कलाकार संगठनों ने समय-समय पर सरकार से मदद की गुहार लगाई किंतु सुनी अनसुनी हो गई

Lucknow

(www.arya-tv.com)करोना काल में जब किसी के पास करने के लिए काम नहीं बचा है ऐसे में कलाकारों के सामने भोजन और दूसरी चीजों की भारी कमी हो गई है! अनेक कलाकार जो अपनी पूरी जिंदगी दूसरों का मनोरंजन करते रहे शादी विवाह  देवीजागरण  और आर्केस्ट्रा के माध्यम से अपनी रोजी रोटी कमाते थे सरकारी आदेश और  कोरोनावायरस प्रोटोकॉल के चलते घरों में कैद होने को मजबूर हो गए! कोरोना की  पहली लहर मैं ही इन सबके रोजगार खत्म हो गए थे किसी तरह लॉक डाउन का पहला फेस खत्म हुआ तो इन्हें यह आशा  हुई अब सब पहले की तरह ठीक हो जाएगा किंतु तभी दूसरी प्रचंड लहर आ गई जिससे यह कलाकार पूरी तरह टूट गए! सरकारी मदद तो मिली नहीं व्यक्तिगत  मददगारो ने भी अपने हाथ खींच लिए !
ऐसे में जीवन यापन करना असंभव हो गया अनेक कलाकार संगठनों ने समय-समय पर सरकार से मदद की गुहार लगाई किंतु सुनी अनसुनी हो गई फिल्म जगत भी  इससे अछूता नहीं रहा एक तरफ फिल्मों का निर्माण रुक गया और  इस दौरान नामी-गिरामी  कलाकारों के पास काम नहीं बचा कई राज्य सरकारों ने अपने यहां शूटिंग की अनुमति नहीं दी जिससे धारावाहिकों के नए एपिसोड्स सूट नहीं किए जा सके इससे कार्यक्रमों की टीआरपी गिरी और फिल्म जगत में कलाकारों के अलावा टेक्नीशियन कैमरामैन   जूनियर आर्टिस्ट डांस डायरेक्टर निर्देशक के लिए भी जीवन यापन की समस्या खड़ी हो गई
उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक व्यवस्था धराशाई हो गई अनेक नामचीन कलाकारों ने कोरोना के चलते दम तोड़ दिया जिनमें प्रख्यात साहित्यकार योगेश प्रवीन  नाल वादक विश्वनाथ शर्मा  गायक राम चंद्र दुबे भी  समय से पूर्व काल कवलित हो गए!
केंद्र और राज्य सरकारें  महामारी से जूझने और  ऑक्सीजन तथा  रेमेडीसी विर मैं उलझ कर रह गई ऐसे में इन कलाकारों का कोई  पुरसाहाल नहीं बचा
अंततः  केंद्र और राज्य सरकारों को इन कलाकारों की   याद आई और सूचना विभाग  संस्कृति विभाग और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद ने  इन कलाकारों के लिए घर से ही ऑनलाइन कार्यक्रमों की शुरुआत की !  क्योंकि हॉल अभी तक बंद है कम बजट के इन कार्यक्रमों का उद्देश्य कलाकारों को आर्थिक संबल प्र दान करना है आईसीसीआर  की कला विश्व  योजना के अंतर्गत क्षितिज शीर्षक से विभिन्न विधाओं के कलाकारों  के ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिनकी संख्या महीने में तीन होगी
संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिकारी के के पाठक ने बताया की संस्कृति विभाग भी इसी दिशा में कार्यरत है जल्दी ही कलाकारों को कार्यक्रम मिलने प्रारंभ हो जाएंगे!
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद लखनऊ इकाई ने  कला विश्व  योजनाअंतर्गत  लोक प्रवाह के अंतर्गत अवधी लोक गीतों का एक कार्यक्रम डॉ अनिल त्रिपाठी और साथी कलाकारों  को प्रदान किया गया जिसमें 16 जून को सत्यम सिंह सोनी त्रिपाठी चंद्रेश पांडे  अरुण त्रिपाठी एवं विमल कांत ने ऑनलाइन  अवधि लोकगीतों का लाइव कार्यक्रम प्रस्तुत किया !
कार्यक्रमों की यह श्रंखला  माह नवंबर तक  चलाई   जाती  रहेगी और इसमें समय-समय पर आल्हा नौटंकी लोक नृत्य के ऐसे कलाकारों को मौका दिया जाएगा जो आईसीसीआर के चैनल पर रजिस्टर्ड नहीं है,!  कलाकारों को संबल प्रदान करने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है   राज्य सरकारों के इन प्रयासों से निश्चय ही कलाकारों के एक बड़े वर्ग की मदद हो पाएगी पूरी तरह से लॉकडाउन खत्म होने और जागरण तथा ऑर्केस्ट्रा के कार्यक्रम शरू होने के बाद उनकी भी स्थितियां सामान्य हो  सकेंगी