आर-पार के मूड में हैं हेमंत सोरन और अरविंद केजरीवाल, ईडी-सीबीआई को औकात बताने में खपा रहे अपनी पूरी ऊर्जा

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(www.arya-tv.com) विपक्षी दलों के इंडी अलायंस के तले गोलबंद होने के पीछे एक कारण कॉमन है। भ्रष्टाचार के मामले में नरेंद्र मोदी सरकार की खुली छूट मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब तक जितनी कार्रवाई की है, उनमें परोक्ष-प्रत्यक्ष तौर पर विपक्षी नेताओं की ही संलिप्तता पाई गई है।

विपक्ष का कहना है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार के इशारे पर जान-बूझ कर ईडी जैसी केंद्रीय जांच एजेंसियां उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। अब तो गैर भाजपा शासित राज्यों में ईडी को उसकी औकात बताने का सिलसिला ही चल पड़ा है।

बंगाल में ईडी के अफसरों की टीम पर तो अब हमले भी होने लगे हैं। हेमंत सोरेन, अरविंद केजरीवाल के बाद अब लालू यादव के बेटे और बिहार के डेप्युटी सीएम तेजस्वी यादव ने भी ईडी की नोटिस को गंभीरता से लेना छोड़ दिया है।

संविधान के साथ खिलवाड़ का आरोप भाजपा पर लगाने वाले विपक्षी नेता संविधान बचाने के लिए एकजुट तो हुए हैं, लेकिन संवैधानिक संस्थाओं को वे खुद ही ठेंगा दिखाने लगे हैं।

ईडी के पास विपक्षी नेताओं के भ्रष्टाचार के कई मामले

दिल्ली और छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले में ईडी ने दबिश दी तो झारखंड में उसे भष्टाचार का खजाना ही हाथ लग गया है। मनरेगा घोटाला, हजार करोड़ से अधिक का खनन घोटाला, टेंडर घोटाला, जमीन घोटाला जैसे झारखंड के कई मामले में अभी तक ईडी के संज्ञान में आ चुके हैं।

पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी, कोयला तस्करी, शिक्षक भर्ती घोटाला, नगर निकायों में भर्ती घोटाला जैसे अनगिनत घोटालों के सुराग ईडी-सीबीआई के हाथ लगने का सिलसिला बदस्तूर है। बिहार में लालू परिवार के घोटालों की फेहरिश्त लंबी नहीं है,

लेकिन रेलवे में नौकरी के बदले जमीन मामले में ईडी के हाथ कुछ ऐसे सुराग लगे हैं, जिन्हें विपक्ष के खिलाफ जान-बूझ कर भाजपा के इशारे पर की गई कार्रवाई कह कर कोई बेदाग नहीं हो सकता। तेजस्वी यादव का नाम जमीन के बदले नौकरी मामले में आया है।

ममता बनर्जी के बंगाल में पिट गई ईडी की टीम

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने तो ईडी की कार्रवाई को हमेशा खुन्नस में भाजपा के इशारे पर की जाने वाला काम बताया है। हालांकि इशारों-इशारों में उनकी पार्टी टीएमसी के नेता यह कबूल भी करते हैं कि कुछ नेताओं ने गलत काम किया है।

ममता समेत तमाम टीएमसी नेता ईडी के एक्शन का मौखिक विरोध तो करते रहे हैं। विपक्षी नेताओं की गोलबंदी कर वे सुप्रीम कोर्ट तक जा चुके हैं। राहत नहीं मिलने पर अब बंगाल में ईडी अधिकारियों पर हमले भी होने लगे हैं। शुक्रवार को उत्तर चौबीस पगना जिले के संदेशखाली में गई ईडी की टीम को घेर कर उद्दंडों ने पथराव किया। ईडी के कई अधिकारी घायल हुए। कुछ ने भाग कर जान बचाई।

राज्यपाल ने सख्त संदेश ममता बनर्जी को दिया, लेकिन उसी रात ईडी की टीम को घेरने की दोबारा कोशिश हुई। राशन वितरण घोटाले में बनगांव से गिरफ्तार एक अभियुक्त को ईडी की टीम जब लेकर लौट रही थी तो उसे घेरने की कोशिश हुई। केंद्रीय सपरक्षा बलों को टीम के बचाव में लाठी चार्ज करना पड़ा।

अरविंद केजरीवाल ने साफ जवाब दे दिया ईडी को

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से ईडी आबकारी नीति मामले में पूछताछ करना चाहता है। उन्हें अब तक तीन नोटिस ईडी ने भेजी है। पूछताछ में सहयोग करने के बजाय केजरीवाल उसे टालते रहे हैं।

तीसरी नोटिस पर भी हाजिर होने के बजाय वे तीन दिनों के गुजरात दौरे पर निकल गए। हालांकि अपनी गैरहाजिरी के बाबत उन्होंने ईडी को जवाब भेजा। पर, जवाब में उन्होंने ईडी पर ही तोहमत मढ़ दी।

उन्होंने अपने जवाब में दिल्ली में राज्यसभा चुनाव और 26 जनवरी की तैयारी का हवाला देकर हाजिर हने में असमर्थता जताई है। हां, यह जरूर कहा है कि मैं जांच में सहयोग के लिए तैयार हूं। आप सवालों की सूची भेजना चाहें तो मैं उनका जवाब दे दूंगा।

उन्होंने ईडी पर ही तोहमत मढ़ दी कि आपने मेरी ओर से उठाई आपत्ति का जवाब नहीं दिया। पहले समन से मिलता जुलता समन दोबारा भेज दिया। मैं यह मानता हूं कि आपके पास इन समन का कोई जस्टिफिकेशन नहीं है। यह एक तरह से ईडी को मिले कानूनी अधिकारों को सीएम केजरीवाल की सीधे चुनौती है।

हेमंत की हिम्मत की तो सब पर पड़ गई है भारी

झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की तो पूछिए ही मत। उन्होंने ईडी की सातवीं नोटिस को भी ठेंगे पर रखा। जवाब तो उन्होंने भी ईडी को भेजा और केजरीवाल की तरह की तोहमत मढ़ दी।

उन्होंने कहा कि बार-बार नोटिस से उनकी छवि खराब हो रही है। हालांकि हेमंत बार-बार यह अंदेशा जताते रहे हैं कि उन्हें साजिशन ईडी कभी भी गिरफ्तार कर सकता है।

गिरफ्तारी की हालत में भी झामुमो के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार चलती रहे, इसके वैकल्पिक उपायों पर मशविरा के लिए उन्होंने कई तैयारी भी कर ली है। गांडेय से अपने विधायक से इस्तीफा दिला कर सीट खाली करा ली है, ताकि जरूत-ए-नागहानी उस सीट से अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को चुनाव लड़ा सकें।

तैयारी तो यह भी बताई जाती है कि हेमंत की गिरफ्तारी हुई तो कल्पना को तुरंत सीएम घोषित कर दिया जाएगा। गांडेय की खाली सीट से चुनाव लड़ कर वह निर्वाचित सीएम बन जाएंगी।

तेजस्वी यादव ने भी अब दिखा दिया तल्ख तेवर

लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते जमीन लेकर लोगों को नौकरी देने का आरोप है। इस मामले में ईडी उनके बेटे तेजस्वी यादव से पूछताछ करना चाहता है। पांच जनवरी को उनसे पूछताछ होनी थी।

तेजस्वी ने अपनी व्यस्तताओं का हवाला देकर हाजिर होने से मना कर दिया। तेजस्वी की पार्टी आरजेडी के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने तो यहां तक कह दिया कि उनके पास इस बात की पक्की सूचना है कि तेजस्वी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।