मधुमिता हत्याकांड के शूटर संतोष को नहीं मिली राहत:समय से पहले रिहाई की याचिका पर सुनवाई करने से SC का इनकार

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(www.arya-tv.com)   कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के शूटर संतोष राय को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली। समय से पहले उसकी रिहाई की याचिका पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। कोर्ट ने संतोष राय को सजा में छूट के लिए पहले यूपी सरकार के पास याचिका दायर करने को कहा है।

हालांकि, दाखिल याचिका में संतोष राय ने कहा है कि उसने केंद्र, यूपी और उत्तराखंड सरकार को समय से पहले रिहाई की अर्जी दाखिल की है। अब तक उस पर फैसला नहीं किया गया है। जिसकी वजह से शूटर संतोष राय को अपनी याचिका वापस लेनी पड़ी।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा शूटर संतोष
दरअसल, अमरमणि और उसकी पत्नी मधुमणि करीब 20 साल सजा काटने के बाद बीते 25 अगस्त को शासन के निर्देश पर समय से पहले ही जेल से रिहा कर दिया गया। इस बीच दोनों की समय से पहले रिहाई की खबर मिलते ही शूटर संतोष राय भी समय से पहले रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। संतोष राय ने भी अमरमणि त्रिपाठी और मधुमणि त्रिपाठी के मामले का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि वो सरकार को उसकी रिहाई पर फैसला करने के निर्देश दे।

इसके साथ ही कहा कि जब तक उसकी दया याचिका पर फैसला न हो तब तक अंतरिम जमानत दी जाए। हालांकि, अभी संतोष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से पहले यूपी सरकार और उत्तराखंड सरकार को जवाब दाखिल मांगा है।

यूपी और उत्तराखंड सरकार को पहले ही दी रिहाई अर्जी
वकील हर्षवर्धन विशेन द्वारा दाखिल याचिका में संतोष राय ने कहा है कि उसने केंद्र, यूपी और उत्तराखंड सरकार को समय से पहले रिहाई की अर्जी दाखिल की है। अब तक उस पर फैसला नहीं किया गया है। उसने बताया है कि वो 21 साल 10 महीने 15 दिन की अवधि के लिए जेल में बंद है।

खुद को बताया रिहाई का पात्र
याचिकाकर्ता छूट और समय पूर्व रिहाई के लिए विचार किए जाने का पात्र है। अदालत सरकार को मामले पर विचार करने का निर्देश दे। हर्षवर्धन विशेन ने दलील दी है कि सह-अभियुक्त मधुमणि त्रिपाठी और अमरमणि त्रिपाठी की याचिका पर भी सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों को उनके द्वारा समय पूर्व रिहाई के लिए दायर आवेदन पर विचार करने का निर्देश दिया था। इसी तरह सुप्रीम कोर्ट उसके मामले पर भी तुरंत फैसला करने को कहे, तब तक उसे अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाए। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने उसकी यचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।