जेनरिक दवाओं की कीमत में 30 प्रतिशत तक वृद्धि, बढ़ेगा दाम ये है कारण

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प्रयागराज (www.arya-tv.com) चीन में विंटर (ठंड) ओलिंपिक होने के कारण दवा से संबंधित रा-मैटेरियल का निर्माण करने वाली ज्यादातर फैक्ट्रियां बंद कर दी गई हैं, जिसका असर यहां पड़ा है। कच्चा माल और पैकेजिंग मैटेरियल में उछाल के कारण जेनरिक दवाओं की कीमत में करीब 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। जेनरिक दवाओं के दाम में विगत करीब तीन-चार महीने से लगातार तेजी का रुख बना है। इससे मरीजों की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।

रा-मैटेरियल, खाली कैप्‍सूल आदि चीन से ही मंगाया जाता है

चीन में ओलिंपिक के कारण प्रदूषण घटाने के मकसद से लगभग 25 प्रतिशत फैक्ट्रियां ही संचालित होने की बात कही जा रही है। खाली कैप्सूल, खाली बाटल, कैप, रबर आदि रा-मैटेरियल देश में वहीं से आता है। ऐसे में ज्यादातर फैक्ट्रियों का संचालन ठप होने से रा-मैटेरियल का दाम लगभग तीन-चार गुना तक बढ़ गया है।

दाम बढ़ने की वजह दवाओं की डंपिंग व कालाबाजारी भी

ज्यादातर दवाएं खाली कैप्सूल के जिलेटिन से बनती हैं। इसकी वजह से एमाक्सिलिन, ओफ्लाक्सिलिन, पैरासीटामाल, सिप्राफ्लोक्सिलिन समेत अन्य जेनरिक दवाओं की कीमतों में करीब 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। दाम बढऩे की एक अन्य वजह बड़े स्टाकिस्टों द्वारा दवाओं की डंपिंग और कालाबाजारी भी है।

इलाहाबाद केमिस्‍ट एंड ड्रगिस्‍ट एसोसिएशन अध्‍यक्ष ने यह कहा

इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल दुबे का कहना है कि तीन-चार महीने से दवाओं का रेट बढ़ रहा है। हर महीने दवाओं के दाम में करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। उन्होंने दवाओं की वृद्धि पर नियंत्रण लगाने की मांग सरकार से की है।