चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने जहां पर रखे कदम, जानिए क्या है उस जगह का नाम

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(www.arya-tv.com) भारत अब चांद के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंच चुका है। एक परिपाटी सी है कि अंतरिक्ष में इंसान जहां जाता है, उस जगह को कोई नाम दे देता है। चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने जहां पर कदम रखे, उस जगह का नामकरण हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बेंगलुरु में चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट को ‘शिवशक्ति’ नाम दिया। वह ISRO के वैज्ञानिकों से मुखातिब थे जिन्होंने भारत को चांद तक पहुंचाया।

रूंधे गले से पीएम मोदी ने वैज्ञानिकों को सैल्यूट करते हुए कहा क‍ि चंद्रयान महाअभियान सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि पूरी मानवता की सफलता है। पीएम ने चंद्रयान-2 के इम्पैक्ट पॉंइंट को भी एक नाम दिया। अब उसे ‘तिरंगा’ के नाम से जाना जाएगा। 2019 में यहीं पर चंद्रयान-3 का लैंडर क्रैश हो गया था। बाद में उसकी लोकेशन का पता लगा। चांद पर मौजूद ‘शिवशक्ति’ और ‘तिरंगा’ पॉइंट कहां हैं, उनके बारे में अब तक हमारे पास कितनी जानकारी है, जानिए।

चांद पर शिवशक्ति पॉइंट क्‍या है

  • चंद्रमा के जिस हिस्से पर 23 अगस्‍त 2023 की शाम को चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल उतरा, अब उस पॉइंट को ‘शिवशक्ति’ के नाम से जाना जाएगा।
  • ISRO ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग साइट का फोटो जारी किया था जो आप ऊपर देख सकते हैं। इसमें लैंडर का एक पैर और परछाई दिख रही है।
  • अमेरिका के Lunar Reconnaissance Orbiter Camera के अनुसार, चंद्रयान-3 का लैंडर इन कोऑर्डिनेट्स पर है – 69.37282, 32.31837
  • पीएम मोदी ने कहा, ‘यह ‘शिवशक्ति’ प्वाइंट आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देगा कि हमें विज्ञान का उपयोग मानवता के कल्याण के लिए ही करना है। मानवता का कल्याण हमारी सर्वोच्च प्रतिबद्धता है।’

चांद पर तिरंगा पॉइंट क्‍या है

  • चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-2 अपने निशान छोड़े हैं, वह प्वाइंट अब ‘तिरंगा’ कहलाएगा।
  • PM मोदी ने कहा कि ये तिरंगा प्वाइंट भारत के हर प्रयास की प्रेरणा बनेगा, ये तिरंगा प्वाइंट हमें सीख देगा कि कोई भी विफलता आखिरी नहीं होती।
  • दिसंबर 2019 में NASA के LROC ने लैंडर विक्रम की इम्‍पैक्‍ट साइट 70.8810°S 22.7840°E पर होने का पता लगाया था।​

23 अगस्‍त को मनेगा नैशनल स्‍पेस डे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक और महत्‍वपूर्ण घोषणा की। उन्‍होंने कहा, ’23 अगस्त को जब भारत ने चंद्रमा पर तिरंगा फहराया, उस दिन को अब राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के रूप में मनाया जाएगा।’