फर्जी स्टांप बेचने के मामले में नाना-नाती सहित सात गिरफ्तार, करोड़ों का सामान बरामद

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(www.arya-tv.com)  यूपी के गोरखपुर में फेंक स्‍टाम्‍प की सप्लाई कर उसकी बिक्री करने के आरोप में बिहार के सिवान में छपाई करने वाले नाना-नाती और पांच नोटिफाई वेंडरों को अरेस्ट किया गया है. इनमें से एक आरोपी इसी तरह के मामले में साल 1986 और 2014 में पहले भी जेल जा चुका है.

आरोपियों के पास से 1 करोड़ 52 हजार 30 रुपए का फर्जी स्‍टाम्‍प बरामद किया गया है. पुलिस इस मामले में पहले ही एक आरोपी वेंडर को अरेस्ट कर जेल भेज चुकी है. अब इस मामले में आरोपी पूरे गैंग को अरेस्ट कर लिया गया है. इन सभी पर संगठित गैंग चलाने के आरोप में गैंगस्टर की कार्रवाई की जा रही है.

गोरखपुर के एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने शुक्रवार को पुलिस लाइन्‍स सभागार में घटना का खुलासा किया. उन्होंने बताया कि जनपद गोरखपुर में इसी साल जनवरी माह में एक अधिवक्‍ता की तरफ से किसी वाद में लगाए गए स्‍टाम्‍प पेपर को ट्रेजरी में रिफंड के लिए लगाया गया, तो पता चला कि वो ट्रेजरी से जारी नहीं किया गया था. इस स्‍टाम्‍प को लैब में जांच कराई गई तो ये फर्जी पाए गए.

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ कैंट के निर्देशन में एसआईटी का गठन किया गया था. इसे पहले एएसपी मानुष पारीख और बाद में एएसपी अंशिका वर्मा ने हेड किया. इसमें जिस वेंडर रवि दत्त मिश्रा, जिसने अधिवक्‍ता को ये स्‍टाम्‍प पेपर दिया गया था, उसे जनवरी में ही अरेस्ट कर जेल भेजा जा चुका है.

सिवान में छापे जा रहे थे नकली स्टाम्प पेपर

एसएसपी ने बताया कि उसकी गतिविधियों को स्टडी किया गया. एसआईटी ने पूरे गैंग को ट्रैप कर लिया है. बिहार के सिवान में इन स्‍टाम्‍प पेपर को प्रिंट किया जा रहा था. बिहार के सिवान जिले के नई बस्ती के रहने वाले आरोपी कमरुद्दीन और उनके नाती साहबजादे को अरेस्ट किया गया है. इनके पास से 1 करोड़ 52 हजार 30 रुपए के छापे हुए फेक स्‍टाम्‍प पेपर, लैपटॉप, पेपर, उपकरण, इंक को बरामद किया गया है. आगे चलकर इनके ऊपर गैंगस्टर की भी कार्रवाई की जाएगी.