गोरखपुर (www.arya-tv.com) कोविड संक्रमण काल में आक्सीजन की कमी से जूझ रहे स्वास्थ्य विभाग को सरकार व स्वयंसेवी संस्थाओं ने बड़ी राहत दी है। इस साल 578 आक्सीजन कंसंट्रेटर मिले हैं। सभी को विभिन्न अस्पतालों में भेज दिया गया है। जरूरत पडऩे पर इनसे मरीजों को आक्सीजन दिया जा रहा है।
साथ ही बड़े पैमाने पर आक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए हैं, ताकि अब मरीजों को आक्सीजन की कमी के चलते दिक्कत न होने पाए। सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय नियमित अस्पतालों में जाकर आक्सीजन कंसंट्रेटर का निरीक्षण कर रहे हैं। अभी तक कहीं भी खराब होने की जानकारी नहीं मिली है।
कई अस्पतालों में हो रहा है आक्सीजन कंसंट्रेटर का उपयोग
सीएमओ ने बताया कि सभी आक्सीजन कंसंट्रेटर विभिन्न अस्पतालों में भेज दिए गए हैं। टीबी अस्पताल, होम्योपथिक कालेज बड़हलगंज, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर इनका उपयोग किया जा रहा है। हर जगह वे ठीक स्थिति में हैं।
इससे मरीजों को बड़ी राहत मिली है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व जिला प्रशासन सहित अनेक जगहों से हमें आक्सीजन कंसंट्रेटर प्राप्त हुए हैं। इनका उपयोग मरीजों के हित में किया जा रहा है। इसके अलावा ज्यादातर आक्सीजन प्लांट तैयार हो गए हैं। नौ प्लांटों के आक्सीजन की जांच भी हो चुकी है, आक्सीजन शुद्ध मिला है।
यहां तैयार हो गए आक्सीजन प्लांट (क्षमता लीटर प्रति मिनट )
मेडिकल कालेज में- 1000
जिला अस्पताल- 960
महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में- 1200
चौरीचौरा सीएचसी- 500
टीबी अस्पताल- 400
कैंपियरगंज सीएचसी- 300
हरनही सीएचसी- 300
एम्स- 400
होम्योपैथी कालेज- 300
यहां प्लांट लगभग तैयार
सहजनवां सीएचसी- 333
चरगांवा सीएचसी- 250
पिपरौली सीएचसी- 500
बीआरडी- 1000
जिला अस्पताल- 1000
महिला अस्पताल- 1000
बासगांव सीएचसी- 166
इतने आक्सीजन कंसंट्रेटर यहां से मिले
335 मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन
74 पीएम केयर फंड
20 मुख्यमंत्री आवास
10 सीएमओ मऊ
05 आक्सफैम इंडिया
03 एसडीएम सदर
05 जिलाधिकारी
40 पेटीएम
10 इंडिया रेडक्रास
26 एडी हेल्थ
50 अन्य
आक्सीजन के मामले में आत्म निर्भर हुआ गोरखपुर
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि अब हम आक्सीजन को लेकर आत्मनिर्भर हो चुके हैं। जरूरत पडऩे पर आक्सीजन की कमी नहीं होने पाएगी। हालांकि अभी प्लांटों पर री-फिलिंग की व्यवस्था नहीं है, इसलिए जहां प्लांट लगे हैं, वहां से आक्सीजन दूसरे अस्पतालों में नहीं भेजा जा सकता, लेकिन संबंधित अस्पताल में आक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था हो गई है।