प्रयागराज (www.arya-tv.com) जबसे इंटरनेट पर सतर्क रहने और कोई भी ट्रांजेक्शन करते वक्त सावधान रहने के मैसेज जारी होने लगे हैं तो लोग सावधानी बरतने लगे हैं लेकिन एक अच्छी बात है जो कम ही लोगों को पता है। वो यह कि अपने ही जनपद में सोरांव क्षेत्र के मेधावी मयंक मिश्रा ने साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में बड़ी सफलता प्राप्त की है। विश्व के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल में कमी खोजने पर उन्हें गूगल के बग हंटर हॉल ऑफ फेम में जगह दी गई है। उनकी इस उपलब्धि को खासा सराहा जा रहा है। परिवार के लोग और मित्र भी बेहद खुश हैं। मयंक की इस उपलब्धि से और भी युवा प्रोत्साहित हो सकेंगे।
खामी खोजने पर मिलता है पुरस्कार
इस बारे में बताते चलें कि अंतराष्ट्रीय टेक्निकल कंपनियां बाउंटी प्रोग्राम का आयोजन करती रहती हैं। ऐसे में अगर किसी सर्च इंजन या प्रोग्राम में खामी की रिपोर्ट यूजर्स कंपनी को सब्मिट करते हैं और वो खामी वास्तव में पाई जाती है तो यूजर्स को इनाम दिया जाता है। मयंक ने बताया कि अब तक उन्हें गूगल, चाइनीज टेलीकॉम कंपनी हुआवै, लेनेवो, अंतराष्ट्रीय सॉफ्टवेयर कंपनी इंफ्लेक्ट्रा के हॉल ऑफ फेम में जगह मिल चुकी है। उन्होंने इसी वर्ष बीटेक आईटी की पढ़ाई पूरी की है। जब वह बीटेक द्वितीय वर्ष में थे तभी साइबर सिक्योरिटी में रुचि हो गई थी।
टेक्रनोक्रेट के लिए आदर्श बने मयंक
मयंक बहुत बारीकी से चीजों को देखते और समझते थे। अब उन्हें कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों की ओर से प्रोत्साहन पत्र मिल चुका है। वह बग हंटिंग जारी रखेंगे। ऐसा इसलिए कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस विषय में जागरूक करने के साथ जानकारी भी दे सकेंगे। अपने इस कार्य से वह साइबर इंडस्ट्री में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभा सकेंगे। मयंक की इस प्रतिभा ने जनपद वासियों को भी गौरव की अनूभूति दी है। उनकी इस ख्याति का लाभ जनपद के नवोदित टेक्रनोक्रेट को भी मिलेगा जो इससे सीख लेकर आगे अपनी कार्यक्षमता को उस स्तर पर ले जा सकेंगे जहां उनका नाम देश ही नहीं विदेश में भी ख्यात होगा