समय से उपचार न मिलने के कारण गंभीर रुप लेती है हेड इंजरी

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(www.arya-tv.com)सिर में लगी चोट को हल्के में न ले। सिर में लगने वाली ज्यादातर यानी 70 फीसदी चोट गंभीर नही होती। पर समय रहते इलाज न मिलने के कारण यह बेहद गंभीर बन जाती है। 20 मार्च को विश्व सिर चोट जागरूकता दिवस के अवसर पर लखनऊ के संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान ने सभी को ऐसे चोट से सतर्क रहने के साथ ही चोट की चपेट में आने के बाद चिकित्सकीय परामर्श में देरी नही करने पर जोर दिया।

2050 तक मृत्यु दर का प्रमुख कारण बन सकता है हेड इंजरी

विश्व सिर चोट जागरूकता दिवस के कार्यक्रम में SGPGI के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने कहां कि विश्व में 2050 तक मृत्यु दर का प्रमुख कारण सिर की चोट होगा। लिहाजा लोग सिर की चोट को हल्के में कतई न लें। हर साल 20 मार्च को विश्व सिर चोट जागरूकता दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहां कि अक्सर लोग सिर की चोट नजर अंदाज कर देते हैं। कोई खास दिक्कत न होने पर डॉक्टर की सलाह तक नहीं लेते हैं। ऐसे लोगों में कुछ समय बाद इनके व्यक्तित्व और व्यवहार में बदलाव, चिड़चिड़ापन व भूलने की समस्या समेत कई दूसरी दिक्कतें हो जाती हैं।

हर 7 मिनट में भारत मे हेड इंजरी से मौत

वही न्यूरो सर्जरी विभाग के मुखिया प्रो.राजकुमार ने कहाकि देश में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल लगभग 80,000 लोग मारे जाते हैं। जो दुनिया भर में होने वाली मौतों का लगभग 13% है। SGPGI के ट्रॉमा सेंटर व न्यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में सिर में चोट लगने से होने वाली समस्याओं के करीब 20 से 30 मरीज आते हैं। उन्होंने बताया कि दुनिया भर में हर 4 मिनट में हेड इंजरी से एक मौत होती है, वही भारत में हर 7 मिनट में एक मौत हेड इंजरी से होती है।

दिव्यांग बना सकती है सिर की चोट

एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के प्रभारी व न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. राजकुमार ने कहा कि सिर की चोट से इंसान जीवन भर दिव्यांग हो सकता है। ऐसे में सिर की चोट को नजरअंदाज न करें। सिर में चोट लगने पर डॉक्टर की सलाह लें। डॉ. राजकुमार ने कहा कि यातायात नियमों का सख्ती से पालन कर हादसों से बचा जा सकता है।