G20 मीटिंग के लिए मोदी इंडोनेशिया रवाना:45 घंटे में 20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे PM

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(www.arya-tv.com)  इंडोनेशिया के बाली में 15-16 नवंबर को G20 की बैठक होने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समिट में शामिल होने बाली रवाना हो गए हैं। 45 घंटे के दौरे में मोदी 20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वो 10 से ज्यादा नेताओं से मुलाकात करेंगे।

G20 समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी पहुंचेंगे। हालांकि, शुरुआत में मंजूरी देने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने इस मीटिंग में शिरकत से इनकार कर दिया। सोमवार को बाइडेन और जिनपिंग की मुलाकात भी होगी।

फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी पर रहेगा फोकस
समिट में फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी, डिजिटल ट्रांस्फॉरमेशन और हेल्थ पर फोकस किया जाएगा। 15 नवंबर को एक कार्यक्रम में PM मोदी इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा 16 नवंबर को G20 में शामिल सभी नेता मैंग्रूव फॉरेस की विजिट पर जाएंगे। ये जंगल क्लाइमेट चेंज से बचाव में बायो-शील्ड की तरह काम करते हैं।

ब्रिटिश PM सुनक से मिलेंगे मोदी

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मोदी ब्रिटिश PM ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान मोदी ब्रिटिश PM सुनक से दोनों देशों के बीच होने वाले फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत करेंगे। इस मुलाकात में बाइलैटरल रिलेशन्स को लेकर तय रोडमैप 2030 पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

पुतिन को G20 में अपनी हत्या का डर, इसलिए शामिल नहीं होंगे
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा न लेने की जो प्रमुख वजह बताई जा रही हैं, वो चौंकाने वाली है। माना जा रहा है कि पुतिन को अपनी हत्या किए जाने का डर है।

  1. अमेरिका, ब्रिटेन और यूक्रेन की स्पेशल फोर्सेज के हाथों पुतिन को मारने की कोशिश किए जाने की आशंका है।
  2. अपमानजनक परिस्थितिओं की संभावना। जैसे- कुछ विकलांग सामाजिक कार्यकर्ता पुतिन को गिरा सकते हैं, जैसे कि ये दुर्घटनावश हुआ हो- और दुनिया भर की मीडिया इस तस्वीर को खींचकर ये कैप्शन लगाएगी, ‘रूस का राष्ट्रपति चारों खाने चित्त।’ मुझे पूरा यकीन है कि पूरी तरह पागल कुछ पश्चिमी देश कुछ ऐसी ही योजना बना रहे हैं।
  3. खेरसॉन में हार के बाद एक महान देश के रूप में रूस की स्थिति सवालों के घेरे में है। वे (पुतिन पर) आसानी से आत्मसमर्पण करने के लिए दबाव डालेंगे।

राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन पहली बार जिनपिंग से मिलेंगे
G20 बैठक से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग बातचीत करेंगे। 2020 में राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन की जिनपिंग के साथ ये पहली फेस-टु-फेस मुलाकात होगी। दोनों नेता अमेरिका और चीन के बीच कम्युनिकेशन बनाए रखने और रिश्तों को गहरा करने के प्रयासों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा चर्चा का फोकस ताइवान के मुद्दे पर होगा।

अमेरिका-चीन के रिश्तों में ताइवान सबसे बड़ा फ्लैश पॉइंट
ये मुलाकात ऐसे समय हो रही है, जब दोनों देशों के रिश्तों में खटास है। इसकी वजह चीन की ताइवान पर कब्जा करने की मंशा है। दरअसल, चीन वन-चाइना पॉलिसी के तहत ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को एक स्वतंत्र देश की तरह देखता है। इधर, अमेरिका भी वन चाइना पॉलिसी को मानता है, लेकिन ताइवान पर चीन का कब्जा नहीं देख सकता।

20 देशों का समूह है G-20
G20 समूह फोरम में 20 देश हैं। इसमें दुनिया के डेवलप्ड और डेवलपिंग इकोनॉमी वाले देश हैं। 19 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, साउथ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन (EU) शामिल हैं।