मनीष हत्याकांड में होटल प्रबंधन की भी भूमिका संदिग्ध, एसआइटी ने सील की होटल की लिफ्ट

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(www.arya-tv.com) मनीष हत्याकांड में होटल प्रबंधन की भी भूमिका को संदिग्ध माना जा रहा है। कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने भी होटल प्रबंधन के लोगों पर मिलीभगत का आरोप लगाया था। एसआइटी पिछले चार दिनों में तीन बार होटल में जांच को लेकर जा चुकी है।

उसने दो दिन पूर्व होटल की लिफ्ट को भी अस्थायी तौर पर सील कर दिया है और होटल मालिक को इसके लिए सख्त हिदायत दी है कि किसी भी दशा में अगले कुछ दिनों तक लिफ्ट का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा प्रवेश द्वार सहित कई स्थानों पर प्लास्टिक चिपका दिया है। ताकि जरूरत पड़ने पर वहां से भी कुछ आवश्यक साक्ष्य जुटाया जा सके।मनीष की पत्नी ने भी होटल कर्मचारियों पर लगाया था मिलीभगत का आरोप

मनीष हत्याकांड को लेकर पहले ही दिन से होटल प्रबंधन की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। घटना के दूसरे दिन होटल में घुसते ही मनीष की पत्नी ने आरोप लगाया था कि जिस होटल में उनके पति की हत्या हुई वहां से साक्ष्य मिटाए गए हैं।

उन्होंने कहा था कि पति की मौत के बाद होटल में कहीं पर खून नहीं दिखा था, जबकि खून से सना तौलिया रूम नंबर 512 में बेड के नीचे से बरामद हुआ था। ऐसे में कमरे से साक्ष्य मिटाना भी बड़ा अपराध है। मनीष की पत्नी ने आरोप लगाया था कि बिना होटलवालों के मिलीभगत के यह संभव नहीं है।

आरोपों को कानपुर एसआइटी (विशेष जांच दल) ने गंभीरता से लिया। इसकी देन है कि होटल में एसआइटी अभी तक तीन बार जांच कर चुकी है। उसने कई स्थानों से मौके से खून का नमूना और कई आवश्यक वस्तुओं को विधि विज्ञान प्रयोगशाला में जांच के लिए संग्रहीत भी किया है।एफआइआर दर्ज होने के बाद खुली जुबान

पुलिस ने होटल पर रात में पहली बार दबिश नहीं दी थी, बल्कि पूर्व में भी करीब चार बार पुलिस होटल पर दबिश दे चुकी थी। इससे भी पुलिस व होटल प्रबंधन के मिलीभगत के आरोप लगते रहे। बावजूद इसके अभी तक होटल मालिक ने इसे लेकर कोई शिकायत नहीं की है। हालांकि मनीष हत्याकांड में मुकदमा दर्ज होने के बाद होटल मालिक एक-एक पुलिस ज्यादती बयां कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह उनकी गलती है कि वह पहले अधिकारियों को सूचित नहीं कर सके थे।