फिल्मों के पोस्टर चिपकाते, मूंगफली बेचते थे जैकी श्रॉफ: 212 करोड़ की प्रॉपर्टी

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(www.arya-tv.com) फिल्मों के जग्गू दादा यानी जैकी श्रॉफ आज 66 साल के हो गए हैं। कभी मुंबई की तीन बत्ती चॉल के 10×10 के एक कमरे से अपनी जिंदगी की शुरुआत करने वाले जैकी आज 212 करोड़ की सम्पत्ति के मालिक हैं। बेटा टाइगर भी बॉलीवुड के टॉप स्टार्स में से एक है। दिलचस्प बात यह है कि सफलता मिलने के बाद भी जैकी श्रॉफ अपनी जिंदगी के शुरुआती दिनों को नहीं भूले। तीन बत्ती की चॉल में अभी भी उनका वो एक कमरे का घर है, जहां अक्सर अपने पुराने दिनों को याद करने वो जाते रहते हैं।

एक इंटरव्यू में उन्होंने खुद ही कहा था, ‘मुझे अभी भी सुकून की नींद चॉल के उसी कमरे में आती है।’

जैकी की जिंदगी खुद कम फिल्मी नहीं रही है। उनके पिता गुजराती थे, मां कजाकिस्तान की। पिता काकूभाई श्रॉफ एस्ट्रोलॉजर भी थे। जैकी की जिंदगी के 31 साल तीन बत्ती की चॉल में गुजरे। जब वे फिल्म हीरो के बाद स्टार बन चुके थे, तब कुछ साल चॉल में ही रहे। चॉल के जग्गू दादा से मॉडल और मॉडल से हीरो बनने का उनका सफर खासा दिलचस्प है।

जैकी कभी थिएटर के बाहर मूंगफली बेचते थे। कभी फिल्मों के पोस्टर चिपकाते थे। एक दिन बस स्टैंड पर एक आदमी ने इन्हें देखा और कहा मॉडलिंग करोगे क्या? जैकी ने सवाल के बदले सवाल पूछा- पैसे दोगे क्या? इन दो सवालों में हुई बातचीत ने चॉल के मामूली लड़के को बॉलीवुड का स्टार बना दिया।

आज जैकी श्रॉफ के 66वें बर्थ डे पर उनकी जिंदगी की कहानी के कुछ दिलचस्प हिस्से…

जैकी श्रॉफ का जन्म 1 फरवरी 1957 को मुंबई की चॉल में हुआ था। इनकी मां रीटा सालों पहले कजाकिस्तान में हुए तख्तापलट के बाद जान बचाकर लाहौर भाग आई थीं। 1936 के आसपास कजाकिस्तान में जंग का माहौल था, रीटा 10 साल करीब की थीं। वहां रहने वालों को बड़ी संख्या में मारा जा रहा था। जैकी की मां रीटा की सात बहने थीं। ठंड से बचने के लिए उन लोगों ने शरीरपर लहसुन का पेस्ट लगाया था।

गर्मी इतनी हुई कि पूरे शरीर पर बड़े-बड़े पिंपल हो गए। जब सैनिक उन्हें मारने पहुंचे तो उन्हें लगा ये कोढ़ है, जो छूने से फैल जाएगा। गनीमत रही कि पूरे परिवार को छोड़ दिया गया। जान बचाकर सातों बहनें मां के साथ लाहौर आईं और फिर दिल्ली और बंटवारें के बाद मुंबई रहने आ गईं। यहां उनकी मुलाकात काकूबाई श्रॉफ से हुई थी। काकूभाई एक ज्योतिषी थे।

दरअसल काकूभाई एक बेहद रईस परिवार के थे और स्टॉक मार्केट के बड़े शेयरहोल्डर थे, हालांकि एक बार उनसे सारे पैसे डूब गए और परिवार रास्ते में आ गया। 17 साल की उम्र में काकूभाई ने रोजी-रोटी कमाने के लिए घर छोड़ दिया। मुंबई की चॉल में रहते हुए उनकी मुलाकात रीटा से हुई और दोनों ने शादी कर ली। चॉल में रहते हुए ही रीटा ने दो बच्चों को जन्म दिया। जैकी छोटे बेटे थे।

जैकी का बचपन और जवानी तीन बत्ती स्थित चॉल की 10×10 की खोली में ही बीती है। चॉल में 7 खोली थीं, जिनमें करीब 30 लोग रहते थे और इनमें सिर्फ 3 बाथरूम थे। रोजाना बाथरूम जाने के लिए लाइन में लगना आम बात थी। इस चॉल से जैकी को इतना लगाव है कि वो आज भी समय निकालकर चॉल जाते हैं और उस दौर के दोस्तों से मुलाकात करते हैं।

