नेहरू के कांग्रेस कार्यालय पर लग सकता है सरकारी ताला:किराया बकाया होने पर मिला नोटिस

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(www.arya-tv.com) देश के पहले प्रधानमंत्री रहे पंडित जवाहर लाल नेहरू कभी इलाहाबाद अब प्रयागराज शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष हुआ करते थे। पंडित नेहरू का वह शहर कांग्रेस कमेटी का कार्यालय आज भी चल रहा है, लेकिन उस पर तालाबंदी का खतरा मंडरा रहा है। इस कार्यालय का किराया पार्टी की ओर से नहीं दिया जा रहा है।

मामले में कोर्ट ने अब पार्टी को सख्त निर्देश दिया है कि 15 जुलाई के पहले किराए का भुगतान किया जाय। ऐसा नहीं करने पर कांग्रेस कार्यालय पर सरकारी ताला भी लग सकता है।

पहली अध्यक्ष थीं कमला नेहरू
पहले स्वराज भवन में ही कांग्रेस पार्टी के कामकाज होते थे। 1907 में हीवेट रोड पर कांग्रेस का पहला कार्यालय खुला था। पहले अध्यक्ष के रूप में पंडित नेहरू की पत्नी कमला नेहरू को चुना गया। इसके बाद एक से बढ़कर एक दिग्गज नेता पीडी टंडन, कैलाश नाथ काटजू, मुज्जफर हसन, वीएन नाथ पांडेय आदि इस पद पर आसीन होते गए। हालांकि, किसी ने किराए और बिजली बिल के भुगतान के बारे में नहीं सोचा।

आजादी के बाद से नहीं जमा हुआ बिजली बिल

दरअसल, देश की आजादी के बाद से शहर कांग्रेस कमेटी कार्यालय का बिजली बिल नहीं जमा किया गया। यही कारण है कि अब तक इसका छह लाख रुपए से ज्यादा बकाया है। बिजली विभाग ने अब कार्यालय की लाइट काट दी है।

अब कांग्रेसी जुटाएंगे चंदा
शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रदीप मिश्रा अंशुमन ने बताया कि शहर कांग्रेस कमेटी कार्यालय किराए के मकान में चल रहा है। 3.45 लाख रुपए किराया बकाया है और 6.12 लाख रुपए बिजली का बिल बकाया है। बिजली विभाग के अधिकारियों से बात की गई है जिसमें करीब चार लाख रुपए छूट मिल जाएगी।

किश्त के हिसाब से हम लोग जमा कर देंगे। उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की तरफ से दो लाख रुपए दिए गए हैं। यह निर्देश भी मिला कि बाकी रकम पदाधिकारी जुटाकर जमा करें। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने भी 50 हजार रुपए दिए हैं।