीनार में 200 से अधिक शोध पत्रों के वाचन के साथ शिक्षा, साहित्य, विज्ञान और प्रशासन की प्रसिद्ध हस्तियों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। वेबीनार में प्रस्तुत किये शोध पत्रों का पीर रिव्यू टीम से जांच करवाने के बाद इनका संपादित बुक का प्रकाशन किया जायेगा। अंत में प्रो. एस.एम. हसनैन, प्राचार्य, शिया कालेज आफ लॉ, ने वेबीनार में आये अतिथियों, शोधार्थियों आदि का धन्यवाद ज्ञापित किया।