यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट के छात्र और छात्राएं ध्‍यान, व्याकरण पर मजबूत पकड़ से मिलेंगे अच्‍छे अंक

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प्रयागराज (www.arya-tv.com) यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट के छात्र और छात्राएं ध्‍यान दें। मानविकी वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संस्कृत ऐसा विषय है जो परीक्षा में शत प्रतिशत अंक दिलाने में सहायक है। विद्यार्थियों को चाहिए कि शुद्ध और स्पष्ट लिखें। प्रश्नों का उत्तर व्यवस्थित रहने पर भी अंक अच्छे मिलते हैं। जीजीआइसी की शिक्षक वंदना मिश्र विद्यार्थियों को टिप्‍स दे रही हैं।

ऐसे करें तैयारी तो मिलेंगे अच्‍छे अंक

वंदना मिश्र के अनुसार गद्य, पद्य व व्याकरण को सिर्फ कंठस्थ न करें बल्कि उसे समझने की कोशिश करें। सभी अध्याय के महत्वपूर्ण बिंदुओं को एक चार्ट पेपर पर लिख लें और उसे कहीं लगा दें। बार बार दोहराते रहेंगे तो आसानी से याद हो जाएगा।

व्याकरण में लिखावट को लेकर कोई अंक नहीं कटता, उत्तर सही होने पर पूरे अंक मिलते हैं। प्रश्नों का उत्तर लिखते समय शब्दों में हलंत, विसर्ग, अनुस्वार जैसे चिह्न पर भी जरूर ध्यान दें। यही शब्द की शुद्धता होती है। इनका प्रयोग ठीक न होने पर अंक कट सकते हैं। शुद्ध लेखन के लिए यह जरूरी है।

विद्यार्थियों के लिए गुरु मंत्र

-व्याकरण पर ध्यान दें, इससे नंबर मिलेंगे, भाषा के प्रति समझ भी बढ़ेगी।

– उत्तर लिखने में साहित्यक व प्रभावी भाषाशैली का प्रयोग करें।

– दस साल के पुराने प्रश्नपत्र भी समय के भीतर हल करने का अभ्यास करें।

– निबंध, चरित्र चित्रण व प्रश्नों का उत्तर लिखते समय उदाहरण, शीर्षक को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करें।

इनका भी ध्यान रखें

– संदर्भ सहित व्याख्या में संदर्भ, प्रसंग पद्यांस का संस्कृत में अर्थ व विशेष टिप्पणी संस्कृत में ही लिखें।

– लिखने में बार बार समानार्थी शब्दों का प्रयोग व अभ्यास करते रहें।

पाठों के अनुसार अंक विभाजन

-खंड क 20 अंक का होगा।

– गद्यांश के आधार पर प्रश्नोत्तर दस अंक का।

– पात्रों का चरित्र चित्रण हिंदी में चार अंक।

– रचनाकार की जीवन शैली ङ्क्षहदी या संस्कृत में चार अंक की।

– संबंधित पाठ्य पुस्तक से वैकल्पिक प्रश्न दो अंक के होंगे।

– खंड ख पद्य से संबंधित रहेगा, यह कुल 20 अंक का है।

– किसी एक श्लोक की संदर्भ सहित ङ्क्षहदी में व्याख्या, सात अंक।

– किसी श्लोक की संदर्भ सहित संस्कृत में व्याख्या, सात अंक।

– कवि परिचय व काव्यशैली हिंदी या संस्कृत में लिखनी होगी। चार अंक का प्रश्न होगा।

– काव्यगत तथ्यों व भावों पर आधारित वैकल्पिक प्रश्न दो अंक का पूछा जाएगा।

– खंड ग नाटक (अभिज्ञान शाकुंतलम्) से संबंधित रहेगा, इसमें कुल बीस अंक के प्रश्न पूछे जाएंगे।

– पाठगत नाटक के किसी गद्यांश अथवा पद्यांश की संदर्भ सहित व्याख्या। इसके लिए सात अंक मिलेंगे।

– पाठगत नाटक के अंशों की या सूक्ति की संदर्भ सहित व्याख्या। यह प्रश्न भी सात अंक का होगा।

– नाटककार का जीवन परिचय एवं पाठयशैली लिखनी होगी। इसके लिए चार अंक मिलेंगे।

– संबंधित पुस्तिका से वैकल्पिक प्रश्न दो अंक के आएंगे।

महत्वपूर्ण निबंध

– खंड घ निबंध संबंधी होगा। इसके लिए दस अंक मिलेंगे। निबंध को संस्कृत में लिखना होगा। जनसंख्या नियंत्रणम्, पर्यावरण संरक्षणम्, संस्कृत भाषाया: महत्वम्, उद्यानम्, मिशन शक्ति प्रयोगजनम् जैसे विषय निबंध के लिए हो सकते हैं।

– अलंकार संबंधी प्रश्न के लिए तीन अंक दिए जाएंगे। अलंकारों की सामान्य परिभाषा हिंदी या संस्कृत में लिखनी होगी। उदाहरण संस्कृत में दें। उपमा तथा रूपक अलंकार महत्वपूर्ण है।

