(www.arya-tv.com) भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की ओर से राजस्थान में परिवर्तन संकल्प यात्रा निकाली जा रही है। बीजेपी की ‘परिवर्तन संकल्प’ शुक्रवार 8 सितंबर को 2 बजे जालोर जिले में प्रवेश करेगी। यहां से 9 सितंबर को रानीवाड़ा होते हुए सिरोही जाएगी। जालोर में प्रवेश के दौरान बिशनगढ़ में एक जनसभा का आयोजन किया जाएगा।
इसके बाद आहोर विधानसभा क्षेत्र होते हुए मांडोली पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम के बाद भीनमाल, सांचौर व रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से गुजरेगी। इस परिवर्तन यात्रा का जिले की जनता पर कितना असर पड़ेगा? यह तो आने वाले चुनाव में ही पता लग पाएगा, लेकिन पिछले लगातार दो विधानसभा चुनावों में जिले की पांच में से चार सीट बीजेपी जीतती आ रही है। वर्ष 1990 से 2018 तक हुए सात विधानसभा चुनावों पर नजर डालें तो सांचौर विधानसभा सीट को छोड़कर शेष चारों सीटों पर बीजेपी ने अपनी मजबूत पकड़ बनाई हुई है।
जालोर में बीजेपी ने जमाई गहरी जड़ें
जालोर जिले की पांच सीटों में से जालोर जिला मुख्यालय विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित है। बीजेपी ने जालोर सीट पर 1990 से लेकर 2018 तक हुए सात विधानसभा चुनाव में 6 बार जीत हासिल की है। केवल एक बार ही वर्ष 2008 में कांग्रेस से रामलाल मेघवाल जीत पाए। यहां वर्ष 1990, 1993, 2003 व 2018 में बीजेपी से जोगेश्वर गर्ग, 1998 में गणेशीराम मेघवाल व 2013 में अमृता मेघवाल विधायक निर्वाचित हो चुकी है। इस सीट पर टिकट रोटेशन ने भी बीजेपी को फायदा पहुंचाया है।
सात चुनाव में आहोर में बीजेपी ने टिकट रिपीट नहीं किया
आहोर विधानसभा सीट एक समय कांग्रेस की गढ़ बन चुकी थी, लेकिन बीजेपी ने धीरे-धीरे यहां भी मजबूत स्थिति कायम कर ली है। सबसे बड़ी खूबी बीजेपी की यह रही कि बीजेपी ने यहां हार और जीत दोनों परिस्थितियों में टिकट रिपीट नहीं किया। पिछले सात चुनाव में से आहोर में बीजेपी तीन बार जीती है। यहां 1990 में कांग्रेस से गोपाल सिंह, 1993, 1998 व 2008 में कांग्रेस से भगराज चौधरी, 2003 व 2013 में बीजेपी से शंकर सिंह राजपुरोहित और 2018 में छगन सिंह राजपुरोहित विधायक निर्वाचित हुए हैं। यहां लगातार दो बार से बीजेपी जीतती आ रही है।
भीनमाल सीट पर BJP ने पूराराम पर लगातार 6 बार दांव खेला
जिले की भीनमाल विधानसभा सीट पर बीजेपी ने 1993 के बाद से उम्मीदवार बदला ही नहीं है। पिछले सात चुनाव में बीजेपी चार बार जीत चुकी है। पिछले तीन चुनाव तो लगातार जीत रही है। यहां 1993 से पूराराम चौधरी को उम्मीदवार बनाया जाने लगा, जिसमें 1998 व 2003 में बीजेपी को हार झेलनी पड़ी। जबकि 1993, 2008, 2013 व 2018 में पूराराम चौधरी ने बीजेपी को जीत दिलाई है।
रानीवाड़ा में बीजेपी को मिल रही कड़ी टक्कर
जिले की रानीवाड़ा विधानसभा सीट पर हालांकि पिछले सात में से चार बार बीजेपी को जीत मिली है, लेकिन यहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों के बीच टक्कर का मुकाबला है। हालांकि यहां लगातार दो बार से बीजेपी जीत रही है, लेकिन वर्ष 2018 में तो मुकाबला बेहद नजदीकी पहुंच गया था। यहां वर्ष 1990 व 1998 में रतनाराम कांग्रेस से विधायक निर्वाचित हुए। इसी प्रकार 1993 व 2003 में अर्जुनसिंह देवड़ा, 2008 में कांग्रेस से रतन देवासी तथा 2013 व 2018 में नारायणसिंह देवल बीजेपी से निर्वाचित हुए।
सांचौर में एकजुट नहीं हो पाई बीजेपी, सात में से पांच बार हारी
जिले की सांचौर विधानसभा सीट पर बीजेपी का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा है। यहां खासकर बीजेपी में एकजुटता की कमी देखी गई। 1990 से लेकर 2018 तक हुए सात विधानसभा चुनाव में केवल दो बार ही बीजेपी जीत पाई। 1990 में लक्ष्मीचंद मेहता व 2003 में जीवाराम चौधरी ने बीजेपी को जीत दिलाई। जबकि 1993 व 1998 में कांग्रेस से हीरालाल विश्नोई, 2013 व 2018 में कांग्रेस से सुखराम विश्नोई और 2008 में जीवाराम चौधरी ने निर्दलीय जीत हासिल कर विधायक बने।
जिला बनाकर कांग्रेस का लाभ लेने का दांव बना बीजेपी के लिए चुनौती
राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में चल रही कांग्रेस सरकार की ओर से हाल ही में प्रदेश में नए जिले बनाने की गणित ने जालोर जिले में चुनौती पैदा कर दी है। जालोर से सांचौर को अलग नया जिला बना देने से कई लोग नाराज हो चुके हैं। सांचौर में शामिल किए गए बागोड़ा और रानीवाड़ा क्षेत्र के लोग धरना प्रदर्शन कर सांचौर में शामिल करने का विरोध जता रहे हैं। उनकी मांग है कि भीनमाल को नया जिला बनाकर उन्हें भी भीनमाल में शामिल किया जाए, या फिर यथावत जालोर जिले में ही रखा जाए।