हिन्दवी की तीसरी वर्षगाँठ पर ‘हिन्दवी उत्सव’ का आयोजन

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 हिंदी साहित्य के संरक्षण और प्रोत्साहन के लिए समर्पित रेख़्ता फ़ाउंडेशन के उपक्रम, हिन्दवी [hindwi.org] ने अपने तीन वर्ष सफलता के साथ पूरे कर लिए हैं। अपनी तीसरी वर्षगांठ पर हिन्दवी ने ‘हिन्दवी उत्सव’ के रूप में 30 जुलाई को लखनऊ के संगीत नाटक अकादमी में एक भव्य आयोजन की घोषणा की है। प्रसिद्ध साहित्यकार शिवमूर्ति मुख्य अतिथि के तौर पर उत्सव की शोभा बढ़ाएंगे।

‘हिन्दवी उत्सव’ हिन्दवी [hindwi.org] का वार्षिक साहित्यिक आयोजन है, जिसका उद्देश्य हिंदी भाषा और साहित्य की समृद्ध विरासत का जश्न मनाना और हिंदी-भाषी समुदायों तथा साहित्य-संस्कृति प्रेमियों को करीब लाना है। यह उत्सव साहित्य एवं संवाद को बढ़ावा देने और हिंदी साहित्य के अमूल्य योगदान को रेखांकित करने का एक मंच प्रदान करता है।

‘हिन्दवी उत्सव’ का उद्घाटन दोपहर 3.50 बजे शुरू होगा। विशिष्ट अतिथि, प्रसिद्ध विद्वान, महत्त्वपूर्ण साहित्यिक हस्तियाँ और भाषा प्रेमी कार्यक्रम को गरिमा प्रदान करेंगे। उद्घाटन समारोह के बाद पहला सत्र चर्चा-परिचर्चा का होगा जिसमें डॉ. ज्ञान चतुर्वेदी, शालिनी माथुर और अखिलेश जैसे प्रतिष्ठित लेखक विचारोत्तेजक विषय ‘कठिन समय में कटाक्ष’ पर चर्चा करेंगे। इसके बाद उत्सव में काव्यात्मक अभिव्यक्ति के लिए कविता संध्या(कविता पाठ) का आयोजन होगा जिसमें कवि अरुण कमल, कुमार अंबुज, अजंता देव, यश मालवीय और सविता भार्गव जैसे देशभर से आए सम्मानित कवि अपनी रचनाओं का पाठ करेंगे।

कविता पाठ के बाद, साहित्य प्रेमी प्रसिद्ध भारतीय शास्त्रीय फ्यूज़न बैंड ‘षडज’ द्वारा एक साहित्यिक संगीत प्रस्तुति का आनंद ले सकेंगे। कबीर के छंदों की भावपूर्ण प्रस्तुति और विभिन्न शैलियों में संगीत प्रयोगों के लिए विख्यात षडज बैंड का प्रदर्शन दर्शकों के लिए न केवल विशिष्ट अनुभव होगा बल्कि यह ‘हिन्दवी उत्सव’ की प्रयोगधर्मी संस्कृति का भी परिचायक है।

इस अवसर पर रेख़्ता फ़ाउंडेशन के संस्थापक संजीव सराफ़ ने कहा, ”हिंदी भारत के विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों के बीच एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक-भाषाई संधि के रूप में कार्य करती है और समयानुसार विकसित और अनुकूलित होती रहती है। हिंदुस्तानी कला, साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण और प्रचार के लिए प्रयत्नशील रेख़्ता फ़ाउंडेशन, हिंदी भाषा के विभिन्न रंगों का जश्न मनाने के लिए ‘हिन्दवी उत्सव’ का आयोजन कर रहा है जो भारतीय दर्शन और जीवन शैली की रीढ़ है। ‘हिन्दवी उत्सव’ के पिछले संस्करण में साहित्य प्रेमियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी से प्रेरित होकर इस वर्ष यह उत्सव अधिक बड़ा और भव्य होगा, जिसमें हिंदी साहित्य से जुड़ी प्रमुख हस्तियाँ और कलाकार एकसाथ एक मंच पर आएँगे। मैं सभी साहित्य प्रेमियों को ‘हिन्दवी उत्सव’ में भागीदारी करने और हमारी गौरवपूर्ण साझा सांस्कृतिक विरासत का साक्षी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।”

हिंदी साहित्य को संरक्षित और प्रचारित करने की हिन्दवी (Hindwi.org) की प्रतिबद्धता अपने वार्षिक ‘हिन्दवी उत्सव’ के ज़रिए दृढ़ता के साथ जारी रहेगी। हिन्दवी ने भाषिक सजगता को प्रोत्साहित किया है और साहित्य प्रेमियों के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने का प्रयास किया है जहाँ हिंदी संस्कृति के विविध पहलुओं पर संवाद से लेकर नई खोज की जा सके, उत्सव मनाया जा सके। इस प्रक्रिया में हिन्दवी, जो कि ग़ैर-लाभकारी पहल है, ने ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ की घोषणा की है जो हिंदी की 11 विभिन्न बोलियों का शब्द-संग्रह है।

हिन्दवी (hindwi.org) ने प्रसिद्ध साहित्यकारों, सम्मानित कलाकारों, आकांक्षी कवियों और लेखकों सहित भाषा के प्रति समर्पित लोगों के बीच ज़रूरी अभिरुचियों को जन्म दिया है। हिन्दवी की वेबसाइट पर 1200+ कवियों, 14000+ कविताओं, 1300+ छंदों, 3000+ दोहों और 300+ लोकगीत उपलब्ध हैं। हिन्दवी का उद्देश्य है कि वह अपने इस प्रयत्न को निरंतर जारी रखे और हिंदी भाषा को सुंदर और प्रामाणिक रूप में प्रस्तुत कर पाए।