Indira IVF ने 1 लाख का इतिहास रचा,देश का पहला ऑर्गेनाइजेशन बना

Lucknow
  • Indira IVF ने इंपोर्टेड एडवांस्‍ड टेक्नोलॉजी की मदद से 1 लाख आईवीएफ प्रॉसिजर्स पूरे किये

(www.arya-tv.com) Indira IVF , जो भारत की अग्रणी फर्टिलिटी चेन है, ने अपने सेंटर्स में इलेक्ट्रॉनिक विटनेसिंग सिस्टम्स एवं क्लोज्ड वर्किंग चैंबर्स जैसी उन्नत तकनीक के उपयोग को अपनी चिकित्सकीय सफलता दर का श्रेय दिया है। इंदिरा आईवीएफ, देश में 100,000 से अधिक प्रॉसिजर्स करने वाला पहला ऑर्गेनाइजेशन था। इसने भारत के सबसे बड़े इनफर्टिलिटी स्पेशलिस्ट क्लिनिक्स चेन के रूप में स्वयं को स्थापित किया है। डेनमार्क से मंगायी गयी इलेक्ट्रॉनिक विटनेसिंग टेक्नोलॉजी और ऑस्ट्रेलिया से आयातित क्लोज्ड वर्किंग चैंबर्स टेक्नोलॉजी, असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्निक्स (एआरटी) के दो अत्यंत महत्वपूर्ण पहलुओं की दृष्टि से सहायक है।

इलेक्ट्रॉनिक विटनेसिंग टेक्नोलॉजी में आरएफआईडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) चिप्स का इस्तेमाल किया गया है जिन्हें स्पर्म सैंपल्स के टेस्ट ट्यूब्स और अंडाणुओं को स्टोर किये जाने वाले डिशेज पर टैग किया जाता है। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि अलग-अलग सैंपल्स आपस में मिल न जायें। क्लोज्ड वर्किंग चैंबर्स, इन सैंपल्स की हैंडलिंग के लिए मानव शरीर जैसा नियंत्रित एवं उपयुक्त वातावरण प्रदान करते हैं; यह प्रक्रियाओं को साफ-सुथरा व सुरक्षित बनाये रखता है जिससे सफलता की संभावना कई गुनी बढ़ जाती है।

इस प्रगति के बारे में बताते हुए, इंदिरा आईवीएफ के सह-संस्थापक एवं निदेशक नितिज मुर्दिया ने कहा कि हम समझते हैं कि भारत में इनफर्टिलिटी एक चिकित्सा स्थिति ही नहीं है बल्कि इसके परिणाम सामजिक जीवन में भी देखने को मिलते हैं। उपचार कराने वाले कपल्स को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, और परिणाम से जुड़ी अनिश्चितता सबसे बड़ी चिंता होती है। इस प्रकार, आईवीएफ साइ‍कल से सफल गर्भधारण का आश्वासन सर्वोपरि है।