जानिए राखी बांधते समय कितनी बांधनी चाहिए गांठ, क्या है इसका धार्मिक महत्व

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(www.arya-tv.com) हिंदू धर्म में रक्षाबंधन का पर्व विशेष महत्व रखता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी या रक्षा सूत्र बांधती हैं, और उनकी सफलता के लिए कामना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहनों की रक्षा का वचन देते हैं। साथ ही इस भाईयों द्वारा अपनी बहनों को उपहार भी दिए जाते हैं। भद्रा काल का निर्माण होने के कारण इस वर्ष रक्षाबंधन का पर्व 2 दिन यानी 30 और 31 अगस्त को मान्य होगा।

रक्षाबंधन का पर्व भाई -बहन के रिश्तों की अटूट डोर का प्रतीक है। इस दिन बहनें अपने भाई की आरती उतारकर, प्रेम के प्रतीक स्वरूप राखी बांधती हैं और उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए कामना करती हैं। साथ ही भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देते हैं। भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक के रूप में रक्षाबंधन का पर्व प्राचीन समय से मनाया जा रहा है।

वैसे तो संख्या 3 को कई कार्यों के लिए शुभ नहीं माना जाता, लेकिन राखी की बात करें तो धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के अनुसार, राखी में तीन गांठ लगाना बेहद शुभ होता है। इन तीन गांठों का संबंध त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश से माना जाता है।

मान्यता है कि राखी बांधते समय पहली गांठ भाई की लंबी उम्र के लिए लगाई जाती है, दूसरी गांठ बहन की लंबी उम्र के लिए होती है और तीसरी गांठ भाई-बहन के रिश्ते में प्यार और मिठास लाने के लिए होती है। इसलिए राखी बांधते समय इस उसमें तीन गांठ जरूर लगाएं जिससे आपके और भाई के रिश्ते का प्यार और मिठास बनी रहे।