जो बाइडन की पत्‍नी जिल को हुआ कोरोना, जानिए क्‍या अब जी-20 के लिए भारत नहीं आएंगे अमेरिकी राष्‍ट्रपति

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(www.arya-tv.com) अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन कोविड-19 से संक्रमित हो गई हैं। व्‍हाइट हाउस की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है। व्‍हाइट हाउस ने बताया है कि जिल को कोविड के हल्के लक्षण है। जबकि राष्‍ट्रपति जो बाइडन का कोविड-19 टेस्‍ट निगेटिव आया है। बाइडन की 72 साल की पत्नी को पिछले साल अगस्त में भी कोविड हुआ था। जबकि 80 वर्षीय बाइडन ने जुलाई 2022 में अंतिम बार टेस्‍ट कराया था। इस नए घटनाक्रम के बाद राष्‍ट्रपति बाइडन के भी भारत आने पर सस्‍पेंस गहरा गया है।

बाइडन का होगा चेकअप

जिल बाइडन की प्रवक्ता एलिजाबेथ अलेक्जेंडर ने एक बयान में कहा, -शाम को, फर्स्‍ट लेडी का कोविड-19 के का टेस्‍ट पॉजिटिव आया है। वह इस समय डेलावेयर के रेहोबथ बीच में उनके घर पर ही रहेंगी।’राष्‍ट्रपति बाइडन सोमवार शाम को अकेले डेलावेयर से वापस वॉशिंगटन, व्‍हाइट हाउस आ गए थे। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘प्रथम महिला के कोविड-19 के पॉजिटिव टेस्‍ट के बाद, बाइडन का भी सोमवार शाम कोविड टेस्‍ट किया गया था जो निगेटिव आया है। राष्‍ट्रपति का इस हफ्ते रूटीन चेकअप होगा और उनके लक्षणों की निगरानी की जाएगी।

आठ को पीएम मोदी से मीटिंग

पत्‍नी जिल बाइडन के कोविड पॉजिटिव होने के बाद भी राष्‍ट्रपति जो बाइडन जी-20 सम्‍मेलन के लिए तय कार्यक्रम पर ही भारत पहुंचेंगे। व्‍हाइट हाउस की तरफ से बताया गया है कि राष्‍ट्रपति तय कार्यक्रम के मुताबिक ही सम्‍मेलन में शामिल होंगे। बाइडन सात सितंबर को भारत के लिए रवाना होंगे। वह आठ सितंबर को नई दिल्‍ली में जी20 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।

इस दौरान वह भारत के साथ अमेरिका की प्रतिबद्धता को दोहराएंगे। साथ ही साल 2026 में सम्‍मेलन की मेजबानी के लिए अमेरिकी राष्‍ट्रपति के तौर पर आगे आएंगे। नौ सितंबर को वह जी-20 सम्‍मेलन में शामिल होंगे। यहां पर वह संगठन के साथियों के साथ वैश्विक मुद्दों जिसमें स्‍वच्‍छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन से निबटना शामिल है, इस पर चर्चा करेंगे।

पुतिन और जिनपिंग ने किया किनारा

चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग और उनके रूसी समकक्ष व्‍लादिमीर पुतिन ने पहले ही इस सम्‍मेलन से किनारा कर लिया है। भारत पहली बार इस शिखर सम्‍मेलन की मेजबानी कर रहा है। इस कार्यक्रम को विशेषज्ञ देश के लिए एक रणनीतिक विजय के तौर पर करार दे रहे हैं।