पार्टी के संकटमोचक थे केसरीनाथ जी: महापौर संयुक्ता भाटिया

Lucknow

(www.arya-tv.com)सीएमएस गोमती नगर में पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय पं केसरी नाथ त्रिपाठी की स्मृतियां एवं संस्मरण के लिए श्रद्धांजलि सभा आहूत की गई, जिसे श्रद्धेय कल्याण सिंह सनातन सेवा स्मृति न्यास एवं अधिवक्ता परिषद के द्वारा संयुक्त तत्वाधान में भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक, पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, महापौर लखनऊ संयुक्ता भाटिया ने कार्यक्रम में गरिमामई उपस्थिति रही तथा सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ता एवं गणमान्य जन उपस्थित रहे, जिसमें अपर महाधिवक्ता कुलदीप पति त्रिपाठी, शासकीय अधिवक्ता विमल श्रीवास्तव, अवध बार के पूर्व अध्यक्ष ए.एम.त्रिपाठी तथा अधिवक्ता परिषद के महामंत्री शैलेंद्र सिंह राजावत, राकेश पांडे अध्यक्ष अधिवक्ता परिषद सिविल कोर्ट इकाई, DGC क्रिमिनल मनोज त्रिपाठी सिविल कोर्ट, पी के मिश्रा पूर्व प्रधानमन्त्री अटल जी के प्रतिनिधि, प्रवीण त्रिपाठी, अंबरीश वर्मा, उदय भान सिंह, संजय रस्तोगी, प्रशांत त्रिपाठी, सुभाष ओझा आदि उपस्थित रहे।

श्रद्धेय केसरीनाथ त्रिपाठी के श्रद्धांजलि सभा के दीप प्रज्वलन में मुख्य रूप से उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, महापौर लखनऊ संयुक्ता भाटिया, न्यास के अध्यक्ष प्रशान्त भाटिया और अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारी रहे। उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी एक कुशल राजनेता विधि विशेषज्ञ और मृदुभाषी सहयोगी थे। पाठक जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ लोगों और उत्तर प्रदेश की सरकार की ओर से हम श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। पंडित जी ने गरीबों की लड़ाई लड़ी और वंचितों की मदद करने के लिए तत्पर रहें।

महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि पंडित केसरी नाथ त्रिपाठी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे 3 राज्यों के राज्यपाल, 3 बार उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तथा पांच बार विधायक रहे, उनके प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल में मैं पार्टी की महिला मोर्चा की अध्यक्ष रही, मुझे उनके साथ काम करने का मौका मिला यह मेरे सौभाग्य की बात है। वे कार्यकर्ताओं और जनमानस के लिए सहज, सुलभ राजनेता थे। उनकी सरलता के लिए वह हमेशा याद किए जाएंगे। उनका जीवनकाल 10 नवंबर 1934 से 8 जनवरी 2023 तक रहा, लेकिन उनके बताए आदर्शों से हमेशा मार्गदर्शन मिलता रहेगा। वह पार्टी के संकटमोचक थे। वह विधि के जानकारी और विधवता के कारण संकट के समय मे पार्टी के संकटों को दूर करने जी जिम्मेदारी निभाते थे। समय समय पार्टी को संकट को उबरने में अपनी भूमिका निभाते थे, इस नाते से पार्टी के संकटमोचक कहलाते थे।

डॉ.दिनेश शर्मा ने बताया कि केसरीनाथ गहन विषयों पर भी काव्य रचना की अद्भुत क्षमता थी। उनकी सरलता का जिक्र करते हुए बताया कि जब वह बंगाल के राज्यपाल थे तो उस समय कोलकाता प्रवास के दौरान उन्होंने बुलाकर गेट पर खड़े होकर एक सामान्य कार्यकर्ता का स्वागत किया वह एक जिंदादिल इंसान थे अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन फिजी, और अमेरिका में ले जाने के लिए हमें कई बार याद किए उनका आत्म तत्व तो हमेशा गतिमान रहेगा। अधिवक्ता प्रहरी हैं विधान के और विधान के मार्गदर्शक का श्रद्धांजलि सभा है मैं आप सभी का आभारी हूं। न्यास के अध्यक्ष प्रशांत भाटिया द्वारा बताया गया कि अस्वस्थ होने पर भी विशेष अनुरोध पर श्रद्धेय कल्याण सिंह जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने हेतु प्रयागराज से लखनऊ पधारे थे मंच से भाषण ना देकर चलकर डाइस पर जाकर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए थे। पंडित जी एक महान नेता थे, न्यास हमेशा राष्ट्र, समाज के पुरोधा महापुरुषों को विशिष्ट कार्यक्रमों के माध्यम से याद करता रहेगा और उनके संस्मरण जन जन तक पहुंचाने के लिए न्यास प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में गणमान्य जन उपस्थित रहे, विभाग कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अमितेश, अमरनाथ दुबे,CSC प्रशांत सिंह अटल, वालकेश्वर श्रीवास्तव पूर्व महामंत्री अवध बार एसोसिएशन, उच्च न्यायालय एवं सिविल कोर्ट के विद्वान अधिवक्ता गण, न्यास के पदाधिकारी संग पार्टी कार्यकर्ता, आमजन हजारों की संख्या में उपस्थित रहे।