चॉल के सच्चे जग्गू दादा थे जैकी के बड़े भाई

जैकी श्रॉफ के बड़े भाई उनसे 7 साल बड़े थे। वो हमेशा चॉल के लोगों की मदद के लिए तैयार खड़े रहते थे। किसी को भी मदद चाहिए होती थी तो उनके पास चला आता था। उनकी पूरे तीन बत्ती इलाके में अच्छी पकड़ थी।

मूंगफली बेचकर करते थे कमाई

जैकी श्रॉफ चॉल में रहते हुए फिल्में लगने का इंतजार करते थे। उन्हें फिल्म लगने पर पोस्टर चिपकाने का काम मिल जाया करता था। वहीं सिनेमाघरों के बाहर मूंगफली बेचकर भी उन्हें चंद रुपए मिल जाते थे।

आंखों के सामने समुद्र में डूब गया बड़ा भाई, बचा नहीं सके जैकी

1967 में उनके बड़े भाई की मौत हो गई। एक दिन जैकी ने चॉल में सुना कि कोई समुद्र में डूब रहा है। भीड़ हटाते हुए जब जैकी नजदीक पहुंचे तो देखा कि वो डूबने वाला शख्स कोई और नहीं बल्कि उनके बड़े भाई हैं। 10 साल के जैकी ने बड़े भाई की तरफ तार फेंका, लेकिन वो तार भाई के हाथ से फिसल गया।

जैकी की आंखों के सामने ही बड़ा भाई डूब गया। दरअसल जैकी के भाई ने जब एक आदमी को डूबते हुए देखा तो खुद पानी में छलांग लगा दी थी, जबकि उन्हें खुद तैरना नहीं आता था। मौत से ठीक एक हफ्ते पहले ही जैकी के भाई की मिल में नौकरी लगी थी।

भाई की मौत के बाद जैकी बने जग्गू दादा

बड़े भाई की मौत से जैकी बुरी तरह टूट गए थे। इसके बाद उन्होंने खुद भाई की जगह लेने का फैसला लिया। जैकी खुद पूरे चॉल के लोगों की मदद करते थे।

मां ने साड़ी और बर्तन बेचकर करवाई 10वीं की पढ़ाई

घर में पहले ही पैसों की तंगी थी, ऐसे में पिता के लिए पढ़ाई का खर्च उठाना काफी मुश्किल हो रहा था। जब 10वीं के बाद घरवालों के पास पैसे नहीं बचे तो जैकी की मां ने अपनी साड़ियां और घर के बर्तन बेच दिए, जिससे वो पढ़ाई कर सकें। 11वीं के बाद जब कॉलेज के पैसे भर पाना मुश्किल हुआ तो जैकी ने पढ़ाई करने से साफ मना कर दिया।

बस स्टॉप में खड़े-खड़े मिल गया था मॉडलिंग का ऑफर

आगे जैकी श्रॉफ घर खर्च में हाथ बंटाने के लिए ट्रेड विंग्स नाम की रामपट रोड की एक ट्रैवल एजेंसी में काम करने लगे। एक दिन बस स्टॉप पर खड़े जैकी पर एक शख्स की नजर पड़ी। उसने पूछा कि आप क्या करते हो। जैकी ने बताया कि वो ट्रैवल एजेंसी में हैं। वो शख्स एडवर्टाइजमेंट एजेंसी का आदमी था, जिसने कहा कि तस्वीर क्लिक करवाने के बदले पैसे मिलेंगे।

जैकी ये सुनकर खुश हो गए और कहा कि मुझे भी काम दे दो। बात बन गई और जैकी को अगले दिन नेशनल ऐडवर्टाइजमेंट एजेंसी बुलाया गया। जैसे ही जैकी पहुंचे तो वहां उनके कपड़ों का नाप लिया गया। उन लोगों ने कहा- हम आपको मॉडल बना रहे हैं।

इस काम के जैकी को 7 हजार रुपए मिले थे। ये पैसे जैकी ने मां को दिए और कहा, मां मैं जॉब छोड़कर ऐसा ही कुछ करना चाहता हूं, जहां मेरी तस्वीरें निकालने के पैसे मिलें। मां मान गईं और जैकी ने ट्रैवल एजेंसी की नौकरी छोड़ दी। जैकी को लगातार काम मिलने लगा।