(www.arya-tv.com) राष्ट्रीय किसान संयुक्त मोर्चा की ओर से सिकंदरपुर में आयोजित किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत के पहुंचने पर किसानों और कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। पूर्वांचल के साथ ही आयोजन में बिहार के किसान भी पहुंचे हैं। बुधवार को बलिया के चेतन किशोर मैदान में बड़ी संख्या में किसानों की जुटान में महिलाओं की भी काफी भागीदारी है। दोपहर डेढ़ बजे कियान नेता राकेश टिकैत महापंचाायत के मंच पर पहुंचे तो पूरा पंडाल नारों से गूंज उठा।
सिकंदरपुर में आयोजित किसान महापंचायत में किसान ट्रैक्टर और अन्य साधनों से पहुंचे तो आसपास मेले सा नजारा दिखने लगा। सुबह 11 बजे से प्रस्तावित कार्यक्रम में देरी के बीच किसान नेता राकेश टिकैत के आगमन की बेसब्री लोगों में खूब नजर आई।
आयोजन स्थल पर कुछ किसान हल लेकर पहुंचे तो वहीं गोरखपुर के संजय यादव गले में बाटी की माला पहनकर पहुंचे तो लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गए। कृषि कानून को लेकर गाजीपुर बार्डर पर संजय काफी दिन तक डटे रहे हैं। राष्ट्रीय संयुक्त किसान मोर्चा के अध्यक्ष राकेश टिकैत किसान महापंचायत के दौरान किसानों को संबोधित करेंगे। आयोजन में 40 संगठन शामिल किए गए हैं। वहीं समाजवादी पार्टी ने भी इस किसान महापंचायत की जनसभा को समर्थन दिया है।
बलिया की क्रांतिकारी भूमि से उठेगी किसान आंदोलन की नई चिंगारी
राष्ट्रीय किसान संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन की नई चिंगारी बलिया की क्रांतिकारी भूमि से ही उठेगी। बलिया भूमि क्रांतिकारी योद्धाओं की भूमि रही है और आजादी की लड़ाई में बलिया ने ही क्रांति की नई दिशा दी थी।
सिकंदरपुर में आयोजित किसान महापंचायत में भाग लेने जा रहे टिकैत रसड़ा के प्यारेलाल चौराहे पर बुधवार को दोपहर लगभग 12.30 बजे पहुंचे। यहां सैकड़ों की संख्या में किसानों एवं सपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। पत्रकारों से वार्ता करते हुए अपने संक्षिप्त संबोधन में उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार हमारी आवाज को दबा नहीं सकती है और जब तक तीन नये कृषि कानूनों को समाप्त नहीं किया जाता व एमएसपी को कानूनी दर्जा नहीं दिया जाता तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।
उन्होंने जनपद के क्रांतिकारी नौजवानों को आह्वान किया कि वे इस आंदोलन से जुड़ें और देश को एक नई दिशा प्रदान करें। यह पूछे जाने पर पूर्वांचल में आपने बलिया में ही किसान महापंचायत का निर्णय क्यों लिया इस पर उन्होंने कहा कि बलिया ने ही आजादी में स्वतंत्रता आंदोलन का बिगुल फूंका था और आज किसानों की महापंचायत यह साबित कर देगी कि किसानों की न्यायोचित मांगों को पूरा होने तक यह आंदोलन अनवरत जारी रहेगा।