MSMEऔर BBAU ने उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम’ का आयोजन किया

Lucknow

(www.arya-tv.com)भारत सरकार के एम0एस0एम0ई0 विकास कार्यालय कानपुर एवं बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के प्रबंध अध्ययन विभाग के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय ‘उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से प्रोफेसर अमित कुमार सिंह, विभागाध्यक्ष प्रबंध अध्ययन विभाग, कार्यक्रम की संयोजक डॉ. तरुणा, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रबंध अध्ययन विभाग, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ, एम0एस0एम0ई0 विकास कार्यालय, कानपुर के संयुक्त निदेशक एसo के0 पाण्डेय, सहायक निदेशक  नीरज कुमार, डिक्की यूपी के प्रेसिडेंट कुंवर शशांक,के0 के0 पाण्डेय, सहायक प्रबंधक, जिला उद्योग संवर्धन एवं उद्यमिता विकास केंद्र,लखनऊ, ए0 के0 श्रीवास्तव, शाखा प्रबंधक, राष्ट्रीय एस0 सी0/एस 0टी0 केंद्र लखनऊ,मनीष पाठक लीड डिस्ट्रिक मैनेजर, बैंक ऑफ़ इंडिया,लखनऊ,आई0 सी0 तालुकदार, सहायक निदेशक, के वी सी, लखनऊ, डॉ. सलिल सेठ एवं विभाग के शोध छात्र आदि उपस्थित रहे।

सर्वप्रथम कार्यक्रम की संयोजक डॉ. तरुणा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। उद्यमिता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उद्यमिता जागरूकता प्रोग्राम का उददेश्य विद्यार्थियों में स्वरोजगार एंव उद्यमिता की भावना का विकास करना तथा उद्यमिता के अनेक पहलुओं से परिचित कराना है। डा0 तरूणा ने संस्कृत के श्लोक “उद्यमेन ही सिध्यन्ति,कार्याणि न मनोरथे” को उद्धृत करते हुए बताया कि कार्य करने से ही सिद्धि मिलती है सिर्फ सोचते रहने से कुछ नहीं होगा। आज की परिदृश्य से सोचें तो उद्यमियों से ही भारत सशक्त होगा। २१वीं सदी का भारत जिस ऊंचाई को प्राप्त करेगा, उसमे आप सभी युवाओं की भूमिका बहुत अहम् है। उन्होंने बताया कि देश की युवा शक्ति भारत को आत्मनिर्भर बनाएगी तथा विकसित भारत अभियान के स्वप्न को साकार करने मे अवश्य सफल होंगी | 

नीरज कुमार ने एमएसएमई मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा उद्यमिता विकास हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे मे विस्तार पूर्वक बताया। एम. एस. एम. ई. के महत्व पर प्रकाश डालते हुए  नीरज ने बताया कि भारत में लगभग 90 प्रतिशत व्यापार सूक्ष्म, लघु एंव मध्यम उद्योगों के अंतर्गत आता है और यह क्षेत्र लगभग 45 प्रतिशत लोगो को रोजगार प्रदान करता है। 

के0 के0 पाण्डेय, सहायक प्रबंधक, जिला उद्योग संवर्धन एवं उद्यमिता विकास केंद्र,लखनऊ ने अपने उदबोधन में छात्रों को बताया कि इस समय स्वरोजगार एंव उद्यमिता के लिए आदर्श वातावरण तैयार है। उन्होने यह भी बताया कि इस समय ‘लोकल फार लोकल’ का समय है, और इस लोकल को ग्लोबल तक ले जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। उन्होने युवा उद्यमियों के लिए सरकार द्वारा संचालित ‘सारथी ऐप’ बारे में जानकारी दी।

मनीष पाठक, लीड डिस्ट्रिक मैनेजर, बैंक ऑफ़ इंडिया ने भारतीय बैंकों द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न ऋण योजनाओं एंव वित्तीय सहयोग पर प्रकाश डाला जो युवा उद्यमियों के लिए भारतीय बैंकों के माध्यम से उपलब्ध है।

एसo के0 पाण्डेय, संयुक्त निदेशक, एमएसएमई विकास कार्यालय कानपुर ने अपने उदबोधन में भारत जैसे विकासशील देश में सूक्ष्म, लघु एंव मध्यम उद्योगों के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि कि सूक्ष्म, लघु एंव मध्यम उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ है क्योंकि यह भारत की जी. डी. पी. में लगभग 33 प्रतिशत का योगदान करते है। उन्होने छात्रों को रोजगार मांगने वाला बनने के बजाय रोजगार प्रदाता बनने के लिए प्रेरित किया।

कुंवर शशांक, अध्यक्ष, दलित भारतीय चेम्बर आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने छात्रों को ‘रिच डैड एंड जीरो टू वन” जैसी पुस्तकों को पढ़ने की सलाह दी, जो छात्रों का मानस पटल बदलने में सहायक होगी। अपने उदबोधन में शशांक ने बताया कि वर्तमान समय स्वरोजगार के क्षेत्र में अग्रसर होने का उपयुक्त समय है। इसके अतिरिक्त उन्होने थ्री एम -मनी, मार्केट एवं मेंटरशिप के महत्व को रेखांकित किया। इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य वक्ताओं ने विद्यार्थियों को स्वरोजगार, उद्यमिता एवं विभिन्न सरकारी सहायता कार्यक्रमों के बारे में जानकारी प्रदान की।

प्रो0 अमित कुमार सिंह, अधिष्ठाता, स्कूल फाॅर मैनेजमेंट एण्ड काॅमर्स ने अपने उदबोधन में सूक्ष्म, लघु एंव माध्यम उद्योगों की स्थापना ग्रामीण क्षेत्रों में करने पर बल दिया, क्योंकि भारत की लगभग 68 प्रतिशत जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। कार्यक्रम के अंत मे प्रो0 अमित कुमार सिंह ने सभी वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया एवं इस कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए मौजूद सभी वक्ताओं का आभार व्यक्त किया।