जेबी फार्मा ने हार्ट फेल्योर की महत्वपूर्ण दवा अजमर्डा (सैक्युबिट्रिल-वलसार्टन®) की कीमत लगभग 50 प्रतिशत घटा दी

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हार्ट फेल्योर अब लाइफ फेल्योर नहीं है‘ क्योंकि जेबी फार्मा ने हार्ट फेल्योर की महत्वपूर्ण दवा अजमर्डा (सैक्युबिट्रिलवलसार्टन®) की कीमत लगभग 50 प्रतिशत घटा दी है

  • देश में 80 लाख से 1 करोड़ 20 लाख लोग हार्ट फेलियर से पीड़ित हैं और इनमें से बहुत कम ही उपचार का खर्च उठा सकते हैं।
  • अजमर्डा (सैक्युबिट्रिल-वलसार्टन®), 50मिलिग्राम की एक टेबलेट अब  78 रूपए की बजाय  39.6 रूपए में उपलब्ध होगी
  • यह कदम देश भर में हार्ट फेल्योर के मरीजों तक किफायती दाम पर इसकी पहुंच बढ़ाने के लिए उठाया गया है
  • लोगों में जागरूकता पैदा करने और स्वास्थ्य स्थिति का पता लगाने के लिए जेबी फार्मा ने उत्तर प्रदेश में 30 से अधिक और देश भर में लगभग 300हार्ट फेलियर‘ क्लीनिक स्थापित करने की घोषणा भी की है

(www.arya-tv.com) लखनऊ:जेबी केमिकल्स एंड फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड (जेबी फार्मा)  भारत में सबसे तेजी से बढ़ती दवा कंपनियों में से एक है, ने क्रिटिकल हार्ट फेल्योर दवा “अज़मर्दा” की कीमत में लगभग 50 प्रतिशतकी भारी कमी की घोषणा की है। अजमर्डा जिसमें पेटेंट अणु  सैक्युबिट्रिल-वलसार्टन®, शामिल है, हार्ट फेल्योर के इलाज के लिए उपयोग की जाती है, जो देश में 80 लाख से 1 करोड़ 20 लाख लोगों को बीमार करता है। कीमत में कमी के बाद अजमर्दा (सैकुब्यूट्रिल-वलसार्टन®), 50 मिलीग्राम 78 रुपये प्रति टैबलेट की बजाय 39.6 रुपये प्रति टैबलेट में उपलब्ध होगी। जेबी ने प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने और गैर-संचारी रोगों का शीघ्र पता लगाने में तेजी लाने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के 4600 हेल्थ एटीएम स्थापित करने के संकल्प के अनुरूप लखनऊ में अपनी पहली घोषणा की है।

इस पर टिप्पणी करते हुए दिलीप सिंह राठौर प्रेसिडेंट – डोमेस्टिक बिजनेस, जेबी फार्मा ने कहा कि “कार्डियक सेगमेंट में एक अग्रणी दवा निर्माता कंपनी होने के नाते, जेबी ने भारत में हार्ट फेल्योर के मरीजों के लिए अपनी अजमर्दा दवा को अधिक सुलभ और सस्ती बनाने का निर्णय लिया है। यह निर्णय मरीजों के एक बड़े वर्ग को सबसे किफायती मूल्य पर अभिनव और गुणवत्तापूर्ण उपचार प्रदान करने की हमारी रणनीति के अनुरूप है। इस कदम के साथ, कुल उपचार पर मासिक खर्च 4500से घटकर  2200 रूपए हो जाएगा। एचएफ दवा अस्पताल में भर्ती होने के खर्च को कम से कम  1,00,000 रूपए तक कम करने में भी सहायता करती है।”

श्री राठौड़ ने आगे कहा कि “हार्ट फेल्योर एक गंभीर और भयावह स्थिति है और स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। इसके बारे में,  हम उत्तर प्रदेश में 30 से अधिक और देश भर में लगभग 300 ‘हार्ट फेलियर’ क्लीनिक भी स्थापित करेंगे ताकि मरीज इसका जल्द पता लगा सकें और स्वास्थ्य संबंधी निर्णय ले सकें। राज्य सरकार के सक्रिय दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए हमने एनसीडी से लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश से इसकी शुरूआत करने का फैसला किया।”