(www.arya-tv.com) द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर दराज से श्रद्धालु पहुंचते हैं. मंदिर के भव्य स्वरूप देखकर श्रद्धालु निहाल होते हैं. इसके साथ ही देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की हार्दिक इच्छा होती है कि भगवान विश्वनाथ के पांच बार होने वाली नियमित विशेष आरती का वह साक्षी बने.
मंदिर में नियमित तौर पर बाबा काशी विश्वनाथ की मंगला आरती, भोग आरती, सप्त ऋषि आरती, श्रृंगार भोग आरती और शयन आरती की जाती है. मंदिर के अर्चक द्वारा आरती को विधि विधान से हर दिन संपन्न कराया जाता है. काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालिका अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान बताया कि भगवान काशी विश्वनाथ के भव्य कॉरिडोर को देखकर भक्त काफी प्रसन्न होते हैं.
क्या है आरती का समय
उन्होंने कहा कि इस दौरान अगर नियमित रूप से होने वाली बाबा की आरती में शामिल होने का उन्हें अवसर मिलता है तो श्रद्धालुओं का मानना है कि उन्हें एक अलग ही ऊर्जा की अनुभूति होती है. भगवान विश्वनाथ के लिए होने वाली मंगला आरती भोर में 2:30 बजे से 3:45 बजे संपन्न कराई जाती है. इसके बाद भोग आरती दोपहर 11:30 से 12:30 तक संपन्न कराई जाती है.
इसके बाद सप्त ऋषि आरती का समय शाम 7:30 बजे से 8:45 तक निर्धारित होता है. श्रृंगार भोग आरती का समय रात्रि 9:00 बजे से 10:00 तक के बीच में संपन्न कराए जाते हैं. इसके बाद बाबा का शयन आरती का समय 10:30 बजे से 11:00 निर्धारित होता है. अलग-अलग ऋतु के अनुसार सायं कालीन सप्त ऋषि आरती के समय में परिवर्तन भी किया जाता है.
सोशल मीडिया पर दी जानकारी
काशी के लोगों के साथ-साथ दूर-दराज से आने वाले भक्त बाबा विश्वनाथ के दर्शन को लेकर उत्साहित रहते हैं. लेकिन उनकी यह भी प्राथमिकता रहती है कि इन पांच आरती के समय में वह मंदिर में पहुंचे जिससे बाबा की इस विशेष आरती में उन्हें शामिल होने का अवसर मिले. आरती से जुड़े तस्वीरों को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर द्वारा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अपलोड किया जाता है.