(www.arya-tv.com) 10 नए तारा शक्ति केंद्रों के लोकार्पण के साथ ही सरोजनीनगर में अब कुल 40 तारा शक्ति केंद्र स्थापित हो चुके हैं। डॉ. राजेश्वर सिंह ने बीते वर्ष अक्टूबर 2022 माह में चार सिलाई सेंटरों की शुरुआत कर 100 तारा शक्ति केंद्र स्थापित करने का संकल्प लिया था। इसी के अनुरूप मात्र एक वर्ष में ही उन्होंने 40 तारा शक्ति केंद्रों की स्थापना कर विधायक ने यह संदेश दिया कि सरोजनीनगर की माताओं, बहनों, बेटियों को स्वावलंबी बनाना उनकी प्राथमिकता है।
तारा शक्ति केंद्र सिलाई सेंटर होने के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण, उनके स्वावलंबन, प्रशिक्षण व कार्य के अवसरों का केंद्र है। यहां महिलाओं का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार-स्वरोजगार प्रदान किया जाता है ताकि वे आर्थिक रूप में मजबूत बन सकें। खास बात यह है कि इन सिलाई सेंटरों में इको फ्रेंडली बैग भी नए जा रहे हैं जो विधायक द्वारा सरोजनीनगर में पढने वाले स्कूल के बच्चों को निशुल्क वितरित किये जाते हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. राजेश्वर सिंह ने कहा कि मातृशक्ति जितनी सशक्त होती हैं, परिवार-समाज और राष्ट्र भी उतना मजबूत होता है। जब देश आजाद हुआ था तब महिलाओं की साक्षरता दर मात्र 8 प्रतिशत थी लेकिन आज बोर्ड की परीक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं में बेटियां बेटों के मुकाबले उम्दा प्रदर्शन कर रही है, उच्च पदों पर आसीन हो रही हैं।
पीसीएस-जे की परीक्षा में 303 सफल परीक्षार्थियों में से 165 बेटियों का चयन हुआ। इंटरमीडिएट परीक्षा में बेटियों का पास प्रतिशत 86 रहा जबकि हाईस्कूल परीक्षा में 83 प्रतिशत रहा। चंद्रयान 3 की सफलता में भी लखनऊ की बेटी ऋतु करिधल की अहम भूमिका रही। आज भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है इसमें बेटियों का योगदान सबसे बड़ा है।
डॉ. राजेश्वर सिंह ने क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरोजनीनगर में निरंतर युवाओं, बच्चों, महिलाओं को लेकर कार्य हो रहे हैं। महिलाओं द्वारा संचालित इफको बाजार मदर यूनिट खुला, उन्हें कार्य करने के लिए अवसर और ऋण उपलब्ध कराए जा रहे हैं। सड़के सुदृढ़ हो रही है, जलभराव से निजात मिली है, स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है, 55 स्कूलों में झूले लगे, युवाओं की कांउसलिंग हो रही है, बेटियों को रोजगार के अवसर मिल रहा है।
कार्यक्रम में शिव शंकर सिंह, रमाशंकर त्रिपाठी, सेवा भारती संगठन की मंजू सिंह समेत बड़ी संख्या में स्वयं सहायता समूहों से जुडी महिलाएं और क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही।