स्मार्ट सिटी पार्ट वन: अब पाप का घड़ा उफनाने लगा है

Lucknow
Suyash Mishra
Suyash Mishra

लखनऊ। अब पाप का घड़ा उफनाने लगा है। कम से कम अब तो रुक जाओ, नहीं तो यह छलकने लगेगा। फिर हर कोई कहेगा…वो देखो लुटेरा जा रहा है। इतनी जलालत कैसे झेलोगे। …पर परवाह कहां उसे वह तो बस लूट में ऐसा बझ सा गया है कि निकल ही नहीं पा रहा। उसके चारों ओर सिर्फ और सिर्फ भ्रष्टाचार का दलदल है और वह उसमें समाया हुआ है। उस दलदल से वह बाहर आना नहीं चाहता या यूं कहें कि वह आना ही नहीं चाहता। कुर्सी से उसे इज्जत तो मिल ही रही है अब रिटायर होने के बाद भ्रष्टाचार की कमाई से मुफ्त की शोहरत का जुगाड़ हो रहा है। राम राज्य की ऐसी की तैसी अब सिर्फ उसे अपनी स्वर्णमयी लंका बनाने की पड़ी है फिर इसके लिए चाहे उसे कोई भी खजाना क्यों नप लूटना पड़े। …लुटेरों का काम ही है लूटना पर सवाल तब उठते हैं जब राम राज्य को मानने वालों की सरपरस्ती में ऐसा हो रहा हो।

आज हम आपको बताने वाले हैं नगर निगम में स्मार्ट सिटी योजना में हो रहे घोटाले से जुड़े उस अफसर के बारे में जिसके कारनामों पर किताब लिखी जाए तो पन्ने और स्याही कम पड़ जाएगी। हम बात कर रहे नगर निगम जोन 6 में तैनात नगर अभियंता जेएस जैदी की।

स्मार्ट सिटी योजना में जेएस जैदी जी को प्रभारी बनाया गया है। कहा जाता है कि जेएस जैदी के जैसा दिमाग किसी भी इंजिनीयर के पास नहीं है। इसलिए उन्हें हर बड़े प्रोजेक्ट की कमान सौंपी जाती रही है। नगर निगम के इतिहास की बात करें तो नगर अभियंता जेएस जैदी पुराने नगर आयुक्त उदय राज के समय में भी बड़े बड़े प्रोजेक्ट की कमान संभालते रहे हैं। अब जब इंद्रमणि त्रिपाठी का राज है तो भी जैदी ही बड़ी बड़ी योजनाओं की कमान संभाले हुए हैं।

स्मार्ट सिटी योजना में टेंडर के नाम पर घोटाला हो रहा है। यूपी टेंडर की वेबसाइट के माध्यम से ई टेंडर न कराकर टेंडर विजार्ड से ठेका दिया जा रहा है। जबकि इसके संबंध में शासनादेश भी है कि उत्तर प्रदेश में सभी टेंडर https://etender.up.nic.in/ से ही निकाले जाएं। लेकिन साहेब मनमुताबिक ठेकेदारों को टेंडर देने के लिए ऐसा कर रहे हैं। ताकि उन्हें मनचाहा कमीशन मिल सके।

आपको बता दें कि जैदी स्मार्ट सिटी का काम देख रहे हैं और उसके इंचार्ज कमिश्नर साहेब हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या कमिश्नर साहेब को गुमराह किया जा रहा है।

कौन हैं जेएस जैदी?

जेएस जैदी जोन 6 में नगर अभियंता के पद पर तैनात हैं। लखनऊ नगर निगम में तैनात नगर अभियंता जोन—6 का पद तो सिर्फ दिखाने के लिए है असली खेल तो स्मार्ट सिटी योजना का है, जिसमें जैदी साहब ही अपने निजी संबंधों के आधार पर कम्पनियों को लाते हैं और अपने आका नगर आयुक्त डॉ.इन्द्रमणि त्रिपाठी को धनमणि का दर्शन कराते हैं। इसके बदले मेंं वह उन कम्पनियों को खूब काम सेटिंग के जरिए दिलाते हैं। सूत्रों के हवाले से यह भी पता चला है कि पूरे नगर निगम में डॉ.अरविंद राव और जैदी ही ऐसे व्यक्ति हैं जिनके कहने पर नगर आयुक्त की कलम चलती है बाकी तो सब बेकार हैं। जैदी के अगर मोबाइल की ही जांच की जाए तो उसमें दिन भर की अधिकतर कालें तो स्मार्ट सिटी के कार्य की सेटिंग की ही मिलेंगी।

क्या है खासियत!
अगर जैदी की खासियत की बात करें तो जो गुण जैदी में है वह किसी भी अधिकारी में नहीं है। जैदी 36 खाने की वह रिंच हैं जो अधिकारियों को गुप्त रूप से पैसा पैदा कराने में माहिर हैं। यही कारण है कि वह अधिकारियों के पसंदीदा हैं।

“स्मार्ट सिटी में चल रही किसी भी अनियमितता के लिए 7007096037 नंबर पर संपर्क करें। आपकी आइडेंटिटी गुप्त रखी जाएगी। हमारी कोशिश है ​उत्तर प्रदेश में बड़ी कुर्सियों पर तैनात अधिकारियों के भ्रष्टाचार को सार्वजनिक किया जाए।”

Comming Soon: स्मार्ट सिटी पार्ट 2