(www.arya-tv.com) राजस्थान में विधानसभा चुनाव के चलते जहां बीजेपी की ओर से 2 सितंबर को परिवर्तन यात्रा निकाली जा रही है।इसके पीछे बीजेपी का उद्देश्य राजस्थान में बीजेपी के लिए चुनाव से पहले बड़ा माहौल तैयार करना है। वही इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे परिवर्तन यात्रा के एक दिन पहले 1 सितम्बर को अपनी धार्मिक यात्रा निकाल रही हैं। माना जा रहा है कि राजे इस यात्रा से BJP नेतृत्व को अपनी ताकत का अहसास कराना चाहती हैं।
बता दें कि बीजेपी की परिवर्तन यात्रा में वसुंधरा को चेहरा नहीं बनाया गया है। इसलिए इस यात्रा को वसुंधरा राजे की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। राजे की यात्रा को लेकर सियासी गलियारों में उबाल आ गया हैं। वहीं राजनीतिक जानकार इस यात्रा का अलग-अलग मतलब निकालने में लगे हुए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि 2 सितंबर को सवाईमाधोपुर में त्रिनेत्र गणेश जी से शुरू होने वाली परिवर्तन यात्रा में अब वसुंधरा राजे हिस्सा लेगी या नही हैं। इसको लेकर संशय हैं।
बीजेपी की परिवर्तन यात्रा से पहले देव दर्शन
बीजेपी की परिवर्तन यात्रा से एक दिन पहले वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा को लेकर सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे हैं। सियासत में चर्चा है कि वसुंधरा राजे बीजेपी की परिवर्तन यात्रा से पहले देव दर्शन यात्रा के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन करने तो नहीं जा रही है? क्योंकि इस बार बीजेपी की ओर से निकल जा रही परिवर्तन यात्रा में वसुंधरा राजे चेहरा नहीं बनाया गया।
इसको लेकर वसुंधरा राजे की नाराजगी से इस यात्रा को जोड़ा जा रहा है। सियासत में माना जा रहा है कि वसुंधरा देव दर्शन के माध्यम से बड़े संख्या में अपने समर्थक जुटाकर शीर्ष नेतृत्व को अपनी ताकत का एहसास कराने का प्रयास कर रही है।
देव दर्शन यात्रा से प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को सीधी चुनौती तो नहीं
वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा सियासी हल्का में बवाल मचा चुकी है। सियासत में चर्चा है कि वसुंधरा राजे दूसरी परिवर्तन यात्रा की जिम्मेदारी चाहती थी। क्योंकि इस यात्रा के रूट में उनके निर्वाचन क्षेत्र झालावाड़ भी शामिल है। लेकिन इस यात्रा की बागडोर प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के हाथ रही। इससे पहले यह चर्चा भी आ रही थी कि वसुंधरा को सवाई माधोपुर से शुरू होने वाली पहली परिवर्तन यात्रा की जिम्मेदारी दी जा रही है।
लेकिन उन्हें इस परिवर्तन यात्रा की जिम्मेदारी नहीं मिली। वसुंधरा राजे 1 सितंबर को देव दर्शन यात्रा निकाल रही है। उसमें वे क्षेत्र दूसरी परिवर्तन यात्रा के रूट में भी आते हैं। ऐसे में वसुंधरा राजे परिवर्तन यात्रा से एक दिन पहले देव दर्शन यात्रा निकालकर उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को चुनौती देने की कोशिश की है।
वसुंधरा की देव दर्शन यात्रा का यह होगा रूट
वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा राजसमंद जिले के चारभुजा नाथ मंदिर से शुरू होगी। इस दौरान मंदिर में दर्शन करने के बाद वसुंधरा राजे हेलीकॉप्टर से नाथद्वारा पहुंचेगी। जहां श्रीनाथजी के दर्शन के बाद वसुंधरा राजे सीधे बांसवाड़ा जिले के त्रिपुरा सुंदरी मंदिर पहुंचेगी। जहां मां त्रिपुरा सुंदरी के दर्शन कर वसुंधरा राजे विशेष पूजा अर्चना करेगी। बता दे कि वसुंधरा राजे को बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुंदरी मंदिर से विशेष लगाव है। वे जब भी समय मिलता है। त्रिपुरा सुंदरी के दरबार में पहुंच जाती है।