चैत्र नवरात्रि पर गोरखपुर के मंदिरों में पूजा-पाठ:गोरखनाथ मंदिर में कलश स्थापना

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(www.arya-tv.com) चैत्र नवरात्रि आज से शुरू हो गया है। गोरखपुर में हर ओर नवरात्रि की धूम है। सुबह से ही मंदिरों में शक्ति की भक्ति हो रही है। इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आ रहीं हैं। ऐसे में नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के साथ मां शक्ति की पूजा अर्चना की जा रही है। 28 को महासप्तमी, 29 को महाष्टमी व 30 को रामनवमी है। इस दिन मां की आराधना के साथ व्रत की पूर्णाहुति होगी और भगवान राम का जन्मोत्सव भी मनाया जाएगा।

भक्तों ने रखा 9 दिनों का व्रत
वहीं, भक्तों ने मां की अराधना के लिए 9 दिन का व्रत भी रखा है। हालांकि, कुछ लोगों ने सिर्फ पहले दिन और आखिरी दिन का व्रत किया है। इसके साथ ही यहां आज से 10 प्रसिद्ध मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और रामचरितमानस पाठ शुरू हो रहा है। इसके लिए यूपी सरकार ने बकायदा बजट भी जारी किया है। इन मंदिरों में ढोल-मजीरा की थाप के साथ पूरा माहौल भक्तिमय लग रहा है।

शुभ मुहूर्त में करें कलश स्थापना
वासंतिक नवरात्रि 22 से 30 मार्च तक है। पंंडित विनोद तिवारी ने बताया, बुधवार को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजकर 28 मिनट तक कलश स्थापना कर सकते हैं। इस वर्ष तिथियों में ह्रास और वृद्धि का क्रम नहीं है। जैसा कि विगत कई वर्षों में रहा है। नवरात्रि में सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथियों का सर्वाधिक महत्व है। 28 मार्च को महासप्तमी व्रत का दिन है। 29 को महाअष्टमी और 30 मार्च को महानवमी है। जो भक्त पहले और अंतिम दिन नवरात्रि व्रत रखना चाहते हैं, वे 22 मार्च को और 29 मार्च को व्रत रखेंगे।

एक मंदिर के लिए 10 हजार का बजट
दरअसल, शासन के निर्देश पर पहली बार दुर्गा मंदिरों में होने वाले दुर्गा सप्तशती और रामायण पाठ आयोजित किया जा रहा है। राजकीय बौद्ध संग्रहालय के उप निदेशक डॉ. मनोज कुमार गौतम ने बताया कि इसके लिए शहर के 10 दुर्गा मंदिरों को चिहिन्त किया गया है। प्रत्येक मंदिर के लिए 10 हजार रुपए आवंटित किए गए हैं। कुल एक लाख का रुपए बजट है।

कहीं होगा भजन-कीर्तन तो कहीं होगा पाठ
उन्होंने बताया, इसके लिए मंदिर समिति के पदाधिकारियों से वार्ता हो चुकी है। जो मंदिर के पुरोहित हैं, उन सभी लोगों से बात हो चुकी है। जाफरा बाजार स्थित रामजानकी मंदिर में रामचरित मानस का पाठ करने के लिए स्वर भारती मानस की टोली पाठ करेगी।

आम जनमानस की सुविधा का ख्याल रखते हुए इन मंदिरों में भजन-कीर्तन के साथ पाठ का आयोजन किया जा रहा है। यही वजह है कि काली मंदिर दाउदपुर और काली मंदिर गोलघर में दुर्गा सप्ती और रामचरित मानस का पाठ नहीं होगा। उन्होंने बताया कि तहसील स्तर के दुर्गा मंदिरों में जिला प्रशासन के माध्यम से भी भजन कीर्तन होगा।