– किन्हीं चार वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करना होगा। इसके लिए आठ अंक मिलेंगे।

– कारक एवं विभक्ति सूत्रों के साथ, तीन अंक का प्रश्न होगा। इसमें चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी व सप्तमी विभक्ति को पढ़ें।

– समास संबंधी प्रश्न तीन अंक का होगा। परिभाषा, विग्रह व समस्त पद बताना होगा। द्वंद्व, अव्ययीभाव व द्विगु समास पढ़ें।

– संधि संबंधी प्रश्न में परिभाषा, विच्छेद, नामोल्लेख व नियम बताना होगा। इसमें व्यंजन संधि, विसर्ग संधि जरूर पढ़ें।

– रूप संबंधी प्रश्न भी पूरे अंक दिलाते हैं। गृह, वारि, दधि, मधु, नामन, मनस, सर्व, तद्, यद्, किम््, युष्मद, अस्मद, एतत, भवत को जरूर पढ़ें।

– एक से 100 तक की गिनती को संस्कृत में जरूर पढ़ें।

– धातु रूप संबंधी प्रश्न भी तीन अंक का रहेगा। लट्, लोट, विधिलिंग, लृट लकार को तैयार करें। लभ, शी, सेव, नी, याच्, दा, ग्रह, ज्ञा। महत्वपूर्ण है।

– प्रत्यय में शब्दों की पहचान करने संबंधी प्रश्न दो अंक का होगा।

– वाक्यों में कर्तृवाच्य, कर्मवाच्य, भाव वाच्यों की पहचान कर वाक्यों को बनाना होगा। यह प्रश्न भी दो अंक का रहेगा।

प्रश्नपत्र का स्वरूप

– कुल 100 अंक का प्रश्नपत्र होगा।

– पहले प्रश्न में कादंबरी नामक पाठ्य पुस्तक के किसी खंड पर आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे। जिनका उत्तर गद्य खंड से ढूंढकर लिखना होगा। यह कुल दस अंक का होगा।

– प्रश्न दो में अपनी पाठ्य पुस्तक के आधार पर किसी एक पात्र का चरित्र चित्रण करना होगा। यह चार अंक का प्रश्न होगा।

– महाकवि बाणभट्ट की गद्यशैली या चंद्रापीड कथा सार पर आधारित प्रश्न को दिया जाएगा। यह चार अंक का होगा।

– प्रश्न चार के तहत दो बहुविकल्पी प्रश्न पूछे जाएंगे। यह दो अंक का होगा।

– प्रश्न पांच में किसी एक श्लोक की संदर्भ सहित ङ्क्षहदी में व्याख्या करनी होगी। इसके लिए सात अंक निर्धारित हैं।

– प्रश्न छह में किसी एक श्लोक की संदर्भ सहित व्याख्या करनी होगी। यह सात अंक का होगा।

– प्रश्न सात में महाकवि कालिदास की शैली पूछी जाएगी। इसके लिए चार अंक निर्धारित हैं।

– प्रश्न आठ में दो बहुविकल्पी प्रश्न रहेेंगे। इसके लिए दो अंक निर्धारित हैं।

– प्रश्न नौ में किन्हीं एक श्लोक की ङ्क्षहदी व्याख्या की जाएगी। इसके लिए सात अंक तय हैं।

– प्रश्न दस में सूक्ति परक वाक्य की संदर्भ सहित ङ्क्षहदी में व्याख्या करनी होगी। इसके लिए सात अंक निर्धारित हैं।

– प्रश्न 11 में अभिज्ञान शाकुंतलम पाठ्य पुस्तक के किन्हीं एक पात्र का चरित्र चित्रण करना होगा। इसके लिए चार अंक मिलेंगे।

– प्रश्न 12 में अभिज्ञान शाकुंतलम से संबंधित दो प्रश्न बहु विकल्पी रहेंगे। यह दो अंक का प्रश्न होगा।

– प्रश्न 13 में किसी विषय पर निबंध लिखना होगा।

– प्रश्न 14 में रूपक या उपमा अलंकार की परिभाषा व उदाहरण लिखना होगा।

– प्रश्न 15 में किन्हीं चार वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करना होगा।

– प्रश्न 16 में विभक्ति आधारित बहुविकल्पी प्रश्न रहेगा।

– प्रश्न 17 में दो समास आधारित बहुविकल्पी प्रश्न पूछे जाएंगे। इसके लिए तीन अंक मिलेंगे।

– प्रश्न 18 में संधि आधारित दो प्रश्न रहेंगे।

– प्रश्न 19 शब्द रूपों पर आधारित रहेगा।

– प्रश्न 20 धातु रूप पर आधारित रहेगा। यह तीन अंक का प्रश्न होगा।

– प्रश्न 21 में प्रत्यय आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे।

-प्रश्न 22 में किसी एक वाक्य का वाच्य परिवर्तन करना होगा। दो अंक का प्रश्न होगा।