अयोध्‍या में रामलला का दर्शन कैसे मिलेगा, प्रसाद कहां ले सकेंगे? यहां जानिए हर सवाल का जवाब

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(www.arya-tv.com) भव्‍य राम मंदिर निर्माण और प्राण प्रतिष्‍ठा समारोह से जुड़े काम तेजी से निपटाए जा रहे हैं। रविवार को निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक हुई। इसमें कई फैसले लिए गए।

निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए निर्माण के कार्य समय से पूरे हो जाएंगे। बैठक में अंतरराष्‍ट्रीय मानक के मुताबिक निर्माण और व्‍यवस्‍था को लेकर मंथन किया गया है।

राजकीय निर्माण निगम के अलावा कई विशेषज्ञ एजेंसियों को म्‍यूजियम के डीपीआर तैयार करने की जिम्‍मेदारी सौंपी गई। चूंकि अब इस म्‍यूजियम के संचालन की सारी जिम्‍मेदारी मंदिर ट्रस्‍ट की है।

इसलिए इसे अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर का म्‍यूजियम विकसित करने की योजना पर काम किया जाएगा ।

प्रसाद का वितरण परकोटा से

मंदिर ट्रस्‍ट के ट्रस्‍टी डॉ अनिल मिश्र ने बताया कि श्रद्धालुओं को दर्शन स्‍थल पर प्रसाद नहीं मिल पाएगा। उन्‍हें दर्शन के बाद लौटते समय दर्शन मार्ग के पास परकोटा से प्रसाद मिलेगा। दर्शन सुलभ और त्‍वरित हो सके, इसीलिए प्रसाद की प्रसाद वितरण की ऐसी व्‍यवस्‍था की गई है।

राम मंदिर के निर्माण की योजना पर तेज गति से कार्य कराया जा रह है। राम मंदिर का निर्माण तीन फेज किया जा रहा है। 25 दिसंबर को पहले फेज का काम पूरा हो जाएगा। 22 जनवरी 2024 को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

पीएम नरेंद्र मोदी इस आयोजन के मुख्य अतिथि होंगे। 27 जनवरी से यह मंदिर आम भक्त जनों के लिए खुल जाएगा। निर्माण के आखिरी चरण की तस्वीरें लोगों को मंत्रमुग्ध कर रही हैं।

अयोध्या राम मंदिर का निर्माण नागर शैली में कराया जा रहा है। भव्य राम मंदिर को लेकर दावा किया गया है कि इसमें एक हजार साल तक मरम्मत कराने की जरूरत नहीं होगी।

अयोध्या में बन रहा राम मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना होगा। नक्काशीदार पत्थरों से बने इस मंदिर की भव्यता अभी से ही दिखाई देने लगी है।

राम मंदिर के गर्भगृह की निर्माण की प्रक्रिया को पूरा कराया गया है। यहीं पर रामलला को विराजमान किया जाएगा। गर्भगृह के बाहर से भक्तों को भगवान दर्शन देंगे।

राम मंदिर के गर्भगृह के गुंबद में शानदार नक्काशी की गई है। यह मंदिर की भव्यता को अलग ही लुक दे रहा है। प्रत्येक कर्व पर देवी- देवताओं की तस्वीरें अंकित की गई हैं।

राम मंदिर के प्रथम तल यानी ग्राउंड फ्लोर का निर्माण कार्य पूरा होने के साथ ही इसके भव्यतम स्वरूप की बानगी दिखने लगी है। निर्माण में लगे कारीगर फिनिशिंग के काम में जुटे हुए हैं।

राम मंदिर का निर्माण में लगे पत्थरों पर बनाई गई आकृतियां खराब नहीं होंगी। इसको लेकर लगातार दावे किए जा रहे हैं।

अयोध्या राम मंदिर को लेकर गुलाबी पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। भक्तों को आकर्षित करने में मंदिर सफल हो रही है। 27 जनवरी 2024 से भक्तों का यहां बड़ी संख्या में पहुंचना तय है।

राम मंदिर के पहले फेज का कार्य पूरा होने के बाद दूसरे फेज के निर्माण ने भी गति पकड़ ली है। दूसरे फेज में राम मंदिर के प्रथम तल पर निर्माण कार्य को पूरा जा रहा है। इस कार्य को दिसंबर 2024 में पूरा कराए जाने की तैयारी है।

ऐसे मिलेंगे दर्शन

मंदिर में रामलला के दर्शन 30 फुट की दूरी से हो सकेंगे। श्रद्धालु पूरब दिशा से दर्शन के लिए प्रवेश करेंगे। सिंह द्वार से आगे बढ़ते ही वे रामलला के सामने होंगे। रामलला का दर्शन कर वह बाएं घूमेंगे। उसके बाद आगे पीएफसी भवन से सामान लेकर बाहर निकल जाएंगे। लेकिन कुबेर टीला जाने के लिए उनके पास अनुमति पत्र होना चाहिए।

यात्री सुविधा केंद्र में रख सकेंगे जूते-चप्‍पल और अन्‍य सामान

यात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का बहुमंजिली भवन लगभग तैयार हो गया है। इसको जोड़ने वाले रास्‍ते में सामानों की चेकिंग के स्‍कैनर लगाने का काम 15 दिनों में पूरा हो जाएगा।

15 दिनों के अंदर पीएफसी में लाकर भी लगने शुरू हो जाएंगे। इस यात्री सुविधा केंद्र पीएफसी में यात्री अब छोटे सामानों को लेकर मंदिर के अंदर जा सकेंगे।

इसमें वे अपने बैग, जूता, चप्‍पल आदि दर्शन के दौरान रखकर कुछ समय के लिए विश्राम भी कर सकेंगे और दर्शन के बाद बाहर निकलने समय कलेक्‍ट कर सकेंगे। पीएफसी का निर्माण का बचा कार्य 20 दिनों में पूरा हो जाएगा।

पुराने पुजारी ही सभांलेंगे जिम्‍मेदारी

भगवान राम के अस्‍थाई मंदिर में कार्यरत पुजारियों की टीम भव्‍य राम मंदिर में भी रामलला की पूजा और सेवा कार्य करेगी ।