(www.arya-tv.com)नगर निगम में मूल बजट वर्ष 2024-25 पर विचार-विमर्श हेतु सदन की विशेष बैठक सम्पन्न हुई। महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल की अनुमति से उप सभापति द्वारा बजट भाषण पढ़ा गया। इकसे बाद अपर नगर आयुक्त ललित कुमार द्वारा बजट के तकमीने बिन्दुवार पढ़े गये एवं सभी सदस्यों द्वारा चर्चा उपरान्त सदन द्वारा शहर के 110 वार्डों में सड़क अनुरक्षण एवं मरम्मत, प्रकाश व्यवरथा, वैडिंग जोन, कूड़ा निस्तारण, नाला नालियों और सड़कों की सफाई व्यवस्था, पर्यावरण संरक्षण एवं अन्य विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों को क्रियान्वित कराये जाने के दृष्टिगत लखनऊ नगर निगम का मूल बजट वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रस्तावित राजस्व, पूंजी एवं उच्चन्त लेखों की कुल आय रू0-286569.00 लाख जिसके प्रारम्भिक अवशेष को सम्मिलित करते हुए सकल आय रू0-355549.56 लाख एवं सकल व्यय रु०-285915.05 लाख के समायोजनोपरान्त रू0-69634.51 लाख के अन्तिम अवशेष के साथ स्वीकार किये जाने तथा जलकल विभाग का मूल बजट वित्तीय वर्ष 2024-25 कुल सकल आय रु०-45288.92 लाख एवं सकल व्यय रू0-44576.68 लाख के समायोजनोपरान्त रू०-712.23 लाख के अन्तिम अवशेष के साथ 28.02.2024 को पुनः एसएसएन की विशेष बैठक आहूत किए जाने का निर्णय लिया गया।
इसके अतिरिक्त सदन में लिए गए निर्णय निम्नवत हैं:
- लालकुआं वार्ड में महाकालेश्वर महादेव के नाम भेड़ी मण्डी के यार्कइन होटल के पास तथा पी०सी०एफ० बिल्डिंग के पास महाकालेश्वर महादेव के नाम से तोरण द्वार बनवाये जाने का निर्णय लिया गया।
- स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पदमश्री से सम्मानित झण्ड गीत “विजय विश्व तिरंगा प्यारा’ के रचियता दोसर वैश्य रत्न स्व० श्याम लाल गुप्त “पार्षद की प्रतिमा स्मृति चौराहे के बगल में बिजली पासी किला गांव के पास स्थापित किये जाने का निर्णय लिया गया।
- झूलेलाल वाटिका पर भगवान झूलेलाल जी की मूर्ति की स्थापना किये जाने एवं द्वार का निर्माण कराये जाने का निर्णय लिया गया।
- उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 148 एवं 221 (2) के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2024-2025 हेतु करों की दरों का निर्धारण तथा छूट का प्रस्ताव पास किये जाने का निर्णय लिया गया।
- नगर निगम की मार्केट लालबाग भोपाल हाउस, रिवर बैंक कालोनी की तरह गुरूनानक मार्केट चारबाग का भी पुरानी दर से किराया जमा कराये जाने के सम्बन्ध में निर्णय लिये जाने हेतु समिति का गठन किया गया।
- लखनऊ नगर निगम द्वारा अपने संशाधनों से विकास कार्य कराया जाता है किन्तु नगर निगम के वित्तीय संशाधन सीमित है तथा कार्य की अधिकता अत्यधिक है तथा राजधानी के कारण अतिविशिष्ट श्रेणी के कार्यों को भी करना पड़ता है। जिससे नगर निगम के बजट से अधिक कार्य कराने पड़ते है। फलस्वरूप नगर का वित्तीय दायित्व (फाइनिसियल लायबिलिटी) का अत्यधिक बोझ बढ़ जाता है। कार्यदायी संस्थाओं एवं ठेकेदारों के बकाया भी वर्तमान में अत्यधिक है। जिसका भुगतान कराने की जिम्मेदार भी नगर निगम की है। अतः आवश्यक है नगर निगम द्वारा कराये जाने वाले विकास कार्यों (मेयर निधि, आयुक्त निधि एवं वार्ड
- विकास निधि) को योजना बद्ध तरीके से कराया जाये ताकि मा० जनप्रतिनिधियों द्वारा जनहित के कार्यों को सुगमता से कराया जा सकें तथा नगर निगम पर अनावश्यक रूप से आर्थिक बोझ भी न बढ़े।
- सिविल कार्य (नाली, सड़क, सी०सी० व इन्टर लाकिंग आदि) 50 प्रतिशत, पार्क 15 प्रतिशत,
मार्ग प्रकाश 20 प्रतिशत,चौराहा सुधार,वेडिंग जोन या अन्य कार्य 10 प्रतिशत, पैच मरम्मत 5 प्रतिशत कराया जा सकता है। - नगर निगम सीमा में दूसरे सरकारी विभाग द्वारा सड़क नाली आदि को बनाये जाने से पहले नगर निगम से एन०ओ०सी० ली जाये। एन०ओ०सी० लेने के पश्चात ही कार्य कराया जाये। क्योकि नगर निगम अधिनियम की धारा 114 की उप धारा 29 के अन्तर्गत सड़कों के मरम्मत कराये जाने का अधिकार नगर निगम का है। इससे वित्तीय अनिमियताओं की सभावना समाप्त हो जायेगी। नगर आयुक्त जी सड़क बनाने वाले सभी विभागों को सदन की कापी लगाकर पत्र भेजे।