मुख्तार अंसारी को नहीं मिलेगी सुपीरियर क्लास की सुविधा

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(www.arya-tv.com) हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी को एक और झटका दिया है। उच्च न्यायालय ने बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी को जेल में सुपीरियर क्लास की सुविधा देने के आदेश को रद्द कर दिया है। यह आदेश गाजीपुर की MPMLA कोर्ट की ओर से वरिष्ठ अधीक्षक जिला जेल बांदा को दिया गया था। कोर्ट ने कहा है कि विशेष अदालत का आदेश अधिकार क्षेत्र से बाहर है। दुर्दात अपराधी बाहुबली अंसारी कानूनन जेल में सुपीरियर क्लास पाने का हकदार नहीं है।

राज्य सरकार को हक, आदेश को माने या न माने

यह आदेश जस्टिस डीके सिंह ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में गाजीपुर के विशेष एमपीएमएलए कोर्ट के मुख्तार अंसारी को जेल में सुपीरियर क्लास देने के आदेश की वैधता को चुनौती दी गई थी।

राज्य सरकार का कहना था कि उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल 2022 के अनुसार अदालत को केवल सुपीरियर क्लास देने की संस्तुति करने का अधिकार है। उसे मानने या अस्वीकार करने का अंतिम अधिकार राज्य सरकार को है।

जेल मैनुअल दुर्दांत अपराधी को सुविधा की नहीं देता इजाजत

जेल मैनुअल के तहत यह सुविधा देते समय विचाराधीन कैदी की शिक्षा, उसका आचरण, आपराधिक घटना की प्रकृति, आपराधिक मंशा देखी जाती है। मुख्तार अंसारी का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। माफिया के खिलाफ 58 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वह गिरोह का सरगना भी है और उसके द्वारा किए गए अपराध गंभीर प्रकृति के हैं। ऐस में किसी भी दुर्दात अपराधी को सुपीरियर क्लास नहीं दिया जा सकता।

इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आगे कहा कि अधीनस्थ अदालत ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर मुख्तार अंसारी को सुपीरियर क्लास देने का निर्देश दिया है। ऐसा आदेश देने का कोर्ट को अधिकार नहीं है। अंसारी की तरफ से कानूनी पहलू पर विवाद नहीं किया गया और माना गया कि यह अधिकार राज्य सरकार सरकार को है कि वह कोर्ट के आदेश को माने या न माने।

इस पर कोर्ट ने विशेष न्यायाधीश के आदेश को रद्द कर दिया।