(www.arya-tv.com)लखनऊ के बिजनौर स्थित आर्यकुल कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया गया। आर्यकुल कॉलेज में अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस 2024 “बहुभाषी शिक्षा अंतर-पीढ़ीगत शिक्षा का एक स्तंभ है”। थीम के साथ मनाया गया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रबंधक निदेशक डॉ. सशक्त सिंह ने दीप प्रज्वलित कर किया। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य बच्चों को सन्देश देना है कि अपनी मातृ भाषा से प्रेम करने के साथ-साथ अन्य भाषाओं को भी सम्मान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत विविधताओं का देश होते हुए भी अपने अंदर अनेक ऐसे भाषाओं एवं गुणों को समाहित किए हुए हैं जिससे समाज में प्रेम और भाईचारे का संदेश व्याप्त हुआ है। दुनिया में भाषाई और सांस्कृतिक विविधता व बहुभाषिता को बढ़ावा देने के लिए, साथ ही साथ, मातृभाषाओं से जुड़ी जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से यह दिन मनाया जाता है।
फार्मेसी विभाग के उप निदेशक डॉ.आदित्य सिंह ने छात्र-छात्राओं को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की जानकारी दी। इस दौरान कॉलेज के शिक्षक डॉ. गौरव मिश्रा ने भाषा के महत्त्व एवं भाषा की विविधताओं के बारे में विस्तार से समझाते हुए भारत में विभिन्न राज्यों की भाषाओं एवं अन्य राष्ट्रों की भाषाओं पर भी प्रकाश डाला। शिक्षिका विनिता दीक्षित कहा कि यह दिन अपनी मातृभाषा पर गर्व करने का दिन है तथा हम सबको के महत्व को समझना चाहिए।
इस दौरान अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा के उपलक्ष्य में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता में बढ़- चढ़कर भाग लिया। सभी ने भाषा के महत्त्व एवं भाषा की विविधताओं के बारे में तथा भारत में विभिन्न राज्यों की भाषाओं एवं अन्य राष्ट्रों की भाषाओं के बारे में विस्तार से बताया।
इस अवसर पर आर्यकुल ग्रुप ऑफ कॉलेज के प्रबंध निदेशक डॉ. सशक्त सिंह, फार्मेसी विभाग के उप निदेशक डॉ. आदित्य सिंह, फार्मेसी विभाग के एचओडी बी.के सिंह, प्रबंध- पत्रकारिता एवं शिक्षा विभाग की उप निदेशक डॉ. अंकिता अग्रवाल, एच. आर. नेहा वर्मा, शिक्षा विभाग के एचओडी प्रणव पांडे, शिक्षा विभाग के प्राचार्य एस.सी.तिवारी,प्रियंका केशरवानी, विनिता दीक्षित, डॉ.स्नेहा सिंह, डॉ. काशिफ शकील, डॉ. अंकिता श्रीवास्तव, व्योमा सेठ, ममता पाण्डेय, अंशिका शुक्ला, दीपिका कुमारी, देवेंद्र सिंह, दीप्ति सिंह,रॉनी के साथ अन्य शिक्षक गण व स्टाफ उपस्थित रहे।
- क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
21 फरवरी को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की स्थापना संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) द्वारा 1999 में बांग्लादेश में 21 फरवरी, 1952 को हुई दुखद घटनाओं की याद में की गई थी। उस दिन, छात्रों और कार्यकर्ताओं ने अपनी मातृभाषा बांग्ला को मान्यता देने के लिए विरोध प्रदर्शन किया, जिसके कारण शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान लोगों की जान चली गई। लिहाजा मातृभाषा के अस्तित्व को बचाने के लिए हुए इस बड़े आंदोलन में शहीद हुए युवाओं की स्थिति के लिए यूनेस्को ने साल 1999 में 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा कर दी।