गवर्नर ने दिए यूपीसीए के निदेशक/प्रोफेसर पर जांच आदेश

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(www.arya-tv.com) राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने मेरठ यूनिवर्सिटी के कुलपति को एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर युद्धवीर सिंह की कई शिकायतें की गई थी। कहा गया था कि वह उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएट (यूपीसीए) के निदेशक भी है। साथ ही यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी हैं। इस वजह से वह समय नहीं दे पाते और छात्र-छात्राओं की पढ़ाई पर असर पड़ता है।

सीएम पोर्टल पर की गई थी शिकायत

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति को आदेश देते हुए कहा गया है, कि यूपीसीए के पूर्व सचिव एवं निदेशक युद्धवीर सिंह के खिलाफ तदर्थ नियुक्ति, विनियमितीकरण और प्रोन्नति की शिकायतें दर्ज कराई गई थी। सीएम पोर्टल पर मेरठ कॉलेज के प्रोफेसर और यूपीसीए के पूर्व सचिव डॉ. युद्धवीर सिंह के खिलाफ दो लाभ के पदों पर कार्यरत रहने की शिकायत की गई थी। मामले में विशेष सचिव श्रवण कुमार सिंह ने उच्च शिक्षा निदेशक से जवाब भी मांगा था। उच्च शिक्षा निदेशालय ने जवाब मिलते ही शासन को भेज दिया था।

यूजीसी ने भी मामले को लिया है संज्ञान

शिकायतकर्ता मीना राजपूत का आरोप है कि महाविद्यालय के प्राचार्य पद पर रहे डॉ. युद्धवीर सिंह की सेवा पुस्तिका में हेरफेरी की है। मीना ने युद्धवीर पर आरोप लगाया है, कि विनियमितीकरण में शासन से सांठ-गांठ करके कराया है। यही नहीं, उन पर मेरठ कॉलेज शिक्षक वेलफेयर एसोशिएशन ने क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी मेरठ व अन्य उच्च अधिकारियों को आपत्ति दर्ज कराई थी। बताया जा रहा है कि इस मामले पर यूजीसी से भी एक जांच चल रही है।

स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर पड़ता है असर

उन पर आरोप लगा था कि यूपीसीए का पदाधिकारी होने के कारण वह यूनिवर्सिटी में समय नहीं दे पाते हैं। इस वजह से स्टूडेंट्स की पढ़ाई पर असर पड़ता है। वह यूनिवर्सिटी से अवकाश भी नहीं लेते और हर मैच में मौजूद रहते हैं। यह कैस संभव है कि वह दोनों जगह मौजूद रहते हैं। इन सभी मामलों की जांच के बाद शिकायत जब शासन तक पहुंची तो गर्वनर ने मेरठ यूनिवर्सिटी के कुलपति को इन सभी की बिंदुवार जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।