हर दिन न्यूनतम एक घंटा जनसुनवाई के लिए जरूर निर्धारित करें – योगी आदित्यनाथ

Lucknow
  • राज्य सरकार के सभी लोककल्याणकारी प्रयासों के मूल में आम आदमी की संतुष्टि और प्रदेश की उन्नति : मुख्यमंत्री
  • थाना दिवस और तहसील दिवस को और प्रभावी बनाया जाए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपर मुख्य सचिवों/प्रमुख सचिवों के साथ जनशिकायतों के निस्तारण की समीक्षा की। उन्होंने जनसमस्याओं और जनशिकायतों के मेरिट आधारित त्वरित समाधान पर बल देते हुए अधिकारियां को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सभी लोककल्याणकारी प्रयासों के मूल में आम आदमी की संतुष्टि और प्रदेश की उन्नति है। शासन-प्रशासन से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को इसे समझना चाहिए। आम जन की शिकायतों/समस्याओं के सहज समाधान के लिए जनसुनवाई समाधान प्रणाली (आई0जी0आर0एस0 और सी0एम0 हेल्पलाइन) अत्यन्त उपयोगी माध्यम है। शासन में तैनात वरिष्ठ अधिकारी हों या फील्ड में नियुक्त अधिकारी, हर किसी की यह जिम्मेदारी है कि आई0जी0आर0एस0 पर प्राप्त आवेदनों का प्राथमिकता के साथ त्वरित निस्तारण किया जाए। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता, लापरवाही अथवा देरी स्वीकार नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव फील्ड में जाएं। अगले दो माह के भीतर सभी मण्डलों का भ्रमण करें। फील्ड विजिट के दौरान अपने विभाग की लोककल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करें। लम्बित शिकायतों का मेरिट के आधार पर तत्काल निस्तारण कराएं। जहां गड़बड़ी हो, वहां जवाबदेही तय करें। भ्रमण के बाद अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराएं।

सचिवालय में फाइलों के लिए ई-ऑफिस की व्यवस्था है। इसे समस्त विभागाध्यक्ष/निदेशक कार्यालयों में भी लागू किया जाए। ई-ऑफिस को और प्रभावी बनाने की आवश्यकता है। फिजिकल फाइलों का उपयोग अपरिहार्य स्थिति में ही किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी नवीन स्थानान्तरण नीति घोषित कर दी है। इस नीति का कड़ाई से अनुपालन किया जाए। सभी अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव अपने विभागीय मंत्रीगणों से संवाद करते हुए नीति के अनुरूप स्थानान्तरण करें। यह ध्यान रखें कि आकांक्षात्मक जनपदों में मैनपावर की कमी न हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्तर्राज्यीय/अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र हमारे ब्रांड एम्बेसडर हैं। यहां अच्छे स्कूल-कॉलेज तथा स्तरीय चिकित्सा संस्थान विकसित किये जाने चाहिए। सीमावर्ती क्षेत्रों में औद्योगीकरण को लेकर हमें और बेहतर प्रयास करने होंगे। प्रदेश के दूर-दराज के गांवों तक टेलीकन्सल्टेशन सेवा का विस्तार किया जाए।