(www.arya-tv.com) कोलारस विधानसभा क्षेत्र (MP Vidhan Sabha Chunav) से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है। बीजेपी से इस्तीफा देने के बाद विधायक वीरेंद्र रघुवंशी ने अभी किसी दूसरी पार्टी में जाने की कोई घोषणा नहीं की है। वहीं, दूसरी ओर वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थकों का उनके घर के बाहर जमावड़ा है। गुरुवार को उन्होंने बीजेपी छोड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद लगातार शिवपुरी स्थित निवास पर उनके समर्थक आ रहे हैं।
जिनमें शिवपुरी और कोलारस विधानसभा के लोग हैं। दोनों ही क्षेत्र के लोग उनके निवास पर आकर उनसे मोर्चे पर डटे रहने की बात कह रहे हैं अधिकांश समर्थकों का कहना है कि वह विधायक वीरेंद्र रघुवंशी के साथ हैं। कोलारस और शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के अधिकांश लोग उनके घर पर आकर उनकी हौसला अफजाई कर रहे हैं। बातचीत के दौरान अधिकांश उनके समर्थन का कहना है कि वह वीरेंद्र रघुवंशी के साथ हैं । वह किसी भी पार्टी में जाएंगे, हम उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर उनका साथ देंगे।
कांग्रेस में जाने की अटकलें
वहीं, बीजेपी छोड़ने के बाद कांग्रेस में जाने की अटकले हैं। साथ ही उनके समर्थक भी यही चाह रहे हैं कि वह कांग्रेस में शामिल हो जाएं। सूत्रों ने बताया है कि वह 2 सितंबर को भोपाल पहुंच रहे हैं। वहां पर कांग्रेस ज्वाइन करने का कोई निर्णय ले सकते हैं। फिलहाल वीरेंद्र रघुवंशी ने इस बारे में कोई भी खुलासा करने से इनकार कर दिया है। विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का कहना है कि वह इस बारे में अपना निर्णय अपने समर्थकों से चर्चा करने के बाद बताएंगे। उनका कहना है कि जो उनके समर्थक कहेंगे, वह उसे हिसाब से निर्णय लेंगे।
शिवपुरी से लड़ सकते हैं चुनाव
ज्योतिरादित्य सिंधिया पर आरोप लगाकर बीजेपी छोड़ने वाले विधायक वीरेंद्र रघुवंशी के बारे में ऐसा बताया जा रहा है कि वह शिवपुरी विधानसभा से चुनाव लड़ते हैं। इस सीट पर सिंधिया परिवार का कब्जा है। यहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ यशोधरा राजे सिंधिया चुनाव लड़ती हैं। उनके समर्थकों को कहना है कि हमें महल को हराना है। शिवपुरी में कोई भी विकास का काम नहीं हुआ है।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं से उनकी चर्चा हो चुकी है। सूत्रों ने बताया है कि वह शिवपुरी विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हो सकते हैं क्योंकि पूर्व में भी वह इस सीट पर एक बार विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस शिवपुरी से दो बार उन्हें अपना उम्मीदवार बना चुकी है। एक बार वर्ष 2007 में हुए उप चुनाव के दौरान और दूसरी बार 2008 के मुख्य चुनाव के दौरान कांग्रेस ने उन्हें टिकट दिया था।