(बृजेश कुमार मिश्रा उर्फ पंडित जी)
- 7 रुपए के स्लैब को किया खत्म, शहरी घरेलू को अधिकतम रुपए 6.50 प्रति यूनिट व ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को मिलेगी 5.50 रुपए प्रति यूनिट मिलेगी बिजली
(www.arya-tv.com)। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2022-23 के लिए बिजली की नई टैरिफ की घोषणा कर दी है। नियामक आयोग ने बिजली की दरों में कोई वृद्धि न करते हुए स्लैब सीमा को कम किया है। इसका फायदा सीधे तौर पर उपभोक्ताओं को मिलेगा। विद्युत नियामक का ऐतिहासिक फैसला घरेलू उपभोक्ताओं के अधिकतम स्लैब रुपया 7 प्रति यूनिट को समाप्त कर दिया है। अब घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की अधिकतम बिजली दर शहरी क्षेत्र के लिए रुपया 6.50प्रति यूनिट और ग्रामीण क्षेत्र के लिए रुपया 5.50 प्रति यूनिट ही देनी होगी। इसके अलावा नए स्लैब में बीपीएल परिवारों को 100 यूनिट तक सिर्फ 3 रुपए के हिसाब से बिजली देनी होगी।
विद्युत नियामक आयोग की नई टैरिफ के अनुसार प्रदेश के शहरी विद्युत उपभोक्ताओं के लिए जीरो से 100 यूनिट तक 5.50 रुपये प्रति यूनिट, 101 से 150 यूनिट तक प्रति यूनिट 5.50 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक प्रति यूनिट 6.00 रुपये और 300 यूनिट के ऊपर 6.50 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से दरें निर्धारित की गई हैं। जबकि शहरों में घरेलू बीपीएल परिवारों को 100 यूनिट तक प्रति यूनिट 3.00 रुपये के हिसाब से बिल देना होगा। जबकि ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को जीरो से 100 यूनिट तक 3.35 रुपये प्रति यूनिट, 101-150 यूनिट तक 3.85 रुपये प्रति यूनिट, 151 से 300 यूनिट तक 5.00 रुपये प्रति यूनिट और 300 से ऊपर यूनिट होने पर 5.50 रुपये प्रति यूनिट देना होगा। जबकि, ग्रामीण घरेलू बीपीएल परिवारों को 100 यूनिट तक तीन रुपये में बिजली दी जाएगी।
विद्युत नियामक आयोग ने पहली बार घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम स्लैब ग्रामीण के लिए रुपया 6 प्रति यूनिट व शहरी के लिए रुपया 7 प्रति यूनिट को खत्म कर दिया गया है। साथ ही बीपीएल परिवारों को दी जाने वाली 3 रुपए प्रति यूनिट की बिजली में 3.50 रुपए की सब्सिडी दी है। इसके लिए विद्युत नियामक आयोग ने भारत सरकार की गाइडलाइन के तहत स्लैब को सरल करते हुए अपने अध्ययन के आधार पर वर्तमान लागू 80 स्लैब को घटाकर 59 स्लैब कर दिया है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2022- 23 के लिए बिजली कंपनियों की तरफ से दाखिल 84504.81 करोड़ के वार्षिक राजस्व आवश्यकता को न मानते हुए केवल 78075.80 करोड वार्षिक राजस्व आवश्यकता अनुमोदित किया है। साथ ही विद्युत नियामक आयोग द्वारा बिजली कंपनियों द्वारा जो 126.52 विलयन यूनिट की खरीद दिखाई गई थी उसके सापेक्ष 121.47 बिलयन यूनिट की खरीद अनुमोदित की गई है। बिजली कंपनियों द्वारा जो वितरण हानि 17.05 प्रतिशत मांगी गई थी विद्युत नियामक आयोग द्वारा केवल 10.67 प्रतिशत ही माना गया है। विद्युत नियामक आयोग ने बिजली चोरी का खामियाजा प्रदेश के उपभोक्ताओं पर न पड़े इसलिए एटीएन्सी हानिं का आंकलन बिजनेस प्लान के तहत किया है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा 13600 करोड़ सब्सिडी को मानकर जो टैरिफ का निर्धारण स्लैब वाइज किया गया है उससे बिजली कंपनियों को लगभग 80046. 63 करोड़ राजस्व प्राप्त होगा यानी कि 1970 करोड का राजस्व अधिक प्राप्त होगा।
बाक्स- घरेलू शहरी क्षेत्र की नई व पुरानी बिजली दरें
यूनिट वर्तमान रेट यूनिट नई दर नया बिजली रेट
0-150 रू0 5.50 प्रति यूनिट 0-100 रू0 5.50 प्रति यूनिट
151-300 रू0 6.00 प्रति यूनिट 101-150 रू0 5.50 प्रति यूनिट
301-500 रू0 6.50 प्रति यूनिट 151-300 रू0 6.00 प्रति यूनिट
500 के ऊपर रू0 7.00 प्रति यूनिट 300 के ऊपर रू0 6.50 प्रति यूनिट
घरेलू बीपीएल रू0 3.00 (100 यूनिट) घरेलू बीपीएल रू0 3.00 (100 यूनिट)
बाक्स- ग्रामीण क्षेत्र की नई व पुरानी बिजली दरें
यूनिट वर्तमानरेट यूनिट नई दर नया बिजली रेट
0-100 रू0 3.35 प्रति यूनिट 0-100 रू0 3.35 प्रति यूनिट
101-150 रू0 3.85 प्रति यूनिट 101-150 रू0 3.85 प्रति यूनिट
151-300 रू0 5.00 प्रति यूनिट 151-300 रू0 5.00 प्रति यूनिट
300 के ऊपर रू0 6.00 प्रति यूनिट 300 के ऊपर रू0 5.50 प्रति यूनिट
घरेलू बीपीएल रू0 3.00 (100 यूनिट) घरेलू बीपीएल रू0 3.00 (100 यूनिट)
घरेलू अनमीटर्ड रू0500 प्रति किलोवाटमाह घरेलू अनमीटर्ड रू0500 प्रति किलोवाटमाह