(www.arya-tv.com) फिश ऑयल को डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड (ओमेगा-3 PUFA) होता है. इसलिए यह ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक बहुत अच्छा सोर्स है. फिश ऑयल के काफी ज्यादा फायदे होते हैं. हालांकि फिश ऑयल को लेकर यह भी कहा जाता है कि इसके स्वास्थ्य संबंधी कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं. जिसे डाइट में शामिल करने से स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ता है. आज हम इसके फायदे-नुकसान दोनों के बारे में विस्तार से जानेंगे.
फिश ऑयल के स्वास्थ्य संबंधी कई सारे फायदे
फिश ऑयल को डाइट में शामिल करने दिल से संबंधित बीमारियों में काफी ज्यादा फायदा होता है.
यह आंखों के लिए काफी फायदेमंद होता है.
गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए भी ओमेगा-3 फैटी एसिड बहुत फायदेमंद होता है.
तेज दिमाग और मेमोरी बढ़ाने के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड काफी ज्यादा फायदेमंद होता है.
फिश ऑयल को डाइट में शामिल करने APOEε4 जीन वाले लोगों के लिए काफी अच्छा होता है. जिसके कारण अल्जाइमर जैसी बीमारी का जोखिम कम होता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों न्यूरोन से संबंधी दिक्कतें थी उन्हें यह फिश ऑयल दिया है देखा गया कि उनकी सेहत में सुधार हुई है.
अल्जाइमर एसोसिएशन के अनुसार, ऐसे कई कारक हैं जो किसी व्यक्ति में अल्जाइमर रोग विकसित होने के जोखिम को बढ़ा सकते हैं. इनमें शामिल हैं:
आयु
धूम्रपान
अनहेल्दी डाइट और/या अधिक वजन
एक्सरसाइझ की कमी
फैमिली हिस्ट्री
कई जीन की पहचान की गई है जो अल्जाइमर से जुड़े हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध APOE जीन है.
APOEε4, अल्जाइमर विकसित होने के जोखिम को बढ़ाता है, खासकर उन लोगों में जो अपने माता-पिता दोनों से APOEε4 विरासत में लेते हैं.
3 सॉफ्ट जेल मछली के तेल के कैप्सूल एक दिन
रिसर्च में 75 साल और उससे अधिक आयु के 102 लोगों को शामिल किया गया था जिनके ओमेगा-3 फैटी एसिड का लेवल कम था. सभी प्रतिभागी आम तौर पर स्वस्थ थे, उनमें कोई मनोभ्रंश नहीं था (मिनी-मेंटल स्टेट एग्जामिनेशन और शुरुआत में MRI स्कैन द्वारा मापा गया), लेकिन उनमें कुछ हद तक व्हाइट मैटर के घाव थे (वृद्ध लोगों में मस्तिष्क की तंत्रिका कोशिकाओं में सामान्य परिवर्तन). रिसर्चर ने आधे प्रतिभागियों को प्रतिदिन 3 सॉफ्ट जेल कैप्सूल में 1.65 ग्राम ओमेगा-3 दिया। उन्होंने नियंत्रण समूह को केवल सोयाबीन तेल युक्त 3 सॉफ्ट जेल दिए, जो स्वाद, रूप, गंध और बनावट में ओमेगा-3 कैप्सूल के समान थे.