- गर्वित की सोच को भारत सरकार ने अपनाया
नवी मुंबई। कोपरखैरणे स्थित ग्रामीण आदि रिसर्च और वैदिक इनोवेशन ट्रस्ट के अंतर्गत विगत वर्ष बच्चों में मिट्टी के प्रति प्रेम पैदा करने के लिए आयोजित किए गए “मिट्टी सने हाथ” नामक प्रतियोगिता के विचार को भारत सरकार ने स्वीकार कर लिया और इस वर्ष मेरी माटी मेरा देश नामक अभियान 9 अगस्त से 15 अगस्त तक चलाया।
गर्वित के अध्यक्ष पर्यावरणविद् वैज्ञानिक विपुल लखनवी के अनुसार इसका कारण यह है कि हम अपने बच्चों को मिट्टी छूने पर हाथ गंदे हो जाएंगे यह कहकर डांट देते हैं इस कारण बच्चे मिट्टी से दूर होते हैं। उनको पेड़ पौधों से प्रेम नहीं होता और भी उसको नष्ट करने में कुछ समय नहीं लेते। जब उनको मिट्टी से प्रेम नहीं तो वह पर्यावरण से प्रेम नहीं सीखते हैं। तब देश प्रेम तो बहुत दूर की बात है।
इस अवसर पर गर्वित अपने सभी शुभचिंतकों को दानदाताओं को गर्वित परिवार के सदस्यों को और समाचार को स्थान देने वाली पत्रकारों एवं अन्य जनसामान्य को बधाई देता है और यह आश्वासन देता है कि समय-समय पर पर्यावरण के बचाने के लिए एवं भारतीय प्राचीन धरोहर को विज्ञान के माध्यम से जनमानस तक पहुंचाने एवं प्रचार करने के लिए कटिबंध